धनखड़ के आधिकारिक आवास को कर दिया गया सील! सोशल में मचा हल्ला- PIB ने बता दिया सच
दो दिन पहले उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने के बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज़ हो गया है. स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर दिया गया उनका यह फैसला कई सवाल खड़े कर रहा है. इसी बीच मीडिया और सोशल मीडिया पर उनकी सरकारी आवास को लेकर झूठी खबरें तेजी से वायरल होने लगीं.

दो दिन पहले उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने के बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज़ हो गया है. स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर दिया गया उनका यह फैसला कई सवाल खड़े कर रहा है. इसी बीच मीडिया और सोशल मीडिया पर उनकी सरकारी आवास को लेकर झूठी खबरें तेजी से वायरल होने लगीं.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि जगदीप धनखड़ का दफ्तर सील कर दिया गया है और उन्हें तत्काल सरकारी आवास खाली करने के आदेश दे दिए गए हैं. लेकिन अब प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इस पूरे मामले पर स्थिति स्पष्ट करते हुए इन खबरों को पूरी तरह फर्जी करार दिया है.
PIB ने वायरल रिपोर्ट्स को बताया भ्रामक
पीआईबी फैक्ट चेक ने उन रिपोर्ट्स का स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिनमें दावा किया गया था कि “जगदीप धनखड़ का ऑफिस सील कर दिया गया है और उन्हें सरकारी बंगला खाली करने को कहा गया है. PIB ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि इस तरह के भ्रामक दावों पर विश्वास न करें। किसी भी समाचार को साझा करने से पहले आधिकारिक स्रोतों से जानकारी की पुष्टि अवश्य करें.
सोशल मीडिया पर अफवाहों की बाढ़
धनखड़ के इस्तीफे के बाद से ही सोशल मीडिया पर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. कुछ रिपोर्ट्स में यहां तक दावा किया गया कि उनकी सोशल मीडिया टीम को बर्खास्त कर दिया गया है। हालांकि, इन सब बातों की न तो सरकार ने और न ही किसी आधिकारिक सूत्र ने पुष्टि की है.
स्वास्थ्य कारण या सत्ता संग टकराव?
जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य समस्याएं बताया था, लेकिन सूत्रों के हवाले से ये भी कहा जा रहा है कि उनका सरकार से किसी गंभीर मुद्दे पर मतभेद हुआ था. फिलहाल, इन अटकलों की पुष्टि नहीं हो सकी है, लेकिन मीडिया में इन अफवाहों को बढ़ावा देने से भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है.
सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं
अब तक सरकार की ओर से कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है जो यह स्पष्ट करे कि उप-राष्ट्रपति को सरकारी आवास खाली करने का कोई आदेश दिया गया है. PIB ने स्थिति को साफ करते हुए इन दावों को पूरी तरह से झूठा बताया है.