इस गांव में शादी के बाद महिलाओं को बिना कपड़े बिताने पड़ते हैं सात दिन
भारत में एक गांव है जहां शादी के बाद महिलाओं को बिना कपड़े के एक हफ्ता रहना पड़ता है. इस परंपरा को निभाने में गांव वालों को कोई परेशानी नहीं. इसे खुशी से निभाया जाता है. यहां तक की ग्रामीणों का मानना है कि इस परंपरा को निभाने से उनके गांव में खुशहाली आएगी और गांव आगे बढ़ेगा.

भारत में शादी का बहुत बड़ा महत्व होता है. अकसर बड़े बुजुर्गों से आपने ये कहते जरूर सुना होगा कि शादी सिर्फ दो व्यक्तियों के बीच नहीं बल्कि दो परिवारों के बीच होती है. शादी एक ऐसा इवेंट होता है जो परिवारों को मिलाने का काम करता है. दोनों परिवार एक दूसरे के रीति रिवाज को समझते हैं, पहचानते हैं. यहां तक की खुशी से उसे स्वीकार भी करते हैं.
क्योंकी भारत में हर समाज के लोग रहते हैं, तो सभी के अपने-अपने रीति रिवाज होते हैं. कई भारतीयों के तो ऐसे रिवाज और परंपरा होती हैं, जो शायद आपको हैरान कर दें. ऐसी एक परंपरा जिसे आज भी एक गांव में निभाया जाता है उसकी जानकारी हम आपके लिए लाए हैं. दरअसल एक गांव हैं जहां शादी के बाद महिलाएं कपड़े के रहती हैं. जी हां आपने बिल्कुल सही सुना. अब आपके मन में सवाल उठा होगा कि ऐसा कौन सा गांव है, इस गांव के नाम और इस परंपरा के बारे में आइए जानते हैं.
हिमाचल प्रदेश में बसा ये गांव
आपसे जिस गांव की बात कर रहे हैं, वो हिमाचल प्रदेश के मनिकर्ण घाटी में बसा है. पिनी गांव के नाम से आप इस जगह को जान सकते हैं. जहां इस अनोखी परंपरा को निभाया जाता है. यहां परंपरा निभाई जाती है कि शादी के बाद दुल्हन बिना कपड़ों के एक हफ्ते तक रहना पड़ता है. जब तक इस परंपरा का समय नहीं बीतता उस दौरान तक दुल्हा और दुल्हन आपस में बातचीत नहीं करते. हालांकि इस परंपरा से किसी को कोई आपत्ति भी नहीं. यहां रहने वाले लोग इसे निभाते हैं.
क्या है कारण?
ग्रामीणों का कहना है कि इस परंपरा को निभाने से समुदाय का लाभ होता है. गांव में खुशहाली आती है. यह परंपरा नई नहीं पुराने समय से चलती हुई आ रही है. इसलिए उन्हें ऐसी परंपरा पर विश्वास भी है. लेकिन अगर कोई बाहर का व्यक्ति इसे सुनता है तो जरूर उसे अजीब लगता है.