1 मिनट का मनोरंजन... पायल गेमिंग, स्वीट ज़न्नत, दोस्तू सोनाली से पहले अंजलि अरोड़ा हो चुकी हैं MMS ट्रॉमा की पहली हाई-प्रोफाइल शिकार
सोशल मीडिया पर वायरल हुए कथित MMS वीडियो ने कई युवा महिला क्रिएटर्स की ज़िंदगी को गहरे मानसिक आघात में धकेल दिया है. हालिया पायल गेमिंग, स्वीट ज़न्नत और दोस्तू सोनाली विवाद से पहले अंजलि अरोड़ा इस तरह के वायरल MMS ट्रॉमा की पहली हाई-प्रोफाइल शिकार बनी थीं. अंजलि ने बताया कि एक फेक वीडियो ने उनके करियर, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक छवि को बुरी तरह प्रभावित किया.
सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले कथित प्राइवेट वीडियो और फेक MMS कांड एक बार फिर चर्चा में हैं. 19 मिनट के वायरल वीडियो को लेकर YouTuber और गेमर पायल धरे उर्फ Payal Gaming सुर्खियों में हैं. इस विवाद के बीच सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और एक्ट्रेस अंजलि अरोड़ा ने खुलकर पायल का समर्थन किया है और अपने तीन साल पुराने दर्दनाक अनुभव को साझा किया है.
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अंजलि अरोड़ा ने बताया कि कैसे एक कथित और मॉर्फ्ड MMS वीडियो ने उनकी जिंदगी और करियर को झकझोर कर रख दिया. उन्होंने साफ कहा कि ऑनलाइन ट्रोल्स के लिए यह “कुछ मिनट का मनोरंजन” होता है, लेकिन पीड़ित के लिए यह “सालों का मानसिक आघात” बन जाता है.
कौन हैं अंजलि अरोड़ा?
अंजलि अरोड़ा एक जानी-मानी सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और अभिनेत्री हैं, जो ‘कच्चा बादाम’ गाने पर वायरल वीडियो के बाद रातों-रात स्टार बन गई थीं. उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी, लेकिन इसी बीच एक कथित आपत्तिजनक और मॉर्फ्ड वीडियो के लीक होने ने उनकी जिंदगी को मुश्किल में डाल दिया. अंजलि ने पहले भी कई बार कहा है कि यह वीडियो पूरी तरह फर्जी था, लेकिन इसके बावजूद उन्हें सोशल मीडिया पर जबरदस्त ट्रोलिंग और बदनामी का सामना करना पड़ा.
पायल गेमिंग के मामले ने ताजा किए पुराने जख्म
19 मिनट के वायरल वीडियो को लेकर जब पायल गेमिंग विवादों में आईं, तो अंजलि अरोड़ा के लिए यह पल बेहद भावुक था. उन्होंने कहा कि पायल की स्थिति ने उन्हें अपना अतीत याद दिला दिया, जब उनका नाम जोड़कर एक फेक MMS वायरल किया गया था.
इंस्टाग्राम पोस्ट में छलका अंजलि का दर्द
अंजलि अरोड़ा ने इंस्टाग्राम पर लंबी पोस्ट लिखते हुए कहा कि 'तीन साल पहले मेरे नाम से एक फर्जी MMS वायरल किया गया था, जिसने मुझे गहरे सदमे में डाल दिया. आज पायल गेमिंग के साथ वही होते देख मेरी वे दर्दनाक यादें फिर ताजा हो गईं. लोग यह नहीं समझते कि उनके ऐसे कृत्य कितने नुकसानदेह होते हैं. उनके लिए यह बस एक मिनट का मनोरंजन होता है, लेकिन हमारे लिए यह सालों का मानसिक आघात बन जाता है.” इस पोस्ट के जरिए उन्होंने पायल के प्रति एकजुटता दिखाई और ट्रोल्स की मानसिकता पर सवाल उठाए.
करियर पर भी पड़ा गहरा असर
अंजलि ने खुलासा किया कि वायरल वीडियो विवाद का असर सिर्फ मानसिक स्तर पर नहीं, बल्कि उनके करियर पर भी पड़ा. उन्होंने लिखा कि इस वजह से उन्हें कई अच्छे प्रोजेक्ट्स से हाथ धोना पड़ा. उनके शब्दों में आज भी मुझे अपने काम की वजह से नहीं, बल्कि झूठ की वजह से प्रोफेशनल स्तर पर नुकसान और विरोध झेलना पड़ रहा है. अंजलि अरोड़ा ने बताया कि तीन साल बीत जाने के बावजूद उन्हें आज भी सोशल मीडिया पर गालियां, भद्दे सवाल और अपमानजनक नामों से पुकारा जाता है.
उन्होंने कहा कि “लोग गंदी भाषा का इस्तेमाल करते हैं, अश्लील सवाल पूछते हैं, अपमानजनक नामों से बुलाते हैं और यह सोचे बिना ट्रोल करते हैं कि उनके शब्दों का सामने वाले पर क्या असर पड़ेगा. अंजलि ने इस पूरे सिस्टम पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कैसे लोग बिना सच्चाई जाने किसी महिला को जज करने लगते हैं.
उन्होंने लिखा कि “यह बेहद परेशान करने वाला है कि झूठी कहानियों पर कितनी आसानी से लोग भरोसा कर लेते हैं और किस तरह सहानुभूति की जगह तुरंत फैसले ले लिए जाते हैं. यह सोच घिनौनी है और पूरी तरह अस्वीकार्य है. किसी और की सस्ती जिज्ञासा या बेबुनियाद झूठ की वजह से किसी भी महिला को दर्द सहने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.”
पायल गेमिंग का मामला क्यों है चर्चा में?
पायल धरे उर्फ पायल गेमिंग का नाम हाल ही में एक कथित प्राइवेट वीडियो के लीक होने से जुड़ा. यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और इसकी तुलना Sofik SK के 19 मिनट के वायरल वीडियो से भी की जा रही है. हालांकि, कई यूजर्स और एक्सपर्ट्स का दावा है कि पायल से जुड़ा वायरल MMS AI-जनरेटेड डीपफेक हो सकता है.
बढ़ते डीपफेक और साइबर ट्रोलिंग पर सवाल
अंजलि और पायल जैसे मामलों ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर महिलाओं की सुरक्षा, डीपफेक टेक्नोलॉजी और साइबर ट्रोलिंग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. फेक वीडियो और झूठे आरोप कैसे किसी की जिंदगी तबाह कर सकते हैं, यह इन मामलों से साफ झलकता है. अंजलि अरोड़ा की पोस्ट सिर्फ पायल गेमिंग के समर्थन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज को आईना दिखाने की कोशिश भी है. उनका कहना है कि ऑनलाइन नफरत और सस्ती जिज्ञासा के नाम पर किसी महिला की गरिमा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए.





