पुणे गैंगवार : कौन है गैंगस्टर गणेश कोमकर जिसके 19 साल के बेटे की हुई हत्या, अंडेकर गैंग से क्या है दुश्मनी?
पुणे के नाना पेठ इलाके में गैंगवार का खौफ, जहां गैंगस्टर गणेश कोमकर के बेटे आयुष कोमकर की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस ने दो घंटे में मामला सुलझाने का दावा किया और अंडेकर गैंग से पुरानी दुश्मनी को वजह बताया. वनराज अंडेकर मर्डर केस से जुड़े इस बदले ने पुणे में तनाव बढ़ा दिया है.

पुणे के नाना पेठ इलाके से एक बार फिर खौफनाक गैंगवार की खबर सामने आई है. कुख्यात अपराधी गणेश कोमकर के बेटे आयुष कोमकर (19 वर्ष) को अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. आयुष को क्लास से घर लौटते समय बेसमेंट में घेरकर तीन गोलियां मारी गईं. उसकी मौके पर ही मौत हो गई. घटना के तुरंत बाद इलाके में तनाव फैल गया और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. पुलिस को आशंका है कि यह हमला सिर्फ बदला लेने के लिए किया गया.
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह हत्या ठीक एक साल पहले हुए वनराज अंडेकर मर्डर केस का बदला है. सितंबर 2024 में पार्षद वनराज अंडेकर की हत्या हुई थी, जिसमें गणेश कोमकर का नाम मुख्य आरोपी के रूप में सामने आया था. अब एक साल बाद अंडेकर गैंग ने गणेश कोमकर के बेटे को निशाना बनाकर गैंगवार की दुश्मनी को और गहरा कर दिया है.
कौन है गैंगस्टर गणेश कोमकर?
गणेश कोमकर पुणे का कुख्यात गैंगस्टर है, जो लंबे समय से अपराध जगत से जुड़ा हुआ है. पुलिस रिकॉर्ड में उसके खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज हैं. खासकर पिछले साल पार्षद और एनसीपी नेता वनराज अंडेकर की हत्या में उसका नाम सामने आने के बाद वह सुर्खियों में आया. पुलिस की मानें तो कोमकर की पहचान अंडेकर गैंग के सबसे बड़े दुश्मन के रूप में है. सूत्रों का कहना है कि वह कई बार अंडरवर्ल्ड की गतिविधियों में भी शामिल रहा है और उसके नेटवर्क की जड़ें महाराष्ट्र के बाहर तक फैली हुई हैं.
पुलिस ने कैसे सुलझाया मामला?
पुणे क्राइम ब्रांच के डीसीपी निखिल पिंगले ने दावा किया कि यह मामला महज दो घंटे में सुलझा लिया गया. शुरुआती जांच में पता चला कि हमले में दो लोग शामिल थे, जिन्होंने बेसमेंट में घुसकर आयुष को गोली मारी. हालांकि, पुलिस का मानना है कि इसमें और भी लोग शामिल हो सकते हैं. सीसीटीवी फुटेज और लोकल इंटेलिजेंस के आधार पर पुलिस ने कई जगह छापेमारी की है. डीसीपी पिंगले ने कहा कि, “इस वारदात में जो भी शामिल होगा, उसे किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा. यह अपराध माफ करने लायक नहीं है.”
अंडेकर गैंग से क्या है दुश्मनी?
गणेश कोमकर और अंडेकर गैंग के बीच दुश्मनी पुरानी है. कोमकर पर आरोप है कि उसने अपने लोगों के साथ मिलकर वनराज अंडेकर की हत्या की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया. इस हत्या के बाद अंडेकर गैंग लगातार बदला लेने की फिराक में था. एक साल तक योजना बनाने के बाद अब गैंग ने कोमकर के बेटे को निशाना बनाकर यह संदेश दिया है कि दुश्मनी खत्म नहीं हुई है. सूत्रों का कहना है कि इस वारदात के पीछे सिर्फ बदला ही नहीं, बल्कि इलाके में दबदबा बनाने की कोशिश भी है.
कैसे हुई थी वनराज अंडेकर की हत्या?
1 सितंबर 2024 को पुणे के नाना पेठ इलाके में एनसीपी नेता और पार्षद वनराज अंडेकर की हत्या कर दी गई थी. करीब 10 बदमाश बाइक से आए थे और इलाके की बिजली काटकर वारदात को अंजाम दिया था. आरोपियों ने पहले वनराज पर फायरिंग की और फिर कोयते से ताबड़तोड़ हमला कर उनकी हत्या कर दी. जांच में सामने आया कि इस हत्या की साजिश गणेश कोमकर और उसके साथियों ने रची थी. पुलिस ने इस मामले में कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया था.
बढ़ा तनाव और पुलिस की सख्त चेतावनी
आयुष कोमकर की हत्या के बाद पुणे पुलिस ने शहर में सुरक्षा बढ़ा दी है. संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. डीसीपी निखिल पिंगले ने अपराधियों को चेतावनी दी है कि “अब गलतियों की कोई माफी नहीं होगी, अपराधियों को सौ बार सोचना पड़ेगा.” पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और सहयोग करें. इस हत्या ने पुणे में अपराध और गैंगवार की जड़ों को फिर से उजागर कर दिया है, जिससे साफ है कि अंडरवर्ल्ड की पुरानी दुश्मनियां अब भी शहर को दहला रही हैं.