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संसद में धक्कामुक्की, आंबेडकर विवाद और वन नेशन वन इलेक्शन... वे मुद्दे, जो इस सत्र में रहे हावी

Parliament Winter Session Issues: संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया. इस सत्र में राज्यसभा और लोकसभा में जमकर हंगामा देखने को मिला. इसी सत्र में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने के लिए वन नेशन वन इलेक्शन बिल लोकसभा में पेश किया गया. वहीं, आंबेडकर को लेकर विवाद भी देखने को मिला. आइए, उन सारे मुद्दों के बारे में जानते हैं, जो इस सत्र में हावी रहे...

संसद में धक्कामुक्की, आंबेडकर विवाद और वन नेशन वन इलेक्शन... वे मुद्दे, जो इस सत्र में रहे हावी
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( Image Source:  ANI )

Parliament Winter Session Issues: संसद का शीतकालीन सत्र आज से अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया. इस सत्र की शुरुआत 25 नवंबर से हुई थी. यह 18वीं लोकसभा का तीसरा सत्र था. सत्र के दौरान जमकर हंगामा देखने को मिला. इस दौरान सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, अडानी मुद्दे को लेकर विपक्ष का प्रदर्शन, संविधान की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर चर्चा, वन नेशन वन इलेक्शन और आंबेडकर विवाद समेत कई मुद्दे छाए रहे.

20 दिसंबर यानी आज इंडी गठबंधन के नेताओं ने विजय चौक से लेकर संसद तक मार्च निकाला और आंबेडकर विवाद पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफे और माफी की मांग की. लगातार हो रहे प्रदर्शनों की वजह से राज्यसभा और लोकसभा को अनिश्चितकाल के लिए लिए स्थगित कर दिया गया.

अडानी-जॉर्ज सोरोस विवाद

अडानी ग्रुप पर अमेरिका में लगे रिश्वत खोरी के आरोप में विपक्ष ने सदन में लगातार चर्चा की मांग की. वहीं, बीजेपी ने जॉर्ज सोरोस और गांधी परिवार के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया. इसको लेकर भी सत्ता और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा देखने को मिला.

राज्यसभा सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया, लेकिन इसे उपसभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि यह नोटिस सभापति को बदनाम करने के लिए लाया गया था. विपक्ष ने सभापति पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया था.

वन नेशन वन इलेक्शन बिल

एक साथ देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने के लिए वन नेशन वन इलेक्शन बिल 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया. बिल का 269 सांसदों ने समर्थन , जबकि 198 सांसदों ने विरोध किया. विपक्ष ने इस बिल को संघीय ढांचे पर हमला और संविधान विरोधी करार दिया. वहीं, सत्ता पक्ष का कहना है कि बार-बार चुनाव कराने से विकास कार्यक्रमों में बाधा आती है. एक साथ चुनाव कराने से विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा मिलेगा और चुनाव में होने वाले खर्च में भी कमी आएगी.

बिल को जेपीसी यानी संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा. इसमें कुल 31 सदस्य होंगे, जिनमें 21 लोकसभा और 10 राज्यसभा सांसद शामिल हैं. समिति में प्रियंका गांधी, अनुराग ठाकुर और पीसी चौधरी जैसे सांसद शामिल हैं. ऐसी संभावना है कि भतृहरि महताब को जेपीसी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है. महताब सात बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं. मौजूदा समय में वे वित्त मंत्रालय की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं.

संविधान पर चर्चा

संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा की गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 दिसंबर को लोकसभा में जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू ने संविधान में संशोधन करके खून का स्वाद चखा था. उनकी आने वाली पीढ़ियों ने भी संविधान पर हमला करना जारी रखा. चाहे वह इंदिरा गांधी हों या फिर राजीव गांधी. कांग्रेस के शासन में संविधान में 75 बार बदलाव किया गया. इंदिरा गांधी ने संविधान का दुरुपयोग करके इमरजेंसी लगाई. कांग्रेस इस पाप को नहीं मिटा सकती. जब भी दुनिया भर में लोकतंत्र की चर्चा होगी, कांग्रेस के इस पाप को याद किया जाएगा.

अमित शाह ने 17 दिसंबर को अपने भाषण में कहा कि कांग्रेस ने संविधान को अपनी निजी जागीर माना और संसद के साथ धोखाधड़ी की. उसने सत्ता में बने रहने के लिए कई बार संविधान में संशोधन किया.

प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने पहली बार इस सत्र में लोकसभा सांसद के रूप में शपथ ली. वे पूरे सत्र में चर्चा का विषय बनी रहीं. चाहे उनकी 32 मिनट की पहली स्पीच हो या फिर उनका बैग हो... प्रियंका ने अपने पहले भाषण में बीजेपी पर जमकर हमला बोला और कहा कि मोदी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि संविधान भारत का संविधान है न कि संघ का विधान. उन्होंने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव में एनडीए ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करती तो अभी तक वह संविधान बदलने में जुट गई होती.

प्रियंका गांधी दो बार अपने बैग को लेकर चर्चा में रहीं. एक बार वह फिलीस्तीन, जबकि दूसरी बार बांग्लादेश लिखा हुआ बैग की वजह से चर्चा में रहीं. उन्होंने मणिपुर हिंसा, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले और गाजा जंग का मुददा भी उठाया.

आंबेडकर विवाद

अमित शाह के डॉक्टर भीमराव आंबेडकर पर दिए गए बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया. विपक्ष ने शाह से इस्तीफा देने और माफी मांगने की मांग की. वहीं, पीएम मोदी और अन्य नेताओं ने उनका बचाव किया. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश उनका अपमान या उनके द्वारा बनाए गए संविधान का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा. गृह मंत्री को माफी मांगनी चाहिए. वे आंबेडकर और उनकी विचारधारा के खिलाफ हैं.

विपक्षी दलों ने अमित शाह के खिलाफ प्रदर्शन भी किया. टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी पेश किया. वहीं,पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि गृह मंत्री ने कांग्रेस के आंबेडकर का अपमान करने के काले इतिहास को उजागर किया है. कांग्रेस उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए तथ्यों से स्तब्ध हैं. यही कारण है कि वे अब नाटकबाजी कर रहे हैं, लेकिन उनकी सच्चाई जानते हैं.

संसद में धक्कामुक्की और राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर

संसद के मकर गेट के पास 19 दिसंबर को सत्ता और विपक्ष के सांसदों के बीच धक्कामुक्की हुई, जिसमें बीजेपी के दो सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस मामले में राहुल के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. वहीं, एक महिला सांसद ने राहुल गांधी पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है.

बीजेपी का आरोप है कि राहुल ने जानबूझकर उस रास्ते से जाने की कोशिश की, जहां हमारे सांसद प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान कुछ सांसद घायल हुए हैं. वहीं, विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि बीजेपी सांसदों ने राहुल गांधी का रास्ता रोका था. यह घटना सुबह 11 बजे से पहले हुई.

जेपीसी को सौंपा गया वन नेशन वन इलेक्शन बिल

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शीतकालीन सत्र का लेखा जोखा देते हुए बताया कि लोकसभा की उत्पादकता 54.5 फीसदी और राज्यसभा की 40 फीसदी रही. उन्होंने बताया कि वन नेशन वन इलेक्शन से जुड़े संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024 और केंद्र शासित प्रदेश विधि (संशोधन) विधेयक 2024 जेपीसी को सौंपा गया है. इस जेपीसी में 39 सांसद हैं.

26 दिन के सत्र में हुईं 39 बैठकें

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि 26 दिनों के सत्र में लोकसभा की 20 और राज्यसभा की 19 बैठकें हुईं. इस दौरान लोकसभा में 5 बिल प्रस्तुत हुए, जिसमें से 4 पारित किए गए. वहीं, राज्य सभा में 3 बिल पास हुए. उन्होंने बताया कि भारतीय वायुयान विधेयक दोनों सदनों में पास किया गया.

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