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करूर रैली भगदड़ मामला: सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच का आदेश दिया, पूर्व जज अजय रस्तोगी करेंगे निगरानी; पढ़ें 10 बड़ी बातें

तमिलनाडु के करूर में एक्टर से नेता बने विजय की रैली के दौरान हुई भगदड़ में 41 लोगों की मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच का आदेश दिया. जांच की निगरानी पूर्व न्यायाधीश अजय रस्तोगी करेंगे. टीवीके ने आरोप लगाया था कि रैली पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा थी.

करूर रैली भगदड़ मामला: सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच का आदेश दिया, पूर्व जज अजय रस्तोगी करेंगे निगरानी; पढ़ें 10 बड़ी बातें
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( Image Source:  ANI )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 13 Oct 2025 12:39 PM IST

तमिलनाडु के करूर में अभिनेता और राजनेता विजय की रैली के दौरान हुए भगदड़ मामले ने राजनीतिक और कानूनी गलियारे में हलचल मचा दी थी. इस हादसे में 41 लोगों की मौत हो गई थी. घटना के बाद टीवीके (तमिलगा वेट्टरी कड़गम) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर स्वतंत्र जांच की मांग की थी, क्योंकि उनका कहना था कि सिर्फ राज्य पुलिस की जांच पर जनता का भरोसा नहीं बनेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने टीवीके की याचिका पर सुनवाई की और CBI जांच के आदेश दिए. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच की निगरानी पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश अजय रस्तोगी करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के चेन्नई बेंच के एसआईटी गठन पर सवाल उठाए और कहा कि चेन्नई बेंच के पास इस मामले को सुनने का अधिकार नहीं था.

करूर हादसे की 10 बड़ी बातें

  • CBI जांच का आदेश: सुप्रीम कोर्ट ने करूर रैली हादसे की जांच CBI को सौंप दी, ताकि पूरी जांच निष्पक्ष और स्वतंत्र हो.
  • पूर्व जज अजय रस्तोगी की निगरानी: जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अजय रस्तोगी करेंगे. उनके नेतृत्व में एक समिति बनाई गई है, जिसमें तमिलनाडु कैडर के दो ऐसे आईपीएस अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं जो राज्य के मूल निवासी न हों.
  • टीवीके की याचिका: टीवीके ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि भगदड़ की जांच सिर्फ एसआईटी या राज्य पुलिस के भरोसे नहीं होनी चाहिए. पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि भगदड़ पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा हो सकता है.
  • हाईकोर्ट के आदेश पर सवाल: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मदुरै बेंच का अधिकार क्षेत्र था, लेकिन चेन्नई बेंच ने मामले को सुनकर एसआईटी का गठन कर दिया. कोर्ट ने इसे गलत ठहराया.
  • रैली में भारी भीड़: पुलिस ने कहा कि टीवीके ने 10,000 लोगों के लिए अनुमति मांगी थी, लेकिन रैली में लगभग 25,000 लोग जमा हो गए. आयोजकों ने बस निर्धारित स्थान पर नहीं खड़ी की और विजय देर से आए, जिससे भीड़ असंतुष्ट और बेताब हो गई.
  • टीवीके नेताओं पर एफआईआर: रैली के बाद पुलिस ने टीवीके के माधियाझगन, बसी आनंद और सीटीआर निर्मल कुमार के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी.
  • असुरक्षित व्यवस्थाएं और आरोप: पुलिस ने आरोप लगाया कि आयोजकों ने पानी, सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं का ध्यान नहीं रखा और अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया.
  • पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार पर सवाल: सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि 30-40 शवों का पोस्टमार्टम रात में करके सुबह 4 बजे अंतिम संस्कार करना गंभीर सवाल उठाता है.
  • राजनीतिक और कानूनी हलचल: इस मामले ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी. टीवीके ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी और सीबीआई जांच की मांग की. एक भाजपा नेता ने भी जांच को सीबीआई सौंपने की याचिका दाखिल की थी.
  • समयबद्ध रिपोर्टिंग की शर्त: सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि CBI हर महीने जांच की प्रगति रिपोर्ट अजय रस्तोगी की अध्यक्षता वाली निगरानी समिति को सौंपे. इससे जांच पूरी पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ होगी.
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