Begin typing your search...
म्यांमार की सहायता के लिए सबसे पहले पहुंचा भारत, RSS है आधुनिक अक्षय वट; पढ़ें पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागपुर की दीक्षाभूमि में डॉ. बी.आर. आंबेडकर को श्रद्धांजलि दी और 'विकसित व समावेशी भारत' के निर्माण का संकल्प दोहराया. उन्होंने म्यांमार भूकंप में भारत की त्वरित सहायता, युवाओं की भूमिका और सेवा भाव पर जोर दिया. साथ ही, गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलकर देश की प्रगति की बात की. माधव नेत्रालय जैसे सेवा संगठनों की सराहना की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नागपुर की ऐतिहासिक दीक्षाभूमि पर जाकर डॉ. बीआर आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की. यही वह स्थान है जहां 1956 में आंबेडकर ने हजारों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकार किया था. मोदी ने विजिटर्स डायरी में लिखा कि बाबासाहेब के सपनों को साकार करने के लिए एक 'विकसित और समावेशी भारत' बनाना सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी.
इसके पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संस्थापक डॉ. हेडगेवार और दूसरे सरसंघचालक एम.एस. गोलवलकर के स्मृति स्थल पर भी श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनके साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहे. आइये उनके भाषण की बड़ी बातें जानते हैं.
पीएम मोदी ने भाषण की बड़ी बातें
- हमारा मंत्र 'वसुधैव कुटुम्बकम' अर्थात 'पूरी दुनिया एक परिवार है' पूरी दुनिया में गूंज रहा है. हमारे कार्य इस विश्वास को दर्शाते हैं. जब कोविड-19 ने दुनिया को प्रभावित किया, तो भारत ने वैश्विक समुदाय को अपना परिवार माना और जरूरतमंदों को टीके उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाए.
- दुनिया में कहीं भी प्राकृतिक आपदा हो, भारत पूरे मनोयोग से सेवा के लिए खड़ा होता है. म्यांमार में इतना बड़ा भूकंप आया है. भारत ऑपरेशन ब्रह्मा के साथ वहां के लोगों की मदद के लिए सबसे पहले पहुंच गया है. जब तुर्की में भूकंप आया, जब नेपाल में भूकंप आया, जब मॉलदीव्स में पानी का संकट आया. भारत ने मदद करने में घड़ी भर की भी देर नहीं लगाई.
- युद्ध जैसे हालातों में हम दूसरे देशों के नागरिकों को भी सुरक्षित निकालकर लाते हैं. दुनिया देख रही है भारत आज जब प्रगति कर रहा है, तो पूरे ग्लोबल साउथ की आवाज़ भी बन रहा है. विश्व-बंधु की ये भावना... हमारे ही संस्कारों का विस्तार है.
- आज भारत की सबसे बड़ी पूंजी हमारा युवा है. आज भारत का युवा विश्वास से भरा हुआ है. राष्ट्र निर्माण की भावना से ओत-प्रोत हमारे युवा आगे बढ़े चले जा रहे हैं. यही युवा 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य की ध्वजा थामे हुए हैं.
- हम देव से देश और राम से राग के जीवन मंत्र लेकर चले हैं. अपना कर्तव्य निभाते चलते हैं. इसलिए बड़ा छोटा कैसा भी काम हो, कोई भी क्षेत्र हो... संघ के स्वयंसेवक नि:स्वार्थ भाव से काम करते हैं. जब प्रयासों के दौरान मैं नहीं हम का ध्यान होता है, जब राष्ट्र प्रथम की भावना सर्वोपरि होती है, जब नीतियों में, निर्णयों में देश के लोगों का हित ही सबसे बड़ा होता है. तो सर्वत्र उसका प्रभाव भी नजर आता है. आज हम देख रहे हैं कि भारत कैसे गुलामी की मानसिकता को तोड़ कर आगे बढ़ रहा है.
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत की अमर संस्कृति का आधुनिक अक्षय वट है. ये अक्षय वट आज भारतीय संस्कृति को... हमारे राष्ट्र की चेतना को निरंतर ऊर्जावान बना रहा है.
- हमारा शरीर परोपकार के लिए ही है. सेवा के लिए ही है और जब ये सेवा संस्कारों में आ जाती है तो सेवा ही साधना बन जाती है. यही साधना तो हरेक स्वयंसेवक की प्राणवायु होती है. ये सेवा संस्कार, ये साधना, ये प्राणवायु... पीढ़ी दर पीढ़ी हर स्वयंसेवक को तप-तपस्या के लिए प्रेरित कर रही है. ये सेवा साधना हर स्वयंसेवक को निरंतर गतिमान रखती है, ये कभी थकने और रुकने नहीं देती है.
- हम अपने देश का इतिहास देखें तो सैकड़ों वर्षों की गुलामी, इतने आक्रमण, भारत की सामाजिक संरचना को मिटाने की इतनी क्रूर कोशिशें... लेकिन भारत की चेतना कभी समाप्त नहीं हुई, उसकी लौ जलती रही. कठिन से कठिन दौर में भी भारत में चेतना को जागृत रखने वाले नए-नए सामाजिक आंदोलन होते रहे. भक्ति आंदोलन का उदाहरण हम सभी को पता है. मध्यकाल के उस कठिन कालखंड में हमारे संतों ने भक्ति के विचारों से हमारी राष्ट्रीय चेतना को नई ऊर्जा दी.
- संघ सेवा के इस पवित्र तीर्थ नागपुर में आज हम एक पून्य संकल्प के सेवा विस्तार के साक्षी बन रहे हैं. अभी हमने माधव नेत्रालय के कुल गीत में सुना, अध्यात्म, ज्ञान, गौरव गुरुता का ये अद्भुत विद्यालय है. मानवतारत है ये सेवा मंदिर कण कण में देवालय है. माधव नेत्रालय एक ऐसा संस्थान है जो अनेक दशकों से पूज्य गुरूजी के आदर्शों पर लाखों लोगों की सेवा कर रहा है.
- पीएम ने कहा कि आज भगवान झूलेलाल जी और गुरु अंगद देव जी का अवतरण दिवस भी है. ये हमारे प्रेरणापुंज परम पूज्यनीय डॉ. साहब की जयंती का भी अवसर है. इसी साल आरएसएस की गौरवशाली यात्रा का 100 वर्ष भी पूरे हो रहे हैं. आज इस अवसर पर मुझे स्मृति मंदिर जाकर पूज्य डॉ. साहब और पूज्य गुरुजी को श्रद्धांजिल अर्पित करने का सौभाग्य मिला है.
- पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र यज्ञ के इस पावन अनुष्ठान में मुझे आज यहां आने का सौभाग्य मिला है. आज चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ये दिन बहुत विशेष है. आज से नवरात्रि का पवित्र पर्व शुरू हो रहा है. देश के अलग अलग कोनों में आज गुड़ी पड़वा, उगादी और नवरेह त्योहार भी मनाया जा रहा है.