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ITCOL बैंक फ्रॉड का, शाक्ति रंजन डैश की कंपनियों पर ED की सेंध, छापे में मिली 10 लग्जरी कारें, करोड़ों के गहने

यह मामला M/s Indian Technomac Company Ltd (ITCOL) से जुड़ा है, जिसने 2009 से 2013 के बीच बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई वाले बैंक कंसोर्टियम से धोखाधड़ी करके कर्ज लिया था. ED के अनुसार, ITCOL और उसके निदेशकों ने बैंक को ठगी करने के लिए नकली परियोजना रिपोर्टें पेश कीं.

ITCOL बैंक फ्रॉड का, शाक्ति रंजन डैश की कंपनियों पर ED की सेंध, छापे में मिली 10 लग्जरी कारें, करोड़ों के गहने
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( Image Source:  ANI )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 31 Aug 2025 4:04 PM IST

देश के सबसे बड़े बैंक फ्रॉड मामलों में से एक से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत शनिवार को Enforcement Directorate (ED) ने भुवनेश्वर, ओडिशा में जोरदार छापेमारी की. इस छापेमारी में ED ने शास्त्रीय और आधुनिक विलासिता के प्रतीक कहे जाने वाले 10 लग्जरी कारें, 3 सुपरबाइक्स, करोड़ों रुपये के गहने और नकदी जब्त की है।

यह कार्रवाई Prevention of Money Laundering Act (PMLA), 2002 के तहत की गई, जो एक लगभग 1,396 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड केस से जुड़ी है.

कहां पड़ा छापा?

ईडी की टीम ने दो प्रमुख जगहों पर छापेमारी की. इनमें शाक्ति रंजन डैश के निवास और उनकी कंपनियों M/s Anmol Mines Private Limited (AMPL) तथा M/s Anmol Resources Private Limited (ARPL) के ऑफिस शामिल हैं. छापेमारी के दौरान एजेंसी ने Porsche Cayenne, Mercedes-Benz GLC, BMW X7, Audi A3, Mini Cooper जैसी लक्जरी कारें जब्त कीं, साथ ही तीन सुपरबाइक्स में Honda Gold Wing मोटरसाइकिल भी शामिल थी. इन वाहनों की कीमत करीब 7 करोड़ रुपये बताई जा रही है.

करोड़ों के गहने और कैश बरामद

इसके अलावा, 1.12 करोड़ रुपये के गहने, 13 लाख रुपये नकद, महत्वपूर्ण दस्तावेज और दो लॉकर भी फ्रीज कर दिए गए. ये सभी संपत्तियां इस बैंक धोखाधड़ी मामले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी हैं.

ITCOL बैंक धोखाधड़ी का पूरा पर्दाफाश

यह मामला M/s Indian Technomac Company Ltd (ITCOL) से जुड़ा है, जिसने 2009 से 2013 के बीच बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई वाले बैंक कंसोर्टियम से धोखाधड़ी करके कर्ज लिया था. ED के अनुसार, ITCOL और उसके निदेशकों ने बैंक को ठगी करने के लिए नकली परियोजना रिपोर्टें प्रस्तुत कीं और नकली बिक्री दिखाकर धन जमा कराया, लेकिन इस कर्ज का उपयोग परियोजना के लिए कभी नहीं हुआ. पहले भी ED ने इस मामले में 310 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर चुकी है, जिनमें से 289 करोड़ अप्रैल 2025 में बैंक कंसोर्टियम को वापस किए गए थे.

मनी लॉन्ड्रिंग और शाक्ति रंजन डैश का कनेक्शन

जांच में यह भी पता चला कि ITCOL और उसके नकली कंपनियों ने करीब 59.80 करोड़ रुपये अनमोल माइंस प्राइवेट लिमिटेड (AMPL) के खाते में ट्रांसफर किए. ED ने बताया कि AMPL के मैनेजिंग डायरेक्टर शाक्ति रंजन डैश ने जानबूझकर ITCOL के प्रमोटर राकेश कुमार शर्मा की मदद की, जिससे यह पैसा खनन व्यवसाय में लगाया गया. इस तरह, डैश ने कथित अवैध धन को वैध दिखाने में मदद की.

जांच जारी, बड़े खुलासे की उम्मीद

ED ने साफ किया है कि जांच अभी भी जारी है और आगे और भी महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं. इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ एजेंसियां सख्त कार्रवाई कर रही हैं.

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