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'कड़ी मेहनत से होगा सपना पूरा, 90 घंटे करो काम', नीति आयोग के पूर्व CEO ने फिर छेड़ी बहस

नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने वर्किंग आवर को लेकर एक बयान जारी किया है. उनका कहना है कि अगर भारत को 30 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था पर देखना चाहते हैं, तो इंडियंस को और मेहनत करनी चाहिए. फिर चाहे उन्हें हफ्ते में 80 से 90 घंटे ही क्यों न काम करना पड़े. इस तरह एक बार फिर वर्किंग आवर को लेकर बहस छिड़ गई है.

कड़ी मेहनत से होगा सपना पूरा, 90 घंटे करो काम, नीति आयोग के पूर्व CEO ने फिर छेड़ी बहस
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( Image Source:  Social Media: X )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 1 March 2025 10:30 PM IST

ऑफिस में वर्किंग आवर को लेकर अकसर बहस छिड़ी रहती है. किसी का कहना है कि 70 घंटे काम करने के लिए प्रायप्त है, तो कुछ इसमें भी संतुष्ट होकर 90 घंटे काम करने की बात कर डालते हैं. हमारा इशारा किस ओर है यह आप अच्छी तरह समझ गए होंगे. लेकिन अब इस मुद्दे पर बात करने का क्या मतलब क्योंकि उस बयान को भी काफी समय बीत चुका.

दरअसल वर्किंग आवर को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ी है. अबकी बार यह बहस नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने छेड़ी है. उना कहना है कि इंडियंस को कड़ी मेहनत करनी चाहिए. साथ ही यह भी कह डाला कि 80-90 घंटे काम करना चाहिए. उनका कहना है कि इंडिया को 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की जरूरत है. न कि वर्क लाइफ बैलेंस के प्रति जुनून की.

अब यह बात फैशनेबल हो गई है

उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही. कार्यक्रम में मौजूद लोगों से पूर्व सीईओ बोले कि आजकल कड़ी मेहनत न करना और इसपर बात करना एक फैशन बन चुका है. लेकिन मैं तो मेहनत और दृढ़ता में विश्वास रखता हूं. मुझे ऐसा लगता है कि इंडियनस को कड़ी मेहनत करनी चाहिए. इस दौरान उन्होंने यह भी बता दिया कि कितने घंटे काम करना पर्याप्त रहेगा. उनका कहना है कि भारतीयों को कड़ी मेहनत करनी चाहिए, चाहे वह सप्ताह में 80 घंटे हो या 90 घंटे हो.

अमिताभ कांत ने कहा कि अगर देश को 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था पर देखना चाहते हैं, तो ये सपना एंटरटेनमेंट के माध्यम से या फिर फिल्म स्टार और उनके विचारों को अपनाने से नहीं आएगा. इसके लिए मेहनत करनी होगी. डेडलाइन से पहले अपना काम पूरा करना होगा. इस तरह वर्किंग आवर को लेकर फिर से बहस छिड़ गई है.

लार्सेन एंड टर्बो के चेयरमैन ने दिया था बयान

जैसा की बताया कि ऐसे बयान पहली बार नहीं दिए गए हैं. इससे पहले भी लार्सेन एंड टर्बो (L&T) कंपनी के चेयरमैन एन सुब्रह्मयम ने भी इस तरह का बयान दिया था. उनका कहना था कि इंडियंस को हफ्ते में 90 घंटे काम करना चाहिए. घर पर बैठक बीवी को घूरने से कुछ नहीं मिलेगा. हालांकि उनके भी बयान पर काफी बवाल मचा था. यह मामला शांत ही हुआ था, इसपर फिर एक बयान सामने आ गया है.

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