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स्‍वदेशी मिसाइल 'प्रलय' पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में होगी शामिल, क्‍या हैं इसकी खूबियां

गणतंत्र दिवस के मौके पर हर साल की तरह इस साल भी परेड आयोजित की गई. इस परेड में भारतीय वायुसेना के 22 लड़ाकू विमान, 11 परिवहन विमान और सात हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे. ये विमान वायुसेना के 10 अलग-अलग ठिकानों से उड़ान भरेंगे. इस बार पहली बार प्रलय मिसाइल को भी परेड में शामिल किया जा रहा है.

स्‍वदेशी मिसाइल प्रलय पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में होगी शामिल, क्‍या हैं इसकी खूबियां
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( Image Source:  Social Media: X )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 21 Jan 2025 6:06 PM IST

26 जनवरी गणतंत्र दिवस की तैयारी जोरो-शोरों पर हैं. हर साल की तरह इस साल भी गणतंत्र दिवस पर परेड का आयोजन किया गया. इसी परेड के माध्यम से भारतीय डिफेंस की ताकत और तकनीकी का शानदार प्रदर्शन किया जाने वाला है. इस बार इस परेड में 'प्रलय' मिसाइल भी वहां मौजूद लोगों का अट्रैक्शन बनने वाली है. दरअसल स्ट्रैटेजिक बैलिस्टिक मिसाइल प्रलय और पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट सिस्टम को परेड में शामिल किया गया है. आज हम आपको इसी मिसाइल की खासियत की जानकारी देने आए हैं.

500 किलोमीटर दूर टारगेट को चटा सकता धूल

वहीं गणतंत्र दिवस की इस परेड में प्रलय का भी खास प्रदर्शन होने वाला है. इसकी खासियत की अगर बात की जाए तो इस मिसाइल को 500 किलोमीटर तक के दायरे में दुश्मन और उनके ठिकानों को नष्ट करने की क्षमता दी गई है. जानकारी के अनुसार भारत-चीन की सीमा पर इसे तैनात किया गया है. इसे तैयार करने का मकसद दुश्मनों को भारी नुकसान पहुंचाना है. यह जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल है. इसमें एक खासियत ये भी है कि इसकी डायरेक्शन को हवा में भी बदला जा सकता है.

इन खूबियों से लैस है प्रलय

- 'प्रलय' छोटी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है, जो 500-1,000 किलोग्राम तक का पेलोड ले जा सकती है

- यह मिसाइल पारंपरिक हथियार ले जाने में सक्षम है. इसकी मारक क्षमता 150 से 500 किलोमीटर है

- इस मिसाइल की रफ्तार 1 से 1.6 मैक के करीब है

- प्रलय मिसाइल शॉर्ट रेंज बलिस्टिक मिसाइल है

- प्रलय पूरी तहर स्‍वदेशी मिसाइल है और इसे DRDO ने डिवेलप किया है

- इस मिसाइल का इस्‍तेमाल सतह से सतह पर मार करने के लिए किया जा सकता है

- लॉन्च करने के बाद जरूरत पड़ने पर हवा में ही प्रलय की दिशा बदली जा सकती है

- प्रलय का पहला परीक्षण दिसंबर 2021 में किया गया था

- इस मिसाइल की तुलना चीन की डों फेंग 12 और रूस के इस्केंडर से की जा सकती है


क्या कुछ होगा खास

इस बार परेड की थीम ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ है. इस बार होने वाली परेड में अत्याधुनिक हथियार, मिसाइल सिस्टम, टैंक, आधुनिक कम्युनिकेशन संयंत्र व खास वाहन शामिल है. इसी के साथ पहली बार प्रलय मिसाइल को पहली बार लाया जाएगा. साथ ही नाग मिसाइल सिस्टम, टी-90 भीष्म टैंक, सारथ टैंक, ब्रह्मोस मोबाइल लॉन्चर, चेतक ऑल टेरेन वाहन, बजरंग लाइट स्पेशलिस्ट वाहन, अग्निबाण मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर कर्तव्य पथ पर नजर आएंगे.

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