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ऑपरेशन महादेव + ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में चर्चा = पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा ढेर

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में ऑपरेशन महादेव के तहत सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है. हरवान के लिडवास इलाके में मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराया गया. इनमें पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा ढेर हो गया है. ऑपरेशन अभी जारी है. सेना, CRPF और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से यह सफलता मिली है.

ऑपरेशन महादेव + ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में चर्चा = पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा ढेर
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( Image Source:  X/ChinarcorpsIA )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 28 July 2025 3:25 PM IST

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चल रही निर्णायक लड़ाई सोमवार को एक नए मोड़ पर पहुंची. श्रीनगर के हरवान इलाके के लिडवास क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन महादेव की शुरुआत की. यह कार्रवाई एक विशिष्ट खुफिया इनपुट के आधार पर शुरू हुई और जल्द ही गोलीबारी में तब्दील हो गई. इलाके में सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने मोर्चा संभाल लिया.

ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई. जैसे ही बल संदिग्ध स्थान के पास पहुंचे, आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकियों को ढेर कर दिया गया. ड्रोन से ऑपरेशन की निगरानी की जा रही थी और उनके शव देखे गए. दो और आतंकियों के घायल होने की खबर है. ऑपरेशन फिलहाल भी जारी है क्योंकि और आतंकियों के छिपे होने की आशंका बनी हुई है. इस ऑपरेशन महादेव में पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा भी मारा गया है. इसके अलावा मारे गए अन्‍य दो और आतंकी सुलेमान और यासिर भी पाकिस्‍तानी एसएसजी के कमांडो रह चुके थे. एक इत्तेफाक की बात की जाए तो आज ही लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू हुई और भारतीय सेना ने ऑपरेशन महादेव चलाकर पहलगाम हमले के गुनहगार को मौत के घाट उतार दिया.

क्या ये आतंकी पहलगाम हमले में थे शामिल?

जानकारी के अनुसार, मारे गए लोगों में पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा के अलावा आतंकी सुलेमान और यासिर भी पाकिस्‍तानी एसएसजी के कमांडो रह चुके थे. बता दें, 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी. उस वक्त भी कहा गया था कि हमलावर विदेशी थे. अब ऑपरेशन महादेव के तहत मारे गए आतंकियों का पता चल गया कि तीनों आतंकियों का पहलगाम आतंकी हमले से कनेक्शन था.

चिनार कोर ने दिखाया दम

भारतीय सेना की चिनार कोर ने एक बार फिर दिखाया है कि वो आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में पूरी तरह सक्षम है. ऑपरेशन महादेव जिस कुशलता से योजनाबद्ध और निष्पादित हुआ, वह युद्ध स्तर की तैयारी और खुफिया नेटवर्क की ताकत को दर्शाता है. सर्च ऑपरेशन में न सिर्फ तकनीक का प्रयोग हुआ, बल्कि जमीन पर सुरक्षाबलों ने असाधारण साहस का प्रदर्शन भी किया.

पहलगाम हमले से कैसे जुड़ रही हैं कड़ियां?

पहलगाम हमले के बाद जिन तीन संदिग्ध आतंकियों के स्कैच जारी हुए थे, उनमें से दो के हुलिए इन मारे गए आतंकियों से मेल खाते हैं. सभी की पहचान हो गई है. ये भारत की एक और बड़ी आतंक-विरोधी सफलता साबित हुई हैं.

आतंक पर भारत का सीधा जवाब

22 अप्रैल के हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को जवाब देने के लिए 7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर चलाया था. इसमें पाकिस्तान के भीतर नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया. इस कार्रवाई ने न सिर्फ आतंक के नेटवर्क को चोट पहुंचाई, बल्कि भारत के रणनीतिक इरादों को भी साफ कर दिया. सोमवार को हुए ऑपरेशन महादेव को इसी कड़ी की एक और कड़ी माना जा रहा है.

पाकिस्तान की भूमिका फिर सवालों के घेरे में

मारे गए आतंकियों के विदेशी होने की आशंका और पहलगाम हमले से उनका जुड़ाव पाकिस्तान की भूमिका पर एक बार फिर उंगली उठाता है. यह साबित करता है कि पाकिस्तान की जमीन का प्रयोग भारत के खिलाफ हो रहा है. हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान बार-बार खुद को निर्दोष बताता रहा है, लेकिन घटनाएं कुछ और ही इशारा कर रही हैं.

ऑपरेशन महादेव की दिशा तय करेगी अगली पुष्टि

मौजूदा ऑपरेशन के पूरा होने के बाद शवों की पहचान और आतंकियों के नेटवर्क की जानकारी ने बता दिया कि ऑपरेशन महादेव ने पहलगाम हमले के असली गुनहगारों को खत्म कर दिया है. अब तीनों की पुष्टि ने बता दिया कि आतंक के खिलाफ चल रहे जंग में एक निर्णायक क्षण होगा. फिलहाल पूरा देश सेना की मुस्तैदी को सलाम कर रहा है.

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