पाकिस्तान सुधरने से रहा दूर, ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू बॉर्डर के पास 72 लॉन्चपैड एक्टिव, BSF के IG बोले - 'ड्रोन वारफेयर बड़ी चुनौती'
Border Security Force (BSF) के अनुसार 2025 के Operation Sindoor के बाद से पाकिस्तान ने जम्मू सीमा के पास 72 आतंकवादी लॉन्च पैड फिर से सक्रिय कर दिए हैं. ड्रोन-आधारित जासूसी व आतंकी गतिविधियां बढ़ी हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना सीमाओं की सुरक्षा को लेकर तैयार है. पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए BSF को केवल आदेश का इंतजार है.
ऑपरेशन सिंदूर 2025 के दौरान भारत ने पाकिस्तान की आतंक-संरचना व सीमा पार आतंकियों के ठिकानों पर निर्णायक हमला किया था. उस अभियान में पाकिस्तान के कई लॉन्च पैड व रेंजर्स पोस्ट तबाह हुए, लेकिन अब कुछ महीनों बाद Pakistan Rangers ने बिना सुर्खियों के एक रणनीति बदली है. उसने जम्मू क्षेत्र के करीब 72 आतंकवादी लॉन्च पैड (terror launchpads) को फिर से सक्रिय कर लिए हैं. ये लॉन्च पैड इस बार पाकिस्तानी सीमा में आबादी वाले इलाके में बनाए हैं. पाकिस्तानी सेना की ये रणनीति भारत के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है. खासकर ड्रोन-आधारित खतरे के बढ़ने की वजह से.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक BSF इंस्पेक्टर जनरल शशांक आनंद ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपनी पोस्ट छोड़ने वाले पाकिस्तानी रेंजर्स फिर से वापस अपने पोस्ट पर आ गए हैं. बीएसएफ की बॉर्डर पार काउंटरपार्ट की सभी एक्टिविटी और इंस्टॉलेशन पर नजर हैं.
अब ड्रोन की भूमिका अहम
आईजी शशांक आनंद ने कहा, "हमें पता है कि वे कहां और किन हालात और इलाके में सुरंग खोदते हैं." उन्होंने कहा कि BSF बॉर्डर की सुरक्षा के लिए ग्राउंड सर्विलांस रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल थर्मल और UAV जैसी मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहा है. यह देखते हुए कि 2019 से ड्रोन एक नए खतरे के तौर पर उभरे हैं. उन्होंने कहा कि BSF ने बदलते हालात के साथ तालमेल बनाए रखा है और “हमने न सिर्फ अपने सैनिकों को ट्रेनिंग दी है, बल्कि काउंटर-ड्रोन सिस्टम भी लगाए हैं.”
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में सभी युद्धों - रूस और यूक्रेन, आर्मेनिया और अजरबैजान, इजरायल और फिलिस्तीन, इजरायल और ईरान या हाल ही में भारत-पाक - का एक हवाई पहलू होता है.
ड्रोन वारफेयर
उन्होंने कहा कि आधुनिक ड्रोन, निगरानी-सिस्टम और रिमोट ऑपरेशन के कारण, सीमापार घुसपैठ व हथियार-छोड़ने की कोशिश आसान हुई है. यह पारंपरिक पैदल या वाहन-आधारित घुसपैठ से अलग, तेज और पहचान में मुश्किल होती है. BSF को इसके लिए नए काउंटर-ड्रोन सिस्टम, रडार, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी एवं UAV-निगरानी अपनानी पड़ रही है.
लॉन्चपैड फिर एक्टिव
पाकिस्तान ने सीमा की नजदीकी लॉन्च पैड्स को अब सीमा से काफी अंदर वाले इलाकों में शिफ्ट कर दिया है, जिससे उनके सक्रिय होने का पता लगाना कठिन होता है.
आतंकी नेटवर्क
पहले जहां एक आतंकी समूह के लोग एक क्षेत्र में होते थे (जैसे एक संगठन के आतंकवादी एक तरफ, दूसरे संगठन के दूसरे तरफ), अब कई अलग-अलग संगठन मिलकर मिक्स-ग्रुप बना रहे हैं. इससे उनकी पहचान और ट्रैकिंग और मुश्किल हो गई है.
सीमापार दबाव और राजनीतिक अस्थिरता: सीमाओं पर पुलबैक, सीमावर्ती नागरिकों की सुरक्षा, जलवायु, और क्षेत्रीय अस्थिरता ,मिलकर सुरक्षा चुनौतियों को मुश्किल बनाते जा रहे हैं.
IIT चेन्नई और दिल्ली के साथ एमओयू साइन
उन्होंने कहा कि ग्वालियर में BSF के स्कूल ऑफ ड्रोन वॉरफेयर ने इस पर काम करने के लिए IIT दिल्ली और IIT चेन्नई के साथ एक MoU साइन किया है. उन्होंने कहा, “हम इस पर लगातार काम कर रहे हैं और हमें लगता है कि भविष्य में होने वाले युद्धों या क्रॉस-बॉर्डर फायरिंग में हवाई पहलू हमेशा रहेगा.” ऑपरेशन सिंदूर 6-7 मई, 2025 की रात को पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बदले में शुरू किया गया था, जिसमें एक लोकल समेत 26 लोग मारे गए थे.
9 आतंकी साइट्स ध्वस्त
इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में नौ टेरर-इंफ्रास्ट्रक्चर साइट्स पर सटीक हमले किए गए, जिनमें बहावलपुर, मुरीदके जैसे जाने-माने टेरर-कैंप हब और PoK के शहर मुजफ्फराबाद और कोटली शामिल थे.
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल विक्रम कुंवर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत द्वारा पाकिस्तानी टेरर इंफ्रास्ट्रक्चर और उसके बॉर्डर पोस्ट को भारी नुकसान पहुंचाया गया था. बावजूद इसके पाकिस्तान ने सभी टेरर लॉन्च पैड को बॉर्डर से हटाकर अंदरूनी इलाकों में ले जाने की पॉलिसी अपनाई है. इतना ही नहीं, ऑपरेशन सिंदूर सात महीने बाद, पाकिस्तान ने एक बार फिर जम्मू के पास 72 से ज्यादा टेरर लॉन्च पैड एक्टिवेट कर दिए हैं.
BSF सीनियर अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि इस्लामाबाद के ऐसी फैसिलिटी को अंदरूनी इलाकों में शिफ्ट करने को कहे जाने के बावजूद, कई लॉन्च पैड इंटरनेशनल बॉर्डर और LoC के पास फिर से बन गए हैं. जबकि पाकिस्तान छोड़ी गई पोस्ट को फिर से बना रहा है और ड्रोन के इस्तेमाल जैसी बदलती टैक्टिक्स अपना रहा है.
BSF के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल विक्रम कुंवर ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के टेरर इंफ्रास्ट्रक्चर और पाकिस्तानी बॉर्डर पोस्ट को भारी नुकसान पहुंचाने के बाद, पाकिस्तान ने सभी टेरर लॉन्च पैड को बॉर्डर से हटाकर अंदरूनी इलाकों में ले जाने की पॉलिसी अपनाई.
इंटरनेशनल बॉर्डर पर 12 लॉन्च पैड एक्टिव
उन्होंने कहा, "हालांकि, पुरानी आदतें आसानी से नहीं जातीं। पाकिस्तान के सियालकोट और जफरवाल इलाकों में इंटरनेशनल बॉर्डर के पास 12 टेरर लॉन्च पैड एक्टिव हो गए हैं. बाकी 60 लॉन्च पैड LoC के उस पार जम्मू के पास इलाकों में बने हैं." उन्होंने यह भी कहा कि टेररिस्ट की संख्या बदलती रहती है, लेकिन वे आम तौर पर उन्हें दो से तीन के ग्रुप में रखते हैं.
उन्होंने कहा कि फिलहाल इंटरनेशनल बॉर्डर के उस पार के इलाकों में कोई टेररिस्ट ट्रेनिंग कैंप नहीं हैं. हालांकि, लाइन ऑफ कंट्रोल के उस पार अंदरूनी इलाकों में ऐसे कैंप होने की खबरें हैं.
118 पाक पोस्ट को पहुंचाया था नुकसान
DIG ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जम्मू प्रांत में इंटरनेशनल बॉर्डर और LoC पर BSF की फॉरवर्ड पोस्ट को निशाना बनाने वाली कुल 118 पाकिस्तानी पोस्ट को बहुत नुकसान हुआ था. इनमें हीरानगर, सांबा और जम्मू के IB पर 72 और राजौरी और पुंछ के LoC पर 46 थे. उन्होंने कहा, "उनका सर्विलांस सिस्टम भी तबाह हो गया." यह जानकारी मई में लड़ाई खत्म होने के तुरंत बाद नहीं मिली थी, लेकिन समय के साथ सामने आई है.





