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आधार-पासपोर्ट सब नकली! कोलकाता में कई सालों से मानव तस्‍करी का रैकेट चला रहा था पाकिस्‍तानी, ED ने ऐसे धर दबोचा

कोलकाता में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पाकिस्तानी नागरिक आजाद मलिक उर्फ अहमद हुसैन आजाद को अवैध मानव तस्करी और हवाला नेटवर्क चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपी फर्जी भारतीय दस्तावेज बनवाकर बांग्लादेशी नागरिकों को विदेश भेजने और पैसों की अवैध लेन-देन में शामिल था. वह बिना वैध कागज़ातों के भारत में रह रहा था और खुद को भारतीय नागरिक दिखाने के लिए आधार, पैन, वोटर आईडी और पासपोर्ट जैसे दस्तावेज बनवा चुका था.

आधार-पासपोर्ट सब नकली! कोलकाता में कई सालों से मानव तस्‍करी का रैकेट चला रहा था पाकिस्‍तानी, ED ने ऐसे धर दबोचा
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Pakistani agent Azad Malik arrest in Kolkata: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक पाकिस्तानी नागरिक को बांग्लादेशी प्रवासियों की तस्करी के अवैध रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान आजाद मलिक उर्फ अहमद हुसैन आजाद के रूप में हुई है, जो भारत में अवैध रूप से रह रहा था और मानव तस्करी के इस नेटवर्क को संचालित कर रहा था.

ED ने आजाद मलिक के खिलाफ कोलकाता की विशेष PMLA अदालत में चार्जशीट दाखिल की है. अदालत ने आरोपी को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई की तारीख तय की है. यह मामला पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा विदेशी नागरिक अधिनियम 1946 की धारा 14 और 14A के तहत दर्ज FIR पर आधारित है.

बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रह रहा था आजाद मलिक

15 अप्रैल 2025 को की गई तलाशी में यह सामने आया कि आजाद मलिक भारत में बिना वैध दस्तावेजों के रह रहा था. जांच में खुलासा हुआ कि वह अवैध प्रवासियों के लिए भारतीय पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज बनवाने वाले गिरोह का सरगना है, जिसके बदले वह मोटी रकम वसूलता था.

मोबाइल से मिला पाकिस्तान का ड्राइविंग लाइसेंस

प्रवर्तन निदेशालय की जांच में पता चला कि शुरुआत में बांग्लादेशी समझे जा रहे आजाद मलिक वास्तव में एक पाकिस्तानी नागरिक है. उसके मोबाइल से 1994 में जारी हुआ पाकिस्तान का ड्राइविंग लाइसेंस मिला, जिसमें उसका नाम ‘आजाद हुसैन’, पिता का नाम ‘मुमताज़-उल-हक़’ और पता ‘हैदराबाद, पाकिस्तान’ दर्ज है. उसकी जन्मतिथि 14 अगस्त 1971 है. भारत में पहचान छिपाने के लिए आजाद मलिक ने खुद को नया नाम दिया और फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर ID और पासपोर्ट जैसे भारतीय दस्तावेज़ हासिल किए.

भारत-बांग्लादेश के बीच हवाला नेटवर्क चला रहा था आजाद मलिक

दो महीने चली जांच में ED ने पाया कि आजाद मलिक भारत और बांग्लादेश के बीच हवाला नेटवर्क चला रहा था. वह नकद और UPI के ज़रिए पैसे लेकर उन्हें बांग्लादेश भेजता था, जिसमें Bkash जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल होता था. इसके साथ ही वह बांग्लादेशी नागरिकों के लिए विदेश (जैसे दुबई, कंबोडिया और मलेशिया) जाने के लिए वीज़ा और पासपोर्ट की व्यवस्था करता था, जिसके बदले बांग्लादेशी टका, अमेरिकी डॉलर और भारतीय रुपये में भुगतान लिया जाता था.

ED के अनुसार, आजाद मलिक कोलकाता में एक अवैध विदेशी मुद्रा विनिमय केंद्र (FFMC) से भी जुड़ा हुआ था और अपराध से कमाई गई राशि को विदेशी मुद्रा बिक्री के रूप में दिखाकर मनी लॉन्ड्रिंग करता था.

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