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'नेहरू के पत्र को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया...', संसद में प्रियंका गांधी का पीएम मोदी पर पलटवार

पीएम मोदी ने लोकसभा में वंदे मातरम को लेकर जवाहरलाल नेहरू पर सवाल उठाया. जिसके बाद कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने नेहरू के पत्र के सिर्फ चुनिंदा हिस्से पढ़कर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया है.

नेहरू के पत्र को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया..., संसद में प्रियंका गांधी का पीएम मोदी पर पलटवार
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( Image Source:  X/@ANI )
विशाल पुंडीर
Edited By: विशाल पुंडीर

Published on: 8 Dec 2025 5:24 PM

लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद वंदे मातरम और इतिहास की व्याख्या को लेकर नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में दावा किया था कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सुभाष चंद्र बोस को लिखे पत्र में कहा था कि वंदे मातरम की पृष्ठभूमि मुसलमानों को भड़का सकती है. अब कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री ने नेहरू के पत्र के सिर्फ चुनिंदा हिस्से पढ़कर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया है.

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प्रियंका गांधी ने साल 1937 के उस पत्र का हवाला देते हुए कहा कि नेहरू ने साफ लिखा था वंदे मातरम के शेष छंदों पर तथाकथित आपत्ति सांप्रदायिकतावादियों द्वारा गढ़ी गई थी. उनका आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस महत्वपूर्ण हिस्से को अपने भाषण में उल्लेखित करना उचित नहीं समझा.

पीएम मोदी के दावे पर प्रियंका गांधी का जवाब

पीएम मोदी ने संसद में कहा था कि नेहरू, जिन्ना की भावना से सहमत थे कि वंदे मातरम की पृष्ठभूमि मुसलमानों को उकसा सकती है. उन्होंने नेहरू के पत्र का हवाला देते हुए कहा था मैंने वंदे मातरम की पृष्ठभूमि पढ़ी है और मेरा मानना है कि यह संदर्भ मुसलमानों को नाराज कर सकता है."

प्रियंका चोपड़ा ने पूछा सवाल

प्रियंका गांधी ने यह भी याद दिलाया कि संविधान सभा में वंदे मातरम के सिर्फ दो श्लोकों को अपनाया गया था. जिसमें बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और श्यामा प्रसाद मुखर्जी मौजूद थे. उन्होंने सवाल पूछा “जब वहां इतने बड़े नेता मौजूद थे, तब उन्होंने आपत्ति क्यों नहीं की?” प्रियंका का कहना है कि आज वही मुद्दे राजनीतिक लाभ के लिए उठाए जा रहे हैं जिन पर संविधान सभा पहले ही स्पष्ट निर्णय ले चुकी है. आगे उन्होंने कहा कि “सरकार नेहरू पर ही अटकी है, तो उनकी गलतियों की सूची बनाकर संसद में बहस कर ले.”

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