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हादसा या लापरवाही? चलती ट्रेन से फेंकी लोको पायलट ने बोतल, 14 साल के मासूम को लगते ही हुई मौत

राजकोट में एक दर्दनाक घटना में, चलती ट्रेन से फेंकी गई पानी की बोतल लगने से 14 साल मासूम की मौत हो गई. इस मामले में लापरवाही का दोषी पाए जाने पर असिस्टेंट लोको पायलट शिवराम गुर्जर को दोषी पाया गया है.

हादसा या लापरवाही? चलती ट्रेन से फेंकी लोको पायलट ने बोतल, 14 साल के मासूम को लगते ही हुई मौत
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( Image Source:  AI: Representative Image )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 27 Nov 2025 5:30 PM IST

गुजरात के राजकोट ज़िले से आई एक दर्दनाक खबर ने हर किसी को भीतर तक झकझोर दिया है. बीते 14 मार्च को एक 14 साल के किशोर, बादल सिंह गोडठाकर, की जान एक ऐसी वजह से चली गई, जिस पर यक़ीन करना भी मुश्किल है, दरअसल चलती ट्रेन से फेंकी गई एक पानी की बोतल ने उसकी जिंदगी छीन ली.

बादल उस वक्त शापर-वेरावल इलाके में रेलवे ट्रैक के पास खड़ा था, जब अचानक एक तेज़ी से आ रही ट्रेन से फेंकी गई बोतल सीधे उसके सीने पर आ लगी. यह टक्कर इतनी जोरदार थी कि वह वहीं गिर पड़ा. परिजनों ने उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी.

पिता की गुहार

इस दिल तोड़ने वाले हादसे के बाद, बादल के पिता संतोष सिंह ने 1 अप्रैल को शापर-वेरावल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की और आसपास के सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग खंगालनी शुरू की. जांच के दौरान एक चौंकाने वाला सच सामने आया। ट्रेन के पहले डिब्बे में यात्रा कर रहे असिस्टेंट लोको पायलट शिवराम गुर्जर द्वारा वह बोतल फेंकी गई थी.

पुलिस की पड़ताल

यह घटना केवल एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा नहीं, बल्कि इस बात की चेतावनी है कि सार्वजनिक स्थानों पर की गई छोटी-सी लापरवाही भी किस तरह किसी की जिंदगी का अंत बन सकती है. 31 साल के शिवराम ने पूछताछ में यह स्वीकार किया कि बोतल उसी ने फेंकी थी, जो अनजाने में एक मासूम की जान पर भारी पड़ गई. पुलिस ने शिवराम को गिरफ्तार कर लिया और भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (1) लापरवाही से हुई मौत के तहत मामला दर्ज किया गया.

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