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क्या गजब तमाशा! विधानसभा में रमी खेलते पकड़े गए कृषि मंत्री, अब हुआ ट्रांसफर, मिल गया खेल मंत्रालय

महाराष्ट्र में किसानों का हाल बेहाल है. वहीं, इस राज्य के कृषि मंत्री विधान सभा सत्र में उनकी हालत को बेहतर करने के समाधान पर बात करने के बजाय खेल खेलते नजर आए. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसके बाद विपक्षी दल ने जमकर बवाल मचाया है.

क्या गजब तमाशा! विधानसभा में रमी खेलते पकड़े गए कृषि मंत्री, अब हुआ ट्रांसफर, मिल गया खेल मंत्रालय
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( Image Source:  Instagram- @manikraokokate_speaks )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 1 Aug 2025 5:54 PM IST

महाराष्ट्र के किसान पानी और पैसों को तरस रहे हैं. दोनों की कमी के चलते न जाने कितने किसान अपनी जान दे चुके हैं. ऐसे में इस क्षेत्र के कर्ता-धर्ता यानी कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे विधानसभा के सत्र के दौरान मुद्दों का समाधान ढूंढने के बजाय रमी गेम खेलते नजर आ रहे थे.

इसक वीडियो की एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए तीखी आलोचना की. हैरानी की बात यह है कि इस पर एक्शन लेते हुए सरकार ने उन्हें स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री में ट्रांसफर कर दिया.

रमी खेल रहे कृषि मंत्री

रोहित पवार ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा 'राज्य में रोज़ाना आठ किसान आत्महत्या कर रहे हैं, हजारों कृषि मुद्दे लंबित हैं और कृषि मंत्री रमी खेलने में बिजी हैं.' उनका आरोप था कि माणिकराव की ये हरकत सत्ता पक्ष की उस असंवेदनशीलता को दिखाती है जो आज राज्य की सबसे बड़ी चुनौतियों से मुंह मोड़ रही है.

माणिकराव का दावा निकला झूठा

इस विवाद पर माणिकराव ने कहा कि वह गेम का पॉप-अप बंद कर रहे थे, ना कि कोई गेम खेल रहे थे, लेकिन हकीकत कुछ और निकली. जांच में सामने आया कि मंत्री महोदय ने 18 से 22 मिनट तक रमी खेली थी.

मंत्री को मिली स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री

महाराष्ट्र में विधानसभा सत्र के दौरान मोबाइल पर ऑनलाइन रमी खेलने का वीडियो वायरल होने के बाद विपक्ष ने सरकार पर जमकर हमला बोला और माणिकराव को पद से हटाने की मांग की. इस बवाल के बीच राज्य सरकार ने गुरुवार देर रात दो मंत्रियों के विभागों में बदलाव कर दिया. माणिकराव कोकाटे को खेल और युवा कल्याण विभाग दिया गया है. अब कोकाटे की जगह दत्तात्रेय भारणे को कृषि मंत्री बनाया गया है. वे पहले खेल विभाग संभाल रहे थे.

विवादों से गहरा नाता

यह पहली बार नहीं था जब माणिकराव कोकाटे विवादों में फंसे. एक बार उन्होंने किसानों की तुलना भिखारियों से कर दी थी. 1995 में वह आवास धोखाधड़ी के मामले में दोषी भी पाए गए थे, हालांकि उस पर बाद में रोक लग गई थी.

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