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एग्जाम का इतना स्ट्रेस, पढ़ाई छोड़ने तक का बना लिया मन; 1927 छात्रों के लिए वरदान बनी ये हेल्पलाइन

बोर्ड एग्जाम से पहले बच्चों में कई तरह के स्ट्रेस देखे जाते हैं. उनके लिए यह स्ट्रेस आम नहीं. गुजरात बोर्ड की ओर से रिपोर्ट जारी की गई. जिसमें खुलासा हुआ कि बोर्ड्स एग्जाम को लेकर छात्रों का स्ट्रेस इस कदर बढ़ जाता है कि कई छात्र परीक्षा छोड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं. अब तक 1900 से भी अधिक छात्रों ने बोर्ड द्वारा जारी की गई हेल्पलाइन पर क्वेरी को दूर किया है.

एग्जाम का इतना स्ट्रेस, पढ़ाई छोड़ने तक का बना लिया मन; 1927 छात्रों के लिए वरदान बनी ये हेल्पलाइन
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( Image Source:  Representative Image- Freepik )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 27 Feb 2025 2:10 PM IST

गुजरात में 27 फरवरी गुरुवार से बोर्ड एक्गाम शुरू हुए. आपको बता दें कि आज से एक महीने पहले, यानी जनवरी में बोर्ड द्वारा एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया था. इस हेल्पलाइन नंबर ने काफी छात्रों की मदद की. दरअसल एग्जाम से पहले कई तरह के स्ट्रेस बच्चों में देखे जाते हैं. फिर वो चाहे अच्छी परफॉरमेंस का हो, परीक्षा में सब याद रहे इस बात का हो, या फिर अच्छे मार्क्स से पास हो जाए इसका प्रेशर ही क्यों न हो.

बच्चों के इसी प्रेशर को कम करने के लिए गुजरात सेकंड्री एजुकेशन बोर्ड (GSHSEB) ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया था. इस नंबर से छात्रों को होने वाले स्ट्रेस को दूर किया जाने वाला था. अब इसे लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है. जिसमें बताया गया कि परीक्षा से पहले कितने छात्रों ने इस हेल्पलाइन नंबर का सहारा लिया और अपनी कंफ्यूजन और डर को दूर किया.

कितनी कॉल्स की रिसीव

दरअसल GSHSEB की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई. इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 1,927 छात्रों के कॉल्स उन्होंने इस एक महीने के अंदर मिले. कई तरह की कंफ्यूजन्स पर इस हेल्पलाइन के जरिए सुनवाई हुई. जैसे अच्छी तरह प्रिपेयर होने के बाद भी छात्रों को सेल्फ डाउट था. जिसे दूर किया. कई ने बताया कि एग्जाम के स्ट्रेस के कारण रात की नींद डिस्टर्ब हुई. सुबह उठते तो आंखों में नींद भरी होती थी. इस तरह की समस्याओं से कई छात्र परेशान थे.

हेल्पलाइन नंबर पर मांगी गई टिप्स

इस हेल्पलाइन का मकसद ही छात्रों की मदद करना था. इसलिए जब इन छात्रों के कॉल्स रिसीव हुए तो सभी की समस्याओं को दूर किया गया. जो बच्चे परीक्षा से पहले डिमोटीवेट फील कर रहे थे तो उन्हें पॉजिटीव रहने की सलाह दी गई. कई छात्रों ने खुद भी यह सवाल किया कि ऐसे समय में पॉजिटीव कैसे रहा जाए, इन सभी सवालों के जवाब छात्रों को मिले. इस तरह हेल्पलाइन नंबर सफल रही.

एग्जाम के कारण पढ़ाई छोड़ने को तैयार

GSHSEB एग्जाम सेक्रेटरी दिनेश पटेल ने 'द इंडियन एक्स्प्रेस' के साथ खास बातचीत की और बताया कि बोर्ड एग्जाम का स्ट्रेस छात्रों के लिए ऐसा है कि वो पढ़ाई छोड़ने तक तैयार हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास अधिकतर ऐसे कॉल्स मिलते हैं, जहां छात्र कहते हैं कि उनकी तैयारी पूरी होती है. लेकिन उन्हें खुद पर शक होता है, कि वो कैसा परफॉर्म कर पाएंगे. खास तौर पर यह कॉल उस समय आते हैं जब एग्जाम की तारीख काफी नजदीग होती हैं. उन्होंने 12वीं क्लास की साइंस के पेपर का उदहारण दिया.

उन्होंने कहा कि छात्रों ने पहले से ही तैयारी कर ली है. लेकिन उन्हें स्ट्रेस के कारण ऐसा लगता है कि कुछ याद नहीं या फिर जो पढ़ा है वो भूल गए. यहां तक की कुछ तो पढ़ाई छोड़ने का फैसला ले लेते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे काउंसलर्स उन्हें समझाते हैं कि पढ़ाई छोड़ने का लाभ नहीं होगा. एक साल बर्बाद होगा.

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