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देसी जुगाड़ है भैया! अरबपति हर्ष गोयनका ने 5 से 8 लाख रुपये महीना कमाने वाले ऑटो ड्राइवर के आइडिया पर किया रिएक्ट

Mumbai Auto driver: मुंबई का एक ऑटो चालक ने अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के बाहर एक अनोखी सेवा शुरू की है, जिससे वह हर ₹5 से ₹8 लाख तक कमा रहा है. यह सेवा वाणिज्य दूतावास में प्रवेश से पहले आगंतुकों के बैग और सामान को सुरक्षित रखने की है, क्योंकि दूतावास के भीतर बैग ले जाना प्रतिबंधित है और कोई लॉकर सुविधा उपलब्ध नहीं है

देसी जुगाड़ है भैया! अरबपति हर्ष गोयनका ने 5 से 8 लाख रुपये महीना कमाने वाले ऑटो ड्राइवर के आइडिया पर किया रिएक्ट
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( Image Source:  @hvgoenka )

Mumbai Auto driver: कहते हैं अगर मेहनत और लगन सच्ची हो तो एक दिन कामयाबी जरूर मिलती है. मुंबई के एक ऑटो चलाने वाले शख्स ने कुछ ऐसा ही कमाल करके दिखाया है. वह अपने देसी जुगाड़ और मेहनत से हर महीने 5 से 8 लाख रुपये कमा रहा है. देश भर में लोग उसकी तारीख रहे हैं. इनमें एक नाम अरबपति हर्ष गोयनका का नाम भी शामिल हैं.

हर्ष गोयनका ने सोशल मीडिया पोस्ट पर ऑटो ड्राइवर को लेकर कुछ बातें लिखीं. वेन्यूमॉन्क के को-फाउंडर राहुल रूपानी ने एक पोस्ट में ड्राइवर के अनोखे बिजनेस के बारे में बताया था. जिसके बाद गोयनका ने रिएक्ट किया है और उसे देसी जुगाड़ बताया.

हर्ष गोयनका ने किया पोस्ट

हर्ष गोयनका ने लिखा, मुंबई के एक रिक्शा चालक ने अमेरिकी वाणिज्य दूतावास में लंबी वीजा लाइनें देखीं- नो-फोन, नो-बैग नियम और उसे एक शानदार आइडिया आया. उसने अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के बाहर लोगों के बैग रखने के लिए ₹ 1,000 चार्ज करना शुरू कर दिया.

गोयनका ने ड्राइवर की तस्वीर शेयर करते हुए एक्स पोस्ट में कहा, आज, अशोक सिर्फ बैग-होल्डिंग सेवा देकर 8 लाख रुपये प्रति माह कमाता है. कोई ऐप नहीं. कोई एमबीए नहीं. बस शुद्ध भारतीय जुगाड़. हैरानी की बात है कि उसे ऑटो चालक होकर भी ऑटो नहीं चलाता बस बैग रखने की सर्विस से ही कमा लेता है.

कब सामने आई कहानी?

राहुल रूपानी ने लिंक्डइन पोस्ट में ऑटो चालक की कहानी शेयर की. रूपानी ने लिखा, मैं इस सप्ताह अपने वीजा अपॉइंटमेंट के लिए अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के बाहर था, जब सुरक्षाकर्मियों ने मुझे बताया कि मैं अपना बैग अंदर नहीं ले जा सकता. कोई लॉकर नहीं. कोई सुझाव नहीं. बस समझो.

उन्होंने कहा, फिर जब मैं फुटपाथ पर खड़ा था, तो एक ऑटो चालक ने मुझे हाथ हिलाकर इशारा किया और कहा, सर, बैग दे दो. सुरक्षित रखूंगा, मेरा रोज का है. 1,000 रुपये चार्ज है.' मैं हिचकिचाया लेकिन फिर मान गया. और तब मुझे इस आदमी के शानदार बिजनेस का पता चला.

यूजर्स का रिएक्शन

सोशल मीडिया पर यूजर्स ऑटो ड्राइवर के अनोखे बिजनेस की तारीफ कर रहा है. कुछ ने दूतावास के अंदर लॉकर सिस्टम की व्यवस्था न होने की निंदा की है. वहीं कुछ ने कहा अगर वह बैग लेकर भाग जाता तो. हालांकि ज्यादातर लोगों ने चालक की तारीफ की है. क्योंकि उसने पैसे कामने का बेहद आसान तरीका अपनाया.

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