संसद में झोला पॉलिटिक्स! BJP ने प्रियंका गांधी को गिफ्ट किया 1984 लिखा बैग, सिख दंगों की दिलाई याद
बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने शुक्रवार (20 दिसबंर) को प्रियंका गांधी वाड्रा को '1984' लिखा एक बैग भेंट किया. लाल रंग से लिखे गए इस बैग में खून से लथपथ अंक दिखाए गए थे. सारंगी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों की ओर इशारा करते हुए कहा कि 'मौजूदा पीढ़ी को पता होना चाहिए कि कांग्रेस ने पिछले 50 सालों में क्या किया.

Priyanka Gandhi News: आज संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है. इस सत्र में शुरुआत से काफी विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला. सेशन की शुरुआत से ही राजनीति में बैग को लेकर काफी हंगामा देखने को मिला. भाजपा ने कांग्रेस सांसद को एक लाल रंग का बैग गिफ्ट किया है. जिससे एक बार फिर बैग पॉलिटिक्स का मुद्दा सुर्खियों में आ गया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने शुक्रवार (20 दिसबंर) को प्रियंका गांधी वाड्रा को '1984' लिखा एक बैग भेंट किया. लाल रंग से लिखे गए इस बैग में खून से लथपथ अंक दिखाए गए थे. सारंगी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों की ओर इशारा करते हुए कहा कि 'मौजूदा पीढ़ी को पता होना चाहिए कि कांग्रेस ने पिछले 50 सालों में क्या किया.
बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी का बयान
अपराजिता सारंगी ने प्रियंका गांधी को लाल रंग का बैग उपहार में दिया. जिसके बारे में उन्होंने कहा कि "माननीय सांसद को बैग बहुत पसंद हैं, इसलिए मैंने उन्हें एक बैग उपहार में दिया. पहले तो वह झिझकीं, लेकिन फिर उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया." सारंगी ने कहा, "चूंकि प्रियंका जी को बैग बहुत पसंद हैं, इसलिए मैंने उन्हें 1984 के सिख विरोधी नरसंहार वाला बैग दिया. ठीक वैसे ही जैसे इंदिरा गांधी के शासन के बाद 1984 में सिख विरोधी नरसंहार हुआ था.
बैग को लेकर क्यों हो रहा विवाद?
जानकारी के अनुसार, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान प्रियंका गांधी 10 दिसंबर को गांधी मोदी अडानी भाई-भाई लिखा बैग लेकर संसद पहुंची थीं. राहुल गांधी ने इस बैग को दिखाते हुए कहा था कि यह ये काफी क्यूट है. इस बैग में एक ओर मोदी तो दूसरी ओर अडानी की तस्वीर थी. इसके बाद प्रियंका 16 दिसंबर को फिलिस्तीन के लोगों का समर्थन करते हुए और एकजुटता दिखाते हुए एक बैग लेकर संसद पहुंचीं. जिस पर फिलिस्तीन लिखा हुआ था. इस बैग को लेकर काफी विवाद हुआ था. अगले दिन उन्हें बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ संदेशों वाला एक बैग लेकर जाते देखा गया.
क्या है 1984 का मामला?
वर्ष 1994 में देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके की सिक्योरिटी गार्ड ने हत्या कर दी थी. हत्या का बदला लेने के लिए भीड़ ने उत्तरी दिल्ली के पुल बंगश गुरुद्वारे पर हमला किया था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जगदीश टाइटलर पर लोगों को भड़काने का आरोप है. इस मामले में दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट ने पहले कहा था कि हथियारों से लैस भीड़ 1 नवंबर, 1994 को सिखों की हत्या करने और उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के इरादे से गुरुद्वारा में भीड़ जमा हुई थी. लोगों ने दुकानें लूट लीं, गुरुद्वारे में आग लगा दी और 3 व्यक्तियों बादल सिंह, ठाकुर सिंह और गुरचरण सिंह की हत्या कर दी. आरोप में कहा गया था कि टाइटलर ने भीड़ से कहा था कि आप किसी भी चीज को नुकसान मत पहुंचाओ, बस सीखों को मार डालो.