क्या विमान का पिछला हिस्सा है सुरक्षित, SK और अजरबैजान एयर क्रैश के बाद आई चौंकाने वाली रिपोर्ट
South Korea & Azerbaijan air crashes: दक्षिण कोरिया और अज़रबैजान हवाई दुर्घटनाओं में विमान के पिछले हिस्से पर बैठे लोगों की जान बची है या कम घायल हुए हैं. बैठने की जगह और बचने की दर पर स्टडी रिपोर्ट क्या कहती है.

South Korea & Azerbaijan air crashes: दक्षिण कोरिया और अज़रबैजान हवाई दुर्घटनाओं ने लोगों का दिल दहला कर रख दिया. सबसे खतरनाक एयर क्रैश में से एक दक्षिण कोरिया में हुई एक्सिडेंट में 181 लोग विमान पर सवार थे, जिनमें से सिर्फ दो लोगों की जान बच पाई है और 179 लोगों की मौत हो गई. वहीं कज़ाकिस्तान में हुई दुर्घटना में 67 लोगों में से 38 की मौत हो गई. ये ऐसी घटनाएं है, जिसे लेकर अब लोग हवाई यात्रा के पहले सोच में पड़ गए हैं.
इन दुर्घटनाओं के पीछे के कारणों की जांच जारी है, लेकिन यह अनुमान लगाया जा सकता है कि दोनों दुर्घटनाएं ज़्यादातर मामलों में समान नहीं थीं. जो भी हो इसमें एक समानता तो है. अधिकांश जीवित बचे लोग विमान के पिछले हिस्से में बैठे थे.
विमान के बीच में पीछे की ओर ज़्यादा सुरक्षित?
ज़्यादातर यात्रियों को विमान के बीच में पीछे बैठना पसंद नहीं करते हैं और अगर किसी को विमान के केबिन की गहराई में बीच वाली सीट मिलती है तो यह और भी बुरा लगता है. लेकिन स्टडी में जो खुलासा हुआ है, इसके बाद आप पीछे बैठना ही पसंद करने लगेंगे. स्टडी के मुताबिक, विमान का पिछला हिस्सा बैठने के लिए सबसे सुरक्षित स्थान हो सकता है.
FAA की रिपोर्ट
टाइम पत्रिका ने 2015 के एक अध्ययन में, 2015 से पहले 35 सालों के दुर्घटना डेटा का विश्लेषण किया और बताया कि अगर बात नंबर की करें तो विमान दुर्घटनाओं में पीछे बैठे लोगों की मृत्यु कम हुई. वहीं अमेरिकी विमानन नियामक संघीय विमानन प्रशासन (FAA) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विमान के पिछले तीसरे हिस्से में सीटों की मृत्यु दर 32% थी, जबकि बीच के तीसरे हिस्से में 39% और आगे के तीसरे हिस्से में 38% थी.
स्टडी में देखा गया कि विमान के पिछले हिस्से में बीच की सीटों पर सबसे अच्छे परिणाम (28% मृत्यु दर) थे. सबसे खराब स्थिति विमान केबिन के बीच के तीसरे हिस्से में गलियारे में (44% मृत्यु दर) थी.
टेलीविज़न स्टूडियो की एक टीम ने अप्रैल 2012 में मेक्सिको में एक हवाई जहाज दुर्घटना की जांच की, जिसमें देखा गया कि विमान के आगे बैठे यात्री को दुर्घटना में सबसे अधिक खतरा होता है, जबकि हवाई जहाज़ के पंखों के करीब बैठे लोगों को जिंदा बचने के लायक चोटें लगी थी. वहीं पिछले वाले हिस्से के पास मौजूद अधिकांश यात्री गंभीर चोट के बिना बच गए.