क्या भाई गार्जियन नहीं होता? अकेले लड़कियों को क्यों... महिला दरोगा ने मंदिर में भाई-बहन से की पूछताछ- VIDEO देख भड़के यूजर्स
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक महिला दरोगा ने भाई-बहन से अकेले पूछताछ की. वीडियो में दरोगा पूछती नजर आईं, “क्या सगा भाई गार्जियन नहीं होता?” इस पर यूजर्स ने तेजी से प्रतिक्रिया दी और वीडियो को ट्रोल करना शुरू कर दिया. लोग सवाल उठा रहे हैं कि महिला अधिकारी को भाई-बहन के साथ अलग से पूछताछ क्यों करनी पड़ी. वीडियो को लेकर ऑनलाइन चर्चा और मज़ाक की बाढ़ आ गई है, और यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया.
UP Viral Video: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस की एक महिला थाना प्रभारी मंजू सिंह मंदिर परिसर में घूम रहे एक लड़के और दो लड़कियों से पूछताछ करती नजर आ रही हैं. वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं.
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हालांकि, वायरल वीडियो की पड़ताल के बाद जो सच्चाई सामने आई है, वह सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों से काफी अलग है. यह वीडियो उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद का है और इसमें दिख रही महिला अधिकारी मऊ महिला थाने की प्रभारी इंस्पेक्टर मंजू सिंह हैं, जो उस वक्त ‘मिशन शक्ति अभियान’ के तहत ड्यूटी पर थीं.
मंदिर में घूमते दिखे दो लड़कियां और एक लड़का, शुरू हुई पूछताछ
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि मंदिर परिसर में घूम रहे दो लड़कियों और एक लड़के को महिला प्रभारी रोककर पूछताछ करती हैं. कहां जा रहे हो ये ये कौन है, जिस पर लड़कियां जवाब देती हैं कि वह उनका भाई है. इसके बाद इंस्पेक्टर तीनों से नाम, कहां से आ रहे हैं और कहां जा रहे हैं जैसी सामान्य जानकारी लेती हैं. लड़कियां बताती हैं कि वे हरिद्वार से आई हैं और शीतला माता मंदिर घूमने पहुंची हैं. इसके बाद इंस्पेक्टर घर वालों से बात कराने को कहती हैं और सरकारी मोबाइल से परिवार वालों को फोन करती हैं.
परिवार से फोन पर बात कर ली गई पुष्टि
थाना प्रभारी मंजू सिंह ने लड़कियों से उनके पिता का मोबाइल नंबर लिया और परिवार से फोन पर बात की. बातचीत के दौरान परिजनों ने पुष्टि की कि लड़कियां अपने भाई के साथ ही मंदिर आई हैं और इसकी जानकारी परिवार को है. पूछताछ पूरी होने के बाद इंस्पेक्टर ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें समझाइश दी और सावधानी बरतने की सलाह दी.
‘मिशन शक्ति अभियान’ के तहत थी कार्रवाई
इस पूरे मामले पर महिला इंस्पेक्टर मंजू सिंह ने बताया कि यह वीडियो 14 दिसंबर का है. उस दिन वह अपनी टीम के साथ ‘मिशन शक्ति अभियान (05)’ के तहत शीतला माता मंदिर परिसर में मौजूद थीं. उन्होंने बताया कि मंदिर में कुछ नाबालिग लड़कियां और उनके साथ एक लड़का घूमता दिखा, जिसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से उनसे पूछताछ की गई. पुलिस का मकसद सिर्फ यह सुनिश्चित करना था कि लड़कियां सुरक्षित हैं और किसी खतरे में नहीं हैं.
वायरल वीडियो पर पुलिस की अपील
पुलिस का कहना है कि वीडियो को अधूरी जानकारी के साथ वायरल किया जा रहा है, जबकि यह पूरी तरह एक रूटीन सुरक्षा जांच थी. महिला सुरक्षा को लेकर चल रहे अभियान के तहत इस तरह की पूछताछ की जाती है, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी को रोका जा सके.
वीडियो में कही गई बात जस की तस रखी गई
वीडियो में मंजू सिंह ने परिजनों से बात करते हुए कहा कि, हैलो कौन... ये आपके के कौन है, जिसके बाद आगे कहती है अकेला क्यों छोड़ती है बेटी को. कोई गार्जियन तो होना चाहिए न साथ में अकेले लड़कियों को छोड़ देते हैं, कोई लड़का है साथ में लड़के नाम उमेश पाल है. इसके बाद तीनों की जानकारी की पुष्टि करती है जिसके बाद सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद यूजर्स महिला थानेदार को ट्रोल करना शुरू कर दिए है.
वीडियो देख यूजर्स ने उठाया सवाल?
इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर यूजर्स सवाल उठाने लगे है और यूजर्स का कहना है कि क्या सगा भाई गार्जियन नहीं होता? Bhuमिहार सागर नाम के एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि, भाजपा राज में प्रशाशन से ऐसे उम्मीद नहीं, अब हम किसके साथ मंदिर जाए किसके साथ सोए किसके साथ घूमे खाये ये प्रशाशन तय करेगा अब ? गजब का मूर्खता चल रहा प्रदेश में ऐसे अधिकारियों को बताया जाए भारत लोकतांत्रिक देश है क्या होगा इस देश का भगवान ही जाने. भाजपा कहती है लड़कियां 12 बजे बाद भी सुरक्षित है सड़को पर निकल सकती है यहाँ तो दिनदहाड़े ही नही निकलने दिया जा रहा. Surya Samajwadi नाम के एक यूजर ने लिखा कि, अब यूपी में बहने अपने भाई के साथ मंदिर के दर्शन करने नहीं जा सकती? ऐसा माहौल बन गया है कि जनता को यूपी पुलिस से ही सबसे ज्यादा असुरक्षा महसूस होने लगी है.





