आरबीआई ने घटाई ब्याज दरें, कितनी कम हो जाएगी आपकी ईएमआई, समझें पूरा कैलकुलेशन
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2025 में लगातार दूसरी बार रेपो रेट में 0.25% की कटौती की है, जिससे यह अब 6% हो गया है. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की EMI में राहत मिलेगी. बैंक अब ब्याज दरें घटा सकते हैं. बेहतर क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को ज्यादा फायदा होगा. इस कदम से अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 2025 में लगातार दूसरी बार रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर इसे 6% कर दिया है. इस कदम को आम आदमी के लिए राहत भरी खबर माना जा रहा है. खासकर उन लोगों के लिए जो होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं. यह निर्णय मौद्रिक नीति समिति की अप्रैल बैठक के बाद आया है, जिसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ाना और वित्तीय दबाव को कम करना है.
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा द्वारा की गई इस घोषणा के बाद बैंकों पर अब दबाव होगा कि वे अपने लोन की ब्याज दरों को घटाएं, खासकर उन लोन उत्पादों पर जो रेपो रेट से जुड़े होते हैं. चूंकि अधिकांश बैंक अपने एक्सटर्नल बेंचमार्क के तौर पर रेपो रेट का ही उपयोग करते हैं, ऐसे में नई दरें लागू होने के बाद ग्राहक सस्ते दरों पर ऋण प्राप्त कर सकेंगे. इसका प्रभाव तुरंत नए आवेदकों पर और धीरे-धीरे पुराने ग्राहकों पर भी पड़ेगा.
फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर घटेगी EMI
पुराने ग्राहकों के लिए यह एक छुपा हुआ लाभ है. यदि उनका लोन फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर है, तो रेपो रेट में कमी से उनकी मासिक EMI घटेगी. उदाहरण के तौर पर, 50 लाख रुपये का 20 साल का लोन लेने वाले व्यक्ति की EMI में हजारों रुपये की राहत मिल सकती है. इस बचत का असर सालाना बजट और खर्चों पर भी दिखाई देगा, जिससे ग्राहकों को वित्तीय संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी.
क्रेडिट स्कोर अच्छा रहने पर मिलेगा लाभ
लेकिन यह राहत सभी को समान रूप से नहीं मिलेगी. विशेषज्ञों का कहना है कि क्रेडिट स्कोर की भूमिका यहां अहम होगी. जिनका क्रेडिट स्कोर अधिक है, उन्हें लोन की दरों में और भी ज्यादा रियायत मिल सकती है. एक अच्छा स्कोर रखने वाले ग्राहक को यदि 0.10% की भी अतिरिक्त छूट मिलती है, तो यह लाखों रुपये की बचत में बदल सकता है. इसलिए, फाइनेंशियल प्लानिंग में क्रेडिट स्कोर पर ध्यान देना अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है.
कितनी कम होगी EMI?
अब सवाल उठता है कि इस कटौती का सीधा फायदा कैसे समझा जाए? एक साधारण उदाहरण लें: अगर आप 50 लाख रुपये का होम लोन लेते हैं जिसकी अवधि 20 साल है और ब्याज दर 8.5% थी, तो आपकी मासिक EMI लगभग ₹43,391 होती. रेपो रेट में कटौती के बाद यह ब्याज दर घटकर 8.25% हो जाएगी, जिससे कुल ब्याज भुगतान करीब ₹5.24 लाख कम हो जाएगा. यानी आपकी मासिक किस्त कम होगी या फिर लोन की अवधि घट जाएगी. दोनों ही विकल्प आपके लिए फायदे के हैं.
जीडीपी में हो सकता है सुधार
आरबीआई का यह कदम केवल ग्राहकों के लिए नहीं, बल्कि समग्र अर्थव्यवस्था के लिए भी सकारात्मक संकेत है. कम ब्याज दरों से उपभोग बढ़ेगा, रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर को गति मिलेगी, और अंततः जीडीपी में भी सुधार की संभावना बनेगी. ऐसे में यह रेपो रेट कट सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि आम लोगों की जिंदगी में राहत लाने वाला एक निर्णायक परिवर्तन है.