विभागों के बंटवारे के बाद भी महायुति में क्यों खत्म नहीं हो रही नाराजगी?
Mahayuti Portfolio: सीएम देवेंद्र फडणवीस ने गृह मंत्रालय और कानून एवं न्यायपालिका विभाग अपने पास रखा है. उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शहरी विकास और लोक निर्माण तथा अजित पवार को वित्त विभाग दिया गया है, लेकिन अब संरक्षक मंत्री को लेकर बात नहीं बन पा रही है.

Mahayuti Portfolio: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन भाजपा, शिवसेना(शिंदे) और एनसीपी (अजीत पवार ) के बीच रार खत्म नहीं हुआ है. गठबंधन ने मंत्रिमंडल के विभागों का बंटवारा तो कर लिया, लेकिन संरक्षक मंत्रियों के पदों को लेकर खींचतान जारी है.
बता दें कि संरक्षक मंत्री जिला योजना और विकास परिषद के फंड को नियंत्रित करते हैं, जिसका उपयोग उन जिलों में विभिन्न विकास और ब्यूटीफिकेशन प्रोजेक्ट के लिए किया जाता है. इसका सरकार में प्रतिनिधित्व नहीं है. दरअसल, प्रभारी मंत्री को जिले के विकास का जिम्मा दिया जाता है, जिला विकास और योजना का फंड भी उसके नियंत्रण में रहता है.
प्रभारी मंत्री पर शिंदे गुट की नहीं बन रही बात
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीपी और बीजेपी के कुछ सदस्य रायगढ़ और छत्रपति संभाजीनगर पर नज़र गड़ाए हुए हैं, जहां शिवसेना के मंत्री भरत गोगावाले और संजय शिरसाट पहले ही दावा पेश कर चुके हैं. 42 मंत्री हैं, लेकिन 12 जिलों का सरकार में प्रतिनिधित्व नहीं है. ऐसे में कई जिलों में कई मंत्री हैं, जिससे उन्हें लेकर लड़ाई हो रही है.
मुंबई में अपना संरक्षक मंत्री चाहते हैं शिंदे
ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही है कि बीजेपी के आशीष शेलार मुंबई उपनगरीय और मंगल प्रभात लोढ़ा मुंबई शहर के संरक्षक मंत्री होंगे. हालांकि, शिवसेना मुंबई में कम से कम एक संरक्षक मंत्री रखना चाहती है. एकनाथ के नेतृत्व वाला गुट किसी 'बाहरी' व्यक्ति को यह पद देने पर जोर दे सकता है, जैसा कि पिछली सरकार में किया गया था, जब सावंतवाड़ी से शिवसेना के विधायक को मुंबई शहर के लिए चुना गया था.
नाराज शिंदे फिर से निकले गांव!
सोमवार से अजित पवार जहां अपने पद का कार्यभार संभालने जा रहे हैं तो वहीं एकनाथ शिंदे अपने गांव सतारा स्थित दरेगांव पहुंच गए हैं. वो तीन दिनों के लिए अपने गांव पहुंचे हैं, ऐसे में इस बार फिर से उनके गांव जाने की वजह नाराजगी बताई जा रही है, क्योंकि मंत्री पद को लेकर भी उन्होंने समझौता किया, तो इस बार जिले के संरक्षक मंत्री के पद को लेकर भी समझौते का दबाव बना रहा है.