India–Russia Annual Summit 2025: मोदी–पुतिन की मुलाकात का दूसरा दिन बेहद अहम, ये रहेगा रूसी राष्ट्रपति का दिनभर का कार्यक्रम
भारत–रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का शेड्यूल बेहद व्यस्त रहेगा. राजभवन में औपचारिक स्वागत और राजघाट पर श्रद्धांजलि के बाद पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बैठक करेंगे, जिसके बाद संयुक्त प्रेस बयान होगा. शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के बाद पुतिन भारत से रवाना होंगे. पहले दिन मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर एयरपोर्ट पर पुतिन का स्वागत किया और दोनों ने डिनर पर लंबी चर्चा की.
भारत और रूस के रिश्तों के लिए एक ऐतिहासिक और निर्णायक पल शुक्रवार को देखने को मिलेगा. दो साल बाद पहली बार भारत आए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दौरे का दूसरा दिन कूटनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. गुरुवार रात नई दिल्ली पहुंचने के बाद पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनौपचारिक डिनर पर लंबी बातचीत की, और अब शुक्रवार को दोनों नेता वार्षिक शिखर सम्मेलन में भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे.
स्टेट मिरर अब WhatsApp पर भी, सब्सक्राइब करने के लिए क्लिक करें
पहले दिन जहां दोस्ताना माहौल और व्यक्तिगत केमिस्ट्री सुर्खियों में रही, वहीं दूसरे दिन का पूरा शेड्यूल राजनयिक बैठकों, आर्थिक सहयोग और वैश्विक मुद्दों पर फैसलों से भरा हुआ रहेगा.
पुतिन के दूसरे दिन का पूरा शेड्यूल
समय | कार्यक्रम |
सुबह 11 बजे | राजभवन में औपचारिक स्वागत |
11:30 बजे | राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि |
11:50 बजे | हैदराबाद हाउस में PM मोदी से द्विपक्षीय बैठक |
1:50 बजे | संयुक्त प्रेस बयान |
3:40 बजे | बिज़नेस इवेंट में हिस्सा |
शाम 7 बजे | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात |
रात 9 बजे | भारत से प्रस्थान |
द्विपक्षीय बैठक को इस पूरे दौरे का सबसे महत्वपूर्ण सेशन माना जा रहा है, जिसमें रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, आर्कटिक सहयोग, तकनीक, अंतरिक्ष और वैश्विक सुरक्षा पर बड़े निर्णय संभव हैं.
पहले दिन क्या हुआ?
व्लादिमीर पुतिन के भारत आगमन के पहले ही क्षण दोस्ताना संकेत साफ दिखे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर व्यक्तिगत रूप से उनका स्वागत किया - जो भारत–रूस की निकटता और खास रिश्तों को दर्शाता है. दोनों नेता मुस्कुराते हुए गले मिले और एक ही कार में सफर करते हुए 7 लोक कल्याण मार्ग पर डिनर के लिए पहुंचे. रास्ते में दोनों के बीच लगातार बातचीत और ठहाकों से भरा दृश्य दुनिया के लिए एक मजबूत संदेश था कि मॉस्को–दिल्ली की दोस्ती अभी भी उतनी ही गहरी है. यह नज़ारा अगस्त में चीन के तिआनजिन में SCO सम्मेलन के दौरान पुतिन–मोदी की आख़िरी कार–राइड की याद दिलाता रहा.
भू-राजनीतिक पृष्ठभूमि - भारत–अमेरिका–रूस तिकड़ी में तनाव
पुतिन की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार पर तनातनी जारी है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय आयातों पर 50% तक टैरिफ लगा दिया है, जिसका आधा हिस्सा भारत के रूस से ऊर्जा संबंधों की वजह से "दंडात्मक कर" के रूप में लगाया गया. इसे रूस पर आर्थिक दबाव बनाकर यूक्रेन युद्ध समाप्त करने का अमेरिकी तरीका माना जा रहा है. इसी संदर्भ में पुतिन ने भारत के साथ ऊर्जा व्यापार का दृढ़ता से बचाव किया. उन्होंने कहा, “जब अमेरिका खुद रूस से न्यूक्लियर फ्यूल खरीद सकता है, तो भारत को ऐसा करने का अधिकार क्यों नहीं है?”
कूटनीतिक नतीजों पर नजर
दूसरे दिन की बैठकों के बाद संयुक्त प्रेस बयान में रक्षा सौदों, एस-400 सिस्टम, चंद्र अंतरिक्ष मिशनों में साझेदारी, क्रूड ऑयल ट्रेड और स्थानीय मुद्रा में व्यापार पर बड़े ऐलान की संभावना है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा वैश्विक व्यवस्था के बदलते दौर में भारत–रूस संबंधों को नई दिशा देगा.





