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4 बार रिमाइंडर के बाद भी चुप, नहीं माने तो... छात्रों के सुसाइड को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, IIT और IIM को दी चेतावनी

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने IIT और IIM जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों को चेतावनी दी है कि अगर वे आत्महत्या संबंधी सर्वेक्षण में भाग नहीं लेंगे तो उन्हें कड़ा आदेश भुगतना पड़ सकता है. बता दें कि यह सर्वे कोर्ट ने एक हाई लेवल टास्क फोर्स को सौंपा है, जिसमें मनोचिकित्सक, सामाजिक विशेषज्ञ आदि शामिल हैं.

4 बार रिमाइंडर के बाद भी चुप, नहीं माने तो... छात्रों के सुसाइड को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, IIT और IIM को दी चेतावनी
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( Image Source:  sora ai )

Supreme Court: कॉलेज-स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों पर अच्छे नंबर लाने का दबाव बढ़ता जा रहा है. सबसे आगे निकलने की होड़ में वह तनाव में आ जाते हैं. कई बार यह तनाव आत्महत्या में बदल जाता है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने IIT और IIM जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों को चेतावनी दी.

हाल ही में स्टूडेंट्स से जुड़े सुसाइड केस के बारे में सर्वेक्षण कराने की बात सामने आई, जिसमें IIT और IIM जैसे संस्थान शामिल नहीं हुए. इस पर जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने नाराजगी जाहिर की. बेंच ने कहा कि अगर आप आत्महत्या संबंधी सर्वेक्षण में भाग नहीं लेंगे तो उन्हें कड़ा आदेश भुगतना पड़ सकता है.

सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा

कोर्ट ने बताया कि 2018 से अब तक लगभग 98 छात्रों ने इन संस्थानों में आत्महत्या की है, जिनमें से 39 IITs से, 4 IIMs से और बाकी केंद्रीय विश्वविद्यालयों व अन्य संस्थानों से. लेकिन 57,000 से ज्यादा शिक्षा संस्थान, जिनमें कई IIT, IIM, AIIMS और NIT शामिल हैं, इस सर्वेक्षण में सहयोग नहीं कर रहे हैं.

सर्वे का उद्देश्य

मामले की सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि इस सर्वेक्षण का उद्देश्य है यह समझना कि सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक दबाव और मानसिक स्वास्थ्य के कारण छात्र आत्महत्या क्यों करते हैं और इन्हें रोकने के उपाय क्या हो सकते हैं. इसका पता लगाना है, जिससे इस गंभीर मामलों पर रोक लगाई जा सके.

केंद्र सरकार को दिया निर्देश

कोर्ट ने इस मामले पर केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह इन संस्थानों को सर्कलर जारी करे और उन्हें इस सर्वेक्षण में शामिल होने के लिए प्रेरित करे. अगर ये संस्थान अंतिम मौके के बाद भी निर्देशों का पालन नहीं करते, तो अदालत उन्हें ऐसे आदेश दे सकती है जो उन्हें स्वीकारना मुश्किल हो. बता दें कि यह सर्वे कोर्ट ने एक हाई लेवल टास्क फोर्स को सौंपा है, जिसमें मनोचिकित्सक, सामाजिक विशेषज्ञ आदि शामिल हैं.

रिमाइंडर भेजने के बाद भी अनदेखी

सीनियर वकील और एमिकस क्यूरी अपर्णा भट ने बताया कि 17 IIT, 15 IIM, 16 एम्स और 24 NI सहित कई संस्थान को 4 बार रिमाइंडर भेजा गया. इसके बाद भी वह सर्वे में शामिल नहीं हुए. हैरानी की बात यह है कि सर्वेक्षण सुप्रीम कोर्ट की ओर से कराया जा रहा है, जिससे कैंपस में बढ़ते सुसाइड के कारणों का पता लगा सकें. कोर्ट के सर्वे में भी शामिल न होना नियमों का उल्लंघन है. सर्वे में सिर्फ 3,500 संस्थानों ने ही जवाब लिया है.

सुप्रीम कोर्ट
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