Begin typing your search...

Pahalgam Terror Attack: बिना इंटरनेट के भी आतंकी पहुंचे बैसरन, इस मोबाइल ऐप के जरिए पहुंचे टूरिस्ट स्पॉट

पहलगाम आतंकी हमले में एक नया खुलासा हुआ है. आतंकियों ने जंगलों में दिशा खोजने के लिए AlpineQuest नामक नेविगेशन ऐप का इस्तेमाल किया. यह ऐप बिना इंटरनेट के भी काम करता है और GPS ट्रैकिंग के साथ ऑफलाइन मैप्स की सुविधा देता है. पाकिस्तान की ISI द्वारा प्रशिक्षित आतंकियों को इस ऐप के जरिए बैसरन इलाके में सटीकता से हमला करने में मदद मिली. अब तक इस हमले में 26 लोगों की जान जा चुकी है.

Pahalgam Terror Attack: बिना इंटरनेट के भी आतंकी पहुंचे बैसरन, इस मोबाइल ऐप के जरिए पहुंचे टूरिस्ट स्पॉट
X
नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Published on: 24 April 2025 2:32 PM

पहलगाम आतंकी हमले की जांच में एक चौंकाने वाला पहलू सामने आया है. आतंकियों ने जंगलों के भीतर दिशा खोजने और सटीक लोकेशन तक पहुंचने के लिए एक विशेष मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया था. खुफिया सूत्रों के अनुसार, 'AlpineQuest' नामक इस ऐप ने आतंकियों को बैसरन इलाके तक बिना किसी गाइड के पहुंचने में मदद की, जहां उन्होंने पर्यटकों को निशाना बनाया. इस हमले में अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है.

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, यह कोई पहली बार नहीं है जब इस ऐप का आतंकवादियों द्वारा प्रयोग हुआ हो. इससे पहले जम्मू क्षेत्र के जंगलों में भी इसी ऐप की मदद से आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया गया था. 'AlpineQuest' एक नेविगेशन आधारित ऐप है जो रियल टाइम लोकेशन ट्रैकिंग और ऑफलाइन मैप्स जैसी सुविधाएं देता है. जो कि घने जंगलों में रास्ता ढूंढ़ने के लिए बेहद उपयोगी साबित होता है.

आतंकियों को इस ऐप की दी गई थी ट्रेनिंग

इस ऐप की खास बात यह है कि इसे इस्तेमाल करने के लिए इंटरनेट की ज़रूरत नहीं होती. यही कारण है कि आतंकियों ने सुरक्षा एजेंसियों की निगाहों से बचने के लिए इस तकनीक को चुना. भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इस ऐप की गतिविधियों को ट्रैक करना शुरू कर दिया है. सूत्रों का मानना है कि यह रणनीति पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और सेना द्वारा रची गई थी ताकि आतंकी सटीकता से हमलों को अंजाम दे सके. इतना ही नहीं, आतंकियों को इस ऐप के इस्तेमाल की बाकायदा ट्रेनिंग भी दी गई थी. और यह प्रशिक्षण सरहद पार स्थित उनके हैंडलरों द्वारा दिया गया. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, यह प्रोफेशनल ट्रेनिंग उन्हें भारत की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी से बचाने और जटिल इलाकों में सटीक संचालन करने के उद्देश्य से दी गई थी.

आतंकी बना रहे 'हिट स्क्वाड'

जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों का गठजोड़ है. ये आतंकी गुट ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) जैसे मुखौटा संगठनों का इस्तेमाल कर नए तरह के ‘हिट स्क्वाड’ तैनात कर रहे हैं, जो जंगलों और ऊंचे पहाड़ी इलाकों में छिपने में सक्षम हैं. TRF का ‘फाल्कन स्क्वाड’ ऐसे मॉड्यूल्स में अग्रणी माना जा रहा है.

डर फैलाना था मकसद

इस आतंकी हमले का मुख्य उद्देश्य अमरनाथ यात्रा से पहले घाटी में डर और अस्थिरता फैलाना था. यह रणनीति 'हिट एंड रन' हमलों की है. जिसमें हमला कर आतंकवादी तुरंत भाग जाते हैं और फिर ओवर ग्राउंड वर्कर्स की मदद से दुबक जाते हैं. यह नया खतरा सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चुनौती बनता जा रहा है, जहां टेक्नोलॉजी को भी आतंक का हथियार बनाया जा रहा है.

क्या है AlpineQuest ऐप?

AlpineQuest GPS एक उन्नत नेविगेशन ऐप है, जिसे विशेष रूप से उन लोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो ट्रेकिंग, शिकार, हाइकिंग और जियोकैशिंग जैसे बाहरी गतिविधियों में रुचि रखते हैं. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी काम करता है. उपयोगकर्ता इसमें टोपोग्राफिक मैप्स को ऑफलाइन सेव कर सकते हैं, जीपीएस के ज़रिए रीयल-टाइम ट्रैकिंग कर सकते हैं और अपनी लोकेशन से जुड़े पॉइंट्स को सेव और शेयर कर सकते हैं.

पहाड़ों और जंगलों में होता है यूज

इस ऐप में कई उपयोगी फीचर्स शामिल हैं जैसे ऑफलाइन मैप्स की सुविधा, रीयल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग, मैग्नेटिक सेंसर आधारित कंपास, दूरी मापन, विभिन्न प्रकार के मैप सपोर्ट और डेटा को KML या KMZ फॉर्मेट में एक्सपोर्ट करने का विकल्प. यह ऐप खासतौर पर उन स्थानों के लिए बेहद उपयोगी है जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं होता, जैसे पहाड़ों, जंगलों या दूरदराज़ के इलाकों में. इसकी मदद से उपयोगकर्ता अपनी गतिविधियों का ट्रैक रख सकते हैं और उन्हें बाद में एनालाइज भी कर सकते हैं.

आतंकी हमला
अगला लेख