Pahalgam Terror Attack: अपने ही नेताओं के बयानों से घबराई कांग्रेस! क्यों जारी करने पड़े सख्त निर्देश?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले पर कांग्रेस नेताओं के भटके बयानों ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने नाराजगी जताते हुए सभी नेताओं को निर्देश दिया है कि वे पार्टी की आधिकारिक लाइन से इतर कोई सार्वजनिक टिप्पणी न करें.

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले पर कांग्रेस नेताओं के भटके बयानों ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने नाराजगी जताते हुए सभी नेताओं को निर्देश दिया है कि वे पार्टी की आधिकारिक लाइन से इतर कोई सार्वजनिक टिप्पणी न करें.
कांग्रेस ने हमले के दो दिन बाद हुई सर्वदलीय बैठक में केंद्र सरकार की कार्रवाई को समर्थन देने की घोषणा की थी. लेकिन इसके बाद पार्टी के कुछ नेताओं के विवादित बयानों ने भ्रम की स्थिति पैदा कर दी और विपक्षी हमलों को न्योता दे दिया.
जयराम रमेश ने कहा- केवल निजी राय रख रहे कांग्रेस नेता
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी एक्स (X) पर पोस्ट कर स्पष्ट किया कि व्यक्तिगत नेताओं के बयान पार्टी की आधिकारिक राय नहीं हैं. उन्होंने कहा, "कुछ कांग्रेस नेता मीडिया से बात कर रहे हैं. वे केवल अपनी निजी राय रख रहे हैं. कांग्रेस का अधिकृत मत सिर्फ मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और एआईसीसी के अधिकृत पदाधिकारियों द्वारा व्यक्त विचारों में ही प्रतिबिंबित होता है."
नेताओं को लगाई गई फटकार
पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिन नेताओं ने पार्टी लाइन से अलग बयान दिए, उन्हें आंतरिक रूप से फटकार लगाई गई है. साथ ही साफ कर दिया गया है कि भविष्य में पहलगाम हमले से जुड़ी कोई भी प्रतिक्रिया केवल पार्टी के तय स्टैंड के अनुसार ही दी जाएगी. जल्द ही कांग्रेस इस मुद्दे पर एक आधिकारिक बयान भी जारी कर सकती है.
विवादों में फंसे कांग्रेस नेता
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया कि "युद्ध की आवश्यकता नहीं है, केंद्र सरकार को सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी चाहिए." हालांकि बाद में सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो भारत को युद्ध भी लड़ना पड़ेगा.
इसी तरह, महाराष्ट्र कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने पीड़ित परिवारों के उस दावे पर सवाल उठाया कि आतंकियों ने हमला करने से पहले लोगों से उनका धर्म पूछा था. वडेट्टीवार ने कहा, "आतंकियों के पास धर्म पूछने का समय नहीं होता. आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता. सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए."
TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी
22 अप्रैल को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' (TRF) के करीब 5-6 आतंकियों ने पहलगाम में हमला कर 26 लोगों की हत्या कर दी थी. हमले में मारे गए ज्यादातर लोग पर्यटक थे. आतंकियों पर आरोप है कि उन्होंने हमले से पहले धर्म के आधार पर पहचान पूछी थी. इस बर्बर वारदात ने भारत-पाकिस्तान के बीच पहले से तनावपूर्ण माहौल को और भड़का दिया है.