सरकार का यू-टर्न? ऑपरेशन सिंदूर में ब्लॉक हुए कई PAK अकाउंट फिर ऑनलाइन! सरकार की चुप्पी पर उठे सवाल
भारत के काउंटर-टेरर ऑपरेशन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत बैन किए गए कुछ पाकिस्तानी न्यूज़ वेबसाइट्स और सेलेब्रिटी सोशल मीडिया अकाउंट्स एक बार फिर ऑनलाइन सक्रिय होते दिखाई दे रहे हैं. हालांकि भारत सरकार की ओर से अब तक इस प्रतिबंध को हटाने को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.

भारत के काउंटर-टेरर ऑपरेशन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत बैन किए गए कुछ पाकिस्तानी न्यूज़ वेबसाइट्स और सेलेब्रिटी सोशल मीडिया अकाउंट्स एक बार फिर ऑनलाइन सक्रिय होते दिखाई दे रहे हैं. हालांकि भारत सरकार की ओर से अब तक इस प्रतिबंध को हटाने को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक 'नियमित समीक्षा के बाद कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स को दोबारा बहाल किया गया है, लेकिन अधिकतर हैंडल अब भी ब्लॉक हैं.
अब भी ब्लॉक हैं 14,000 से ज्यादा पाकिस्तानी हैंडल
सूत्रों के अनुसार, लगभग 14,000 पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट्स अब भी प्रतिबंधित सूची में हैं. बताया गया कि जिन अकाउंट्स को बहाल किया गया है, उन्होंने बीते समय में भारत विरोधी बयानबाज़ी नहीं की है, जो पहले ब्लॉक का मुख्य कारण था.
Shahid Afridi से Shoaib Akhtar तक, बड़े नामों पर लगा था बैन
मई 2025 की शुरुआत में भारत सरकार ने पाकिस्तान के कई मीडिया और मनोरंजन चैनलों के साथ-साथ चर्चित शख्सियतों पर डिजिटल प्रतिबंध लगाए थे. शाहिद अफरीदी, शोएब अख्तर, असमा शिराज़ी, मुनिब फारूक, इरशाद भट्टी, राज़ी नामाह और सय्यद मुज़म्मिल शाह जैसे पत्रकार और पूर्व क्रिकेटर इन बैन का सामना कर चुके हैं. Afridi का यूट्यूब चैनल और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उनके अकाउंट्स भारत में प्रतिबंधित कर दिए गए थे, जब उन्होंने भारतीय सेना और जनता को लेकर भड़काऊ बयान दिया था.
इन मीडिया चैनलों पर भी चली थी सेंसर की कैंची
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत में जिन बड़े पाकिस्तानी मीडिया चैनलों को ब्लॉक किया गया था, उनमें Dawn News, Geo News, ARY News, Bol News, Samaa TV, GNN, Suno News HD और The Pakistan Reference प्रमुख हैं. ये सभी चैनल मिलकर करीब 6.3 करोड़ सब्सक्राइबर को कंटेंट मुहैया कराते थे.
खेल और एंटरटेनमेंट चैनल भी थे निशाने पर
सिर्फ न्यूज़ ही नहीं, बल्कि कई खेल और मनोरंजन से जुड़े यूट्यूब चैनल्स जैसे Samaa Sports, Uzair Cricket, Hum TV को भी ब्लॉक किया गया था. ये सभी प्लेटफॉर्म कथित तौर पर भारत विरोधी एजेंडा फैलाने और पब्लिक सेंटिमेंट को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे. सरकारी सूत्रों का कहना है, 'किसी भी अकाउंट पर स्थायी प्रतिबंध नहीं लगाया जाता. ये एक मानक प्रक्रिया के तहत समय-समय पर समीक्षा के बाद तय होता है कि किसे बैन में रखा जाए और किसे नहीं.