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सिस्टम की चुप्पी ने ली सौम्याश्री की जान! टीचर की प्रताड़ना से तंग आकर लगाई थी आग, AIIMS भुवनेश्वर में तोड़ा दम

सौम्याश्री ने आत्मदाह से पहले आरोप लगाया था कि कॉलेज के एक प्रोफेसर ने उसके साथ यौन उत्पीड़न किया और जब उसने इसकी शिकायत की, तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. उल्टा कॉलेज प्रशासन ने मामले को दबाने की कोशिश की.

सिस्टम की चुप्पी ने ली सौम्याश्री की जान! टीचर की प्रताड़ना से तंग आकर लगाई थी आग, AIIMS भुवनेश्वर में तोड़ा दम
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रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 15 July 2025 6:58 AM IST

ओडिशा के बालासोर जिले की एक दर्दनाक घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है. फकीर मोहन ऑटोनोमस कॉलेज की 20 साल की बी.एड. की छात्रा सौम्याश्री बिसी ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ कार्रवाई न होने से परेशान होकर आत्मदाह कर लिया था. कई दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच जूझने के बाद सोमवार देर रात, उसने एम्स भुवनेश्वर में अंतिम सांस ली.

शनिवार को सौम्याश्री ने कॉलेज परिसर में ही खुद पर केरोसिन छिड़ककर आग लगा ली थी. उसे पहले बालासोर जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण तुरंत एम्स भुवनेश्वर रेफर कर दिया गया। 12 जुलाई की शाम 5:15 बजे उसे एम्स के बर्न यूनिट के ICU में भर्ती किया गया था, जहां लगातार इलाज चल रहा था.

लेकिन इलाज के तमाम प्रयासों के बावजूद सोमवार रात 11:46 बजे उसकी मौत हो गई. जैसे ही उसकी मौत की खबर सामने आई, एम्स परिसर में तनाव की स्थिति बन गई. लोग गुस्से में थे, कई संगठन विरोध प्रदर्शन करने लगे. बीजू जनता दल (बीजेडी) के कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारे भी लगाए.

किस पर लगे हैं आरोप?

सौम्याश्री ने आत्मदाह से पहले आरोप लगाया था कि कॉलेज के एक प्रोफेसर ने उसके साथ यौन उत्पीड़न किया और जब उसने इसकी शिकायत की, तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. उल्टा कॉलेज प्रशासन ने मामले को दबाने की कोशिश की. इस लापरवाही और संवेदनहीनता के चलते कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप घोष को पहले निलंबित किया गया और फिर सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया. राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कहा कि प्रिंसिपल ने मामले को सही तरीके से नहीं संभाला और अपनी जिम्मेदारियों का पालन करने में पूरी तरह विफल रहे. इसके अलावा शिक्षा विभाग की वरिष्ठ अधिकारी समीरा कुमार साहू को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. छात्रा के परिवार का आरोप है कि प्रिंसिपल ने उन्हें बचाने की कोशिश की, क्योंकि साहू पर भी छात्रा की शिकायत को दबाने और कोई मदद न करने के गंभीर आरोप हैं.

नेताओं की प्रतिक्रियाएं

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने छात्रा की मौत पर गहरा शोक जताते हुए सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, 'सौम्याश्री की मौत की खबर से बहुत दुखी हूं. डॉक्टरों की हर कोशिश के बावजूद हम उसे नहीं बचा सके. भगवान जगन्नाथ उसकी आत्मा को शांति दें और परिवार को इस भारी दुख को सहने की शक्ति दें. मैं भरोसा दिलाता हूं कि इस मामले में जो भी दोषी होंगे, उन्हें कानून के अनुसार कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी.' मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उन्होंने अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से सख्त निर्देश दिए हैं और राज्य सरकार पीड़ित परिवार के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और ओडिशा बीजेपी के अध्यक्ष मनमोहन सामल ने भी अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह बहुत ही दुखद और हृदयविदारक घटना है. मैं मृतक छात्रा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और उसके परिवार को इस कठिन समय में धैर्य और साहस देने की कामना करता हूं.'

राष्ट्रपति भी पहुंची थीं अस्पताल

घटना की गंभीरता को देखते हुए भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, जो सोमवार को एम्स भुवनेश्वर के दीक्षांत समारोह में शामिल होने आई थी, खुद बर्न यूनिट पहुंचीं और डॉक्टरों से छात्रा की स्थिति के बारे में जानकारी ली थी. इससे साफ जाहिर होता है कि मामला कितना संवेदनशील और गंभीर है.

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