राह चलते महिला के साथ छेड़छाड़, पहले जबरदस्ती लगाया गले और फिर गलत तरीके से छुआ... पीड़ित ने बताई आपबीती
मुंबई का बांद्रा हमेशा से ही सुरक्षित और व्यस्त इलाकों में गिना जाता रहा है. लेकिन हाल ही में यहां एक महिला के साथ हुई घटना ने इस धारणा को झकझोर कर रख दिया है. सोशल मीडिया पर एक महिला ने अपने अनुभव को साझा किया, जिसने न केवल बांद्रा बल्कि पूरे मुंबई में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

मुंबई के बांद्रा इलाके में हाल ही में एक महिला के साथ सड़क पर हुई शर्मनाक घटना ने सभी को हिला कर रख दिया है. पीड़ित महिला ने बताया कि वह अपने रोज़मर्रा के काम निपटाने के लिए शाम करीब 7:45 बजे पैदल जा रही थीं, तभी एक अजनबी व्यक्ति ने उनके रास्ते में आकर जबरदस्ती उन्हें गले लगाया और उनके साथ गलत तरीके से छुआ.
हालांकि, महिला ने हिम्मत दिखाते हुए चिल्लाई और शख्स को अपने बैग से मारा. यह पहली बार नहीं है जब महिला के साथ छेड़छाड़ की गई हो. इस घटना ने सभी के लिए यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या वास्तव में शहर के सुरक्षित इलाके भी महिलाओं के लिए सेफ नहीं हैं?
सरेआम सड़क पर अजनबी ने लगाया गले
महिला ने रेडिट पर एक पोस्ट कर बताया कि वह शाम करीब 7:45 बजे वह कुछ काम निपटाने के लिए सड़क पर चल रही थीं, तभी एक अजनबी व्यक्ति ने उन्हें अचानक गले लगाया और उनके साथ अनुचित तरीके से छेड़छाड़ की. महिला ने बताया कि वह हमेशा अपने कपड़ों का ध्यान रखती हैं. साथ ही, पब्लिक प्लेस पर सही तरीके से बिहेव करती हैं. फिर भी उन्हें बार-बार सड़क पर तंग किया जाता रहा है, उनका पीछा किया गया और लगातार कमेंट किए गए. लेकिन यह घटना उनके लिए सबसे अधिक डरावनी थी.
महिला ने शख्स को मारा
महिला ने बताया कि जब वह शख्स उसे अचानक गले लगा, तब उसने जोर से चिल्लाया, जिससे वह डर गया और माफी मांगते हुए पीछे हट गया. महिला ने अपने टोट बैग से उसे कई बार मारा, लेकिन हाथ में चोट लगने के डर से आगे कुछ नहीं किया. घटना के तुरंत बाद महिला हक्का-बक्का रह गईं.
सोशल मीडिया पर यूजर के रिएक्शन्स
महिला ने बताया कि यह घटना पेरी क्रॉस रोड पीस हेवन बंगलो के पास हुई. महिला का मकसद केवल दूसरों को चेतावनी देना था ताकि जो लोग इस इलाके में अक्सर आते हैं, वे सतर्क रहें. इस अपडेट के बाद पोस्ट को हजारों लोगों ने देखा और कमेंट किया. कई लोग इस पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दे रहे. वहीं कई अन्य लोग अपनी खुद की सड़क पर हुई परेशानियों की कहानियां बताई. महिला ने यह भी लिखा कि अब बांद्रा के निवासी इस तरह की घटनाओं के प्रति असंवेदनशील हो गए हैं और मुंबई की लंबे समय से सुरक्षित शहर की छवि अब एक भ्रम की तरह लग रही है.
क्या यही है महिला सुरक्षा?
यह मामला फिर से महिलाओं की सुरक्षा और सार्वजनिक स्थानों पर सतर्क रहने की आवश्यकता पर चर्चा को तेज कर गया है. बांद्रा की व्यस्त सड़कों पर हुए इस मामले ने यह साफ कर दिया है कि किसी भी महिला की सुरक्षा सिर्फ उसके पहनावे या सतर्कता पर निर्भर नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज और कानूनी व्यवस्था की जिम्मेदारी है. मुंबई जैसी महानगर की गलियों में महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाए रखना हर नागरिक और प्रशासन की जिम्मेदारी है.