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कौन थे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर, जिनके नाम पर भारत में बसा है एक गांव 'कार्टरपुरी'?

अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका उपचार चल रहा था. उनकी पत्नी, रोसालिन कार्टर, का निधन नवंबर 2023 में हुआ था. जिमी कार्टर के निधन पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि दुनिया ने एक महान नेता और मानवतावादी खो दिया है.

कौन थे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर, जिनके नाम पर भारत में बसा है एक गांव कार्टरपुरी?
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Jimmy Carter Death
( Image Source:  x.com/CarterCenter & x.com/sidhant )
सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 30 Dec 2024 9:10 AM IST

Jimmy Carter Death: अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 साल की उम्र में निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज चल रहा था. उनकी पत्नी रोसालिन कार्टर का निधन नवंबर 2023 में हुआ था. जिमी कार्टर के निधन पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि दुनिया ने एक महान नेता और मानवतावादी को खो दिया है.

बाइडेन ने कहा कि जिमी कार्टर अपनेअमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 साल की उम्र में निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज चल रहा था. उनकी पत्नी, रोसालिन कार्टर, का निधन नवंबर 2023 में हुआ था. जिमी कार्टर के निधन पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि दुनिया ने एक महान नेता और मानवतावादी खो दिया है.

जिमी कार्टर को किसकी थी बीमारी?

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर का निधन जॉर्जिया के प्लेन्स स्थित उनके घर पर हुआ. वे मेलेनोमा त्वचा कैंसर के एक आक्रामक रूप से पीड़ित थे, जिसमें ट्यूमर उनके यकृत और मस्तिष्क तक फैल चुका था. फरवरी 2023 में कार्टर सेंटर ने एक बयान जारी करते हुए बताया था कि उन्होंने आगे का चिकित्सा उपचार बंद करने का निर्णय लिया और अपने शेष जीवन को घर पर होस्पिस देखभाल में बिताने का फैसला किया.

1 अक्टूबर 1924 को जन्मे जिमी कार्टर 1977 में आर. फोर्ड को हराकर अमेरिका के राष्ट्रपति बने. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने अमेरिका और मिडिल ईस्ट के बीच संबंधों की नींव रखी. उनके राष्ट्रपति कार्यकाल को विशेष रूप से 1978 के कैंप डेविड समझौते के लिए याद किया जाता है, जो इजराइल और मिस्र के बीच हुआ था और जिसने मध्य पूर्व में स्थिरता लाने में अहम भूमिका निभाई. उनकी इस उपलब्धि के लिए उन्हें 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

कार्टर भारत आने वाले तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति थे. 1978 में, डेमोक्रेट ने पीएम मोरारजी देसाई से मिलने और अमेरिका- भारत संबंधों को बेहतर बनाने के लिए यात्रा की थी. यह उनके व्हाइट हाउस कार्यकाल के दौरान था कि नई दिल्ली की परमाणु महत्वाकांक्षाएं बढ़ीं. जिमी कार्टर ने परमाणु अप्रसार का समर्थन किया और यहां तक कि भारत को परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रेरित किया. इस कदम का कई भारतीय नेताओं ने विरोध किया.

भारत में कहां है जिमी कार्टर के नाम का गांव?

गुरुग्राम जिले के कार्टरपुरी गांव (अब नगर निगम का वार्ड-2) का अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर के साथ एक खास नाता है. जिमी कार्टर जब अमेरिका के राष्ट्रपति थे, तो 3 जनवरी 1978 को वह अपनी मां लिलियन कार्टर और पत्नी रोजालिन कार्टर के साथ दौलतपुर नसीराबाद (खेड़ा चौमा) गांव आए थे. गांव वालों ने उनका भव्य स्वागत किया था.

जिमी कार्टर गांव की गलियों में घूमे और सभी ग्रामीणों से मुलाकात की. इस दौरान ग्रामीणों ने रोजालिन कार्टर को हरियाणवी पोशाक दामण और कुर्ता भेंट किया, जिसे पहनकर उन्होंने गांव का भ्रमण किया. उनके इस दौरे के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के सुझाव पर गांव का नाम दौलतपुर नसीराबाद से बदलकर कार्टरपुरी कर दिया गया.

हालांकि, गांव को मॉडल विलेज बनाने का जो वादा किया गया था, वह पूरा नहीं हो सका. अब, जब अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत दौरा हुआ, तो गांव के लोग जिमी कार्टर की यादें ताजा करते हुए कहते हैं कि अगर राष्ट्रपति ट्रंप गांव आते, तो उनका भी जोरदार स्वागत किया जाता. यह उल्लेखनीय है कि जिमी कार्टर अपनी मां लिलियन के अनुरोध पर इस गांव आए थे.

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