कनिमोझी समेत भारतीय सांसदों का विमान बना निशाना? मॉस्को एयरपोर्ट पर घंटों फंसा प्लेन
डीएमके सांसद कनिमोझी की अगुवाई वाला प्रतिनिधिमंडल, जो ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देने और भारत की स्थिति स्पष्ट करने के लिए मॉस्को गया था, वहां ड्रोन हमले की चपेट में आने से बच गया.

डीएमके सांसद कनिमोझी की अगुवाई वाला प्रतिनिधिमंडल, जो ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देने और भारत की स्थिति स्पष्ट करने के लिए मॉस्को गया था, वहां ड्रोन हमले की चपेट में आने से बच गया. ड्रोन अटैक के कारण उनका विमान मॉस्को एयरपोर्ट पर कई बार चक्कर लगाता रहा और अंतत, कई घंटे की देरी के बाद ही सुरक्षित लैंड कर पाया. ऑपरेशन सिंदूर पर जानकारी देने के लिए भारत ने छह प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों को भेजे हैं, जिनमें से एक मॉस्को में कनिमोझी का दल भी शामिल है.
ऑपरेशन सिंदूर लेकर रूस पहुंचे सांसदों की जान खतरे में!
बीते तीन दिनों में पूरे देश में 485 से ज़्यादा ड्रोन हमलों की कोशिश की गई है. सिर्फ राजधानी मॉस्को और उसके आसपास के इलाकों में 63 बार ड्रोन हमले रोकने पड़े. इसी तनावपूर्ण माहौल में भारत से एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल रूस के दौरे पर रवाना हुआ, जिसकी अगुवाई डीएमके सांसद कनिमोझी कर रही थीं. भारतीय प्रतिनिधिमंडल की फ्लाइट जब मॉस्को एयरपोर्ट पहुंची, उसी समय वहां सुरक्षा कारणों से एयरस्पेस बंद कर दिया गया था.
मॉस्को में ड्रोन अटैक से हड़कंप
यूक्रेन द्वारा किए गए संभावित ड्रोन हमले की आशंका के चलते एयर ट्रैफिक को कुछ घंटों के लिए रोकना पड़ा. इस वजह से भारतीय सांसदों का विमान तय समय पर लैंड नहीं कर पाया और लंबे समय तक आसमान में मंडराता रहा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सुरक्षा संकट के कारण मॉस्को एयरपोर्ट से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन पूरी तरह रोक दिया गया था. बाद में स्थिति सामान्य होने पर फ्लाइट को सुरक्षित उतार लिया गया.
एयरपोर्ट पर भारतीय दूतावास के अधिकारी पहले से मौजूद थे. उन्होंने पूरी टीम का स्वागत किया और उन्हें सुरक्षित तरीके से होटल तक पहुंचाया. इस घटना ने रूस-यूक्रेन तनाव के बीच भारत के कूटनीतिक प्रयासों की संवेदनशीलता को उजागर कर दिया है, खासकर ऐसे समय में जब भारत “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर दुनिया को अपनी स्थिति स्पष्ट कर रहा है.