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कौन हैं जयंती राजन, जिन्हें राष्ट्रीय सहायक सचिव बनाने के लिए इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने तोड़ दी परंपरा?

भारतीय यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने अपनी राष्ट्रीय नेतृत्व में महिलाओं को शामिल कर एक नया इतिहास रचा है. केरल की दलित महिला जयंती राजन को राष्ट्रीय सहायक सचिव बनाया गया है, जो पार्टी की समावेशी नीतियों का प्रतीक है. IUML ने महिलाओं के लिए 20% आरक्षण लागू किया है और नेतृत्व में उनकी भागीदारी बढ़ाई है. जयंती की यह नियुक्ति महिलाओं के सशक्तिकरण और दलित प्रतिनिधित्व को मजबूत करने का संदेश देती है.

कौन हैं जयंती राजन, जिन्हें राष्ट्रीय सहायक सचिव बनाने के लिए इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने तोड़ दी परंपरा?
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Who is Jayanthi Rajan: भारतीय यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने हाल ही में अपने राष्ट्रीय नेतृत्व में महिलाओं को स्थान देकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. इसमें केरल की जयंती राजन और तमिलनाडु की फातिमा मुज़फर को राष्ट्रीय सहायक सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है. यह निर्णय पार्टी की पुरुष प्रधान छवि को चुनौती देने और महिलाओं के लिए नेतृत्व के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

कांग्रेस की सहयोगी पार्टी होने के बावजूद, IUML लंबे समय से पार्टी में महिलाओं की बेहतर भागीदारी की बढ़ती मांग और मुस्लिम धर्मगुरुओं द्वारा प्रचारित रूढ़िवादी सोच के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करती रही है. साल 2021 में IUML की छात्र इकाई मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन (MSF) के महिला संगठन ‘हरिता’ ने पार्टी के भीतर लिंग आधारित मुद्दों को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया था, जिसके बाद IUML ने अपने सभी सहयोगी संगठनों में महिलाओं को 20% प्रतिनिधित्व देने का मानक तय किया था.

कौन हैं जयंती राजन?

वायनाड की निवासी जयंती राजन ने 2004 में एक चर्च-चालित एनजीओ से अपने करियर की शुरुआत की, जो महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए माइक्रो-फाइनेंसिंग और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से काम कर रहा था. 2010 में, जब स्थानीय निकायों में 50% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गईं, तो IUML ने गैर-मुस्लिम महिलाओं को उम्मीदवार बनाने की पहल की. इसमें जयंती को पूथाडी पंचायत से महिला आरक्षित सीट पर उम्मीदवार बनाया गया, और उन्होंने चुनाव जीतकर पंचायत सदस्य के रूप में कार्यभार संभाला.

दलित महिला के रूप में पार्टी में मिला प्रवेश

जयंती राजन एक दलित महिला हैं, जो कांग्रेस-समर्थक परिवार से आती हैं. राजन ने IUML की ओर से स्थानीय निकाय चुनाव जीतकर पार्टी में सक्रिय राजनीतिक सफर की शुरुआत की. इसके साथ ही वह पार्टी की महिला लीग की सदस्य बनीं और वायनाड जिला समिति में शामिल हुईं. बाद में उन्हें IUML की एक अहम शाखा दलित लीग की राज्य समिति में नामित किया गया. वर्ष 2015 में उन्होंने ब्लॉक पंचायत चुनाव लड़ा और विजयी रहीं, जिससे पार्टी और समाज में उनकी राजनीतिक पहचान और मजबूत हुई.

“मुझे पार्टी में कभी अजनबी या अलग महसूस नहीं हुआ”

राजन ने कहा, “पिछले नौ वर्षों से मैं IUML की महिला लीग की राष्ट्रीय समिति की सदस्य रही हूं. मुझे पार्टी में कभी अजनबी या अलग महसूस नहीं हुआ.” उन्होंने बताया कि IUML या महिला लीग के नेतृत्व ने कभी उन्हें एक गैर-मुस्लिम के रूप में नहीं देखा. उन्होंने यह भी जोड़ा कि समय के साथ काफी बदलाव आए हैं. जब मैंने महिला लीग में शामिल होना शुरू किया था, उस समय IUML या उसकी सहयोगी इकाइयों में मुस्लिम महिलाओं की संख्या बहुत कम थी, लेकिन अब पार्टी में कई शिक्षित महिलाएं सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं.

पार्टी की समावेशी नीतियां और महिला सशक्तिकरण

IUML ने 2021 में महिला प्रतिनिधित्व के लिए 20% आरक्षण की नीति अपनाई थी, जिसके तहत महिला नेताओं को पार्टी के विभिन्न अंगों में स्थान दिया गया। जयंती राजन और फातिमा मुज़फर की नियुक्ति इस नीति की सफलता का उदाहरण है. पार्टी ने यह भी सुनिश्चित किया है कि महिलाओं के लिए नेतृत्व के अवसर बढ़ाए जाएं, जिससे पार्टी की छवि में सकारात्मक बदलाव आया है.

'IUML एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है'

जयंती राजन का मानना है कि IUML एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है, जो सभी समुदायों और जातियों के लोगों को समान अवसर प्रदान करती है. उन्होंने कहा, "यह एक पार्टी निर्णय है. हम पार्टी के निर्णयों के साथ खड़े हैं और आगे बढ़ेंगे." उनकी यह सोच पार्टी के भीतर समावेशी राजनीति को बढ़ावा देती है और महिलाओं के लिए नेतृत्व के अवसरों को साकार करती है.

IUML के लिए एक नया अध्याय है

जयंती राजन की यात्रा IUML के लिए एक नया अध्याय है, जो पार्टी की समावेशी नीतियों और महिलाओं के लिए नेतृत्व के अवसरों को प्रदर्शित करती है. उनकी नियुक्ति से यह स्पष्ट होता है कि IUML अपने नेतृत्व में विविधता और समावेशिता को महत्व देती है, जो पार्टी की भविष्य की दिशा को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा.

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