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Mehul Choksi को भारत के इस जेल में मिलेगी जगह, बैरक नंबर 12 में तय हुआ ठिकाना; जानिए क्या होंगी सुविधाएं

भारत ने भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है. गृह मंत्रालय ने बेल्जियम सरकार को पत्र लिखकर आश्वासन दिया है कि चोकसी को भारत लाने पर मानवाधिकारों का पूरा ख्याल रखा जाएगा. पत्र में बताया गया है कि चोकसी को मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, जहां उसे साफ पानी, स्वास्थ्य सुविधाएं, व्यायाम का समय और भोजन की गारंटी मिलेगी. पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी चोकसी अप्रैल 2025 में बेल्जियम से गिरफ्तार हुआ था और अब उसके प्रत्यर्पण पर सितंबर के दूसरे हफ्ते में सुनवाई होनी है.

Mehul Choksi को भारत के इस जेल में मिलेगी जगह, बैरक नंबर 12 में तय हुआ ठिकाना; जानिए क्या होंगी सुविधाएं
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Published on: 8 Sept 2025 1:07 PM

पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी और भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी अब जल्द ही भारत की जेल में हो सकता है. अप्रैल 2025 में बेल्जियम में गिरफ्तार चोकसी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज हो गई है. भारत सरकार ने बेल्जियम सरकार की चिंताओं को दूर करने के लिए विस्तृत पत्र भेजा है, जिसमें सुरक्षा, जेल की स्थिति और मानवीय सुविधाओं का पूरा खाका शामिल है. यह कदम भारत के लिए चोकसी को जल्द ही देश की जेल में लाने की दिशा में अहम माना जा रहा है.

गृह मंत्रालय ने 4 सितंबर 2025 को बेल्जियम सरकार को पत्र भेजा. इसमें साफ किया गया है कि चोकसी को भारत लाने पर उसे किस जेल में रखा जाएगा, क्या सुविधाएं मिलेंगी और उसकी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी. भारत ने भरोसा दिलाया है कि चोकसी को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार मानवीय सुविधाएं दी जाएंगी और उसे एकांत कारावास में नहीं रखा जाएगा.

मुंबई की आर्थर रोड जेल बनेगा नया ठिकाना

भारत ने साफ कर दिया है कि मेहुल चोकसी को प्रत्यर्पण के बाद मुंबई की आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा. यह जेल पहले भी कई हाई-प्रोफाइल मामलों के आरोपियों का ठिकाना रही है. अधिकारियों के अनुसार, यहां ज्यादा भीड़भाड़ नहीं है और उसकी सेल पर 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी.

चोकसी को मिलेंगी ये सुविधाएं

गृह मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र में चोकसी की जेल सुविधाओं का विस्तार से जिक्र है. उसे सेल में कम से कम 3 वर्ग मीटर का निजी स्थान, सूती गद्दा, तकिया, चादर और कंबल उपलब्ध होंगे. चिकित्सा कारणों से मेटल फ्रेम या लकड़ी का बिस्तर भी दिया जा सकता है. साथ ही साफ पीने का पानी, पर्याप्त रोशनी और हवादारी की सुविधा होगी.

व्यायाम और भोजन की गारंटी

चोकसी को रोजाना सेल से बाहर निकलने और व्यायाम करने का मौका मिलेगा. साथ ही मनोरंजन के लिए भी समय निर्धारित किया जाएगा. हिरासत के दौरान उसे पर्याप्त और पौष्टिक भोजन दिया जाएगा. इन सभी व्यवस्थाओं का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चोकसी के मानवाधिकारों का उल्लंघन न हो. इसके अलावा चोकसी को 24 घंटे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी. जेल में नियमित जांच, आपातकालीन मेडिकल सपोर्ट और व्यक्तिगत सामान रखने की अनुमति दी जाएगी. हर दिन शौचालय और नहाने की सुविधा मिलेगी. इसके अलावा उसे व्यायाम और मनोरंजन के लिए निर्धारित समय दिया जाएगा.

बेल्जियम को आश्वासन क्यों?

बेल्जियम सरकार ने प्रत्यर्पण से पहले सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठाए थे. चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि भारत में उसे राजनीतिक उत्पीड़न और स्वास्थ्य संबंधी जोखिम का सामना करना पड़ेगा. चोकसी कैंसर के इलाज से गुजर रहा है, इसी वजह से अदालत ने उसकी बेल रद्द कर दी थी. भारत ने इसी चिंता को दूर करने के लिए विस्तृत रिपोर्ट भेजी है.

पीएनबी घोटाला और नीरव मोदी का रिश्ता

मेहुल चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का आरोप है. आरोप है कि दोनों ने बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOU) के जरिए घोटाला किया. चोकसी के खिलाफ अन्य बैंकों से धोखाधड़ी के मामले भी दर्ज हैं. नीरव मोदी पहले से ही लंदन की जेल में प्रत्यर्पण की कार्यवाही झेल रहा है.

चोकसी की कानूनी लड़ाई

2018 से विदेश में फरार चोकसी ने कई बार प्रत्यर्पण का विरोध किया. डोमिनिका से प्रत्यर्पण की कोशिश असफल रही थी. अप्रैल 2025 में एंटवर्प (बेल्जियम) में गिरफ्तारी के बाद उसने जमानत मांगी, लेकिन कोर्ट ने उसके फरार होने की आशंका के चलते इसे खारिज कर दिया. अब प्रत्यर्पण पर अंतिम सुनवाई सितंबर के दूसरे हफ्ते में होने वाली है.

भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत

भारत ने बेल्जियम सरकार की शंकाओं को दूर कर चोकसी की वापसी का रास्ता लगभग साफ कर दिया है. गृह मंत्रालय का यह कदम न केवल पीएनबी घोटाले में न्याय दिलाने की दिशा में अहम है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि भारत अब किसी भी आर्थिक अपराधी को आसानी से बचने नहीं देगा.

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