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सिंधु नदी के पानी के लिए गिड़गिड़ाया पाकिस्तान, भारत से कहा- फैसले पर फिर से विचार करें; क्या ना'पाक' भूल गया PM मोदी की यह बात?

भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को लेकर पाकिस्तान के साथ बातचीत को फिलहाल निलंबित रखने का फैसला बरकरार रखा है. यह निर्णय जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया था, जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे. सरकार का मानना है कि ऐसे हालात में द्विपक्षीय सहयोग संभव नहीं है. हालांकि, इसके बावजूद पाकिस्तान ने भारत से सिंधु जल संधि के निलंबन के फैसले पर फिर से पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.

सिंधु नदी के पानी के लिए गिड़गिड़ाया पाकिस्तान, भारत से कहा- फैसले पर फिर से विचार करें; क्या नापाक भूल गया PM मोदी की यह बात?
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Indus Waters Treaty India Pakistan Tensions: भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 में हुए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है. यह निर्णय 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की जान ली थी. भारत ने स्पष्ट किया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता, तब तक यह संधि निलंबित रहेगी. इसके बावजूद, पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय से सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है. यह संधि परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसियों के बीच जल-बंटवारे से जुड़ा एक अहम समझौता है. इसे विश्व बैंक की मध्यस्थता में 1960 में किया गया था.

'पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को रात 8 बजे देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते... पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते. इससे यह संकेत मिलता है कि भारत अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों से समझौता नहीं करेगा.

पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में जल आपूर्ति प्रभावित

बता दें कि सिंघु जल संधि के निलंबन के बाद, भारत ने बगलीहार और सलाल जलाशयों से पानी छोड़ने जैसे कदम उठाए, जिससे पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में जल आपूर्ति प्रभावित हुई. इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तान के साथ जल प्रवाह और बाढ़ डेटा साझा करना भी बंद कर दिया है. पाकिस्तान ने इस कदम को 'कायरतापूर्ण' और 'अपरिपक्व' बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना की है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विरोध दर्ज कराने की योजना बनाई है. पाकिस्तान का कहना है कि भारत का यह कदम अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन है और वह इस पर कानूनी कार्रवाई करेगा.

भारत-पाकिस्तान संबंधों में बढ़ा तनाव

भारत ने पहले भी अगस्त 2024 में संधि की समीक्षा और संशोधन के लिए पाकिस्तान को नोटिस भेजा था, जिसमें जनसंख्या परिवर्तन, पर्यावरणीय मुद्दे और सीमा पार आतंकवाद जैसे कारणों का हवाला दिया गया था. इस घटनाक्रम से भारत-पाकिस्तान संबंधों में और तनाव बढ़ गया है. दोनों देशों के बीच जल संसाधनों को लेकर भविष्य में और विवाद की संभावना है.

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