चीन-अमेरिका, पाकिस्तान, बांग्लादेश से डरे नहीं चौकन्ना रहे भारत, डिफेंस एक्सपर्ट्स ने डिकोड किया CDS अनिल चौहान का बयान
CDS जनरल अनिल चौहान के बयान में चेतावनी है कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश की नजदीकियों को हल्के में न लिया जाए. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ये देश भारत के खिलाफ गुप्त गठजोड़ बना रहे हैं. अमेरिका की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. जनरल चौहान का यह बयान भारत के लिए चेतावनी और दुश्मनों के लिए स्पष्ट संदेश है—भारत अब हर चाल को पहले ही भांपने को तैयार है.

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस सीडीएस (CDS General Anil Chauhan) यानी तीनों सेनाओं के प्रमुख जनरल अनिल चौहान का बयान देश-दुनिया में चर्चा कहिए या फिर बहस का विषय बना हुआ है. वही बयान जिसमें उन्होंने कहा है कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के धीरे-धीरे ही सही मगर करीब आने की सरसराहट को हल्के में नहीं लिया जा सकता है. इन तीनों का आइंदा होने वाला संभावित गठजोड़ कहीं न कहीं भारत के लिए ठीक नहीं है. इन तीनों का इस तरह दबे-पांव करीब आना भारत की स्थिरता और सुरक्षा संरचना को अस्थिर कर सकती है.
भारत की तीनों सेनाओं के मुखिया सीडीएस अनिल चौहान के इस बयान के आगे-पीछे या भीतर छिपे मर्म की गहराई को समझने के लिए, स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर क्राइम इनवेस्टीगेशन ने विस्तृत में बात की भारतीय फौज और वायुसेना के पूर्व रणबांकुरों से. सभी का यही कहना था कि सीडीएस अपनी जगह बहुत मजबूत हैं. वे जो इशारा कर रहे हैं वह इशारा भर नहीं है एक आगाह है हिंदुस्तानी हुकूमत और हमारी तीनों सेनाओं के लिए. सीडीएस जनरल अनिल चौहान के इस बयान को हल्के में अब चीन, पाकिस्तान, अमेरिका या बांग्लादेश तो नहीं ही लेंगे. भारत को भी इस बयान के मायने बहुत जल्दी समझने होंगे. ताकि ऑपरेशन सिंदूर के बाद से अचानक बदले हालातों भारत चीन-पाकिस्तान और बांग्लादेश के हर कुचक्र या षडयंत्र को अपने खिलाफ रचे जाने से पहले ही भेदकर उसे छिन्न-भिन्न करके तार-तार कर सके.
CDS जनरल चौहान के बयान से दुश्मनों में भय
भारतीय फौज के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल वीके चतुर्वेदी (V K Chaturvedi Retired Lieutenant General Indian Army) ने नई दिल्ली में स्टेट मिरर हिंदी के साथ विशेष-बातचीत में कहा, “सीडीएस जनरल अनिल चौहान का बयान बेदम या हवा में कतई नहीं हैं. उन्होंने छोटी सी बात बोलकर दुनिया को बहुत कुछ समझा दिया है. कहूं कि उन्होंने पाकिस्तान-चीन-बांग्लादेश के बीच भारत के खिलाफ पक रही खिचड़ी की हांडी और चूल्हे को खिचड़ी पक पाने से पहले ही फोड़ डाला है. तो गलत नहीं होगा. सीडीएस के इस बयान से भारत के दुश्मन तीनों देशों में जितना हड़कंप मचा होगा उनके षडयंत्र रचने से पहले ही उसका भांडा फूट जाने से. इतना परेशान होने की जरूरत भारत को नहीं है. न ही भारत परेशान हो रहा है. सीडीएस अनिल चौहान ने बयान देकर जिस तरह से चीन-पाकिस्तान बांग्लादेश को झकझोर डाला है, इसी को कहते हैं दुश्मन को करवट बदलने से पहले ही दबोच लेना. मतलब, सीडीएस ने इन तीनों मक्कार देशों द्वारा भारत के खिलाफ षडयंत्र रचने से पहले ही उसकी प्लानिंग पंक्चर कर डाली है.”
सीडीएस अनिल चौहान का बयान सही समय आया
स्टेट मिरर हिंदी के एक सवाल के जवाब में भारतीय सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल वीके चतुर्वेदी बोले, “नहीं ऐसा नहीं है कि सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने चीन-पाकिस्तान-बांग्लादेश के बीच भारत के खिलाफ पक रही खिचड़ी के चूल्हे और भगौने, खिचड़ी पक पाने से पहले ही उसका भांडा फोड़ कर कोई गलती या जल्दबाजी की है. सीडीसीएस चौहान के बयान से ही इन तीनों मक्कार-मौकापरस्त देशों को अहसास हुआ होगा कि वे जो कुछ भी भारत के खिलाफ जाल बुन रहे हैं, भारत उस जाल की बुनाई पूरी हो पाने से पहले ही उसे तार-तार करके फेंक दे रहा है. सीडीएस का यह बयान इस वक्त भारत के हित में बहुत जरूरी था. वरना पाकिस्तान, बांग्लादेश चीन यही सोचकर जाल बुनते रहते कि, भारत को उनके द्वारा अपने खिलाफ किए जा रहे षडयंत्र की कानो-कान हवा ही नहीं है. चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश की नींद ते सीडीएस के बयान से ही उड़ी होगा.”
आज नहीं तो कल बांग्लादेश बहुत पछताएगा
जिस बांग्लादेश को पूर्वी पाकिस्तान से अलग कराने के लिए भारत ने अपना खून-पसीना बहाया. जिस बंग्लादेश को पाकिस्तान से अलग कराने की खूनी-जंग में भारत दुनिया के तमाम देशों से दुश्मनी मोल लिए बैठा है. वह बांग्लादेश चीन, अमेरिका और पाकिस्तान के साथ कैसे भारत के खिलाफ जाकर मिल सकता है? स्टेट मिरर हिंदी के सवालों के जवाब में पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल वी के चतुर्वेदी ने कहा, “चिंता मत करिए. सब्र रखिए. समय के साथ बांग्लादेश पाकिस्तान-चीन-अमेरिका हाथों लुटने-पिटने मार खाने के बाद फिर, भारत के ही पांवों में आकर दाल-रोटी-नमक-पानी की भीख मांगेगा. अभी उसकी विनाशकाले बुद्धि विपरीत है. अभी बांग्लादेश को भारत और भारत द्वारा उसके ऊपर किए गए अहसान कतई दिखाई नहीं देंगे.
चीन-अमेरिका, बांग्लादेश की खाल खीचेंगे
क्योंकि मतलबपरस्त अमेरिका और मक्कार चीन ने बांग्लादेश की आंखों पर दौलत के परदे की मोटी चादर डाल रखी है. जिस दिन एक बांग्लादेश में घुसपैठ को लेकर चीन और अमेरिका दोनों आमने-सामने अड़ेंगे, तब बांग्लादेश चीन अमेरिका द्वारा नोची जा रही अपनी खाल को बचाने के लिए बांग्लादेश के पास भारत के पांवों में आकर गिरने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प ही नहीं होगा. क्योंकि भारत, भारत है...अमेरिका या चीन सा मतलबपरस्त-मौकापरस्त नहीं है. भारत. अमेरिका और चीन दोनों ही देखिए आने वाले वक्त में बांग्लादेश को जब थूक देंगे तब, बांग्लादेश के ऊपर भारत ही फिर रहम की खैर करेगा. फिलहाल भारत को न केवल चीन, पाकिस्तान, बाग्लादेश से अपितु अमेरिका से भी अलर्ट रहने की जरूरत है. यह चीन पाकिस्तान बांग्लादेश की तिकड़ी नहीं अपितु अमेरिका-चीन-पाकिस्तान और बांग्लादेश की चौकड़ी है. जो भारत के खिलाफ अंदर ही अंदर षडयंत्र रच रही थी. सीडीएस अनिल चौहान का बयान तो भारत के लिए आगाह है न कि चुनौती.”
सीडीएस जनरल चौहान के बयान के मायने
भारतीय वायुसेना के रिटायर्ड एअर वाइस मार्शल अनिल तिवारी स्टेट मिरर हिंदी से विशेष बातचीत में बोले, “चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सीडीएस जनरल अनिल चौहान के इस बयान के मायने बहुत बड़े हैं. यह बयान भारत को तो सिर्फ चौकन्ना रहने के लिए ही है. पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश और अमेरिका के लिए मगर यह बयान किसी खुली चुनौती से कम नहीं है. इस बयान ने इन चारों दुश्मन देशों की चौकड़ी में हड़कंप मचा दिया होगा. इसलिए कि इस बयान ने इन चारों देशों द्वारा अंदर ही अंदर रचे जा रहे संभावित षडयंत्र के खतरे का भांडाफोड़ कर दिया है. यह बयान भारत के लिए सतर्क रहने का इशारा कर रहा है. जबकि चीन बांग्लादेश पाकिस्तान को इस बयान ने जाहिर कर दिया है कि, वे भारत के खिलाफ जो भी षडयंत्र रचते हैं उसे भारत की एजेंसियां अमल में ला पाने से पहले ही पंक्चर कर देंगी.”
चीन-पाक का बौखलाना सामान्य सी बात
यहां जिक्र करना जरूरी है कि भारत की तीनों सेनाओं के मुखिया यानी सीडीएस जरनल अनिल चौहान ने हाल ही में कहा था कि, “22 अप्रैल 2025 पहलगाम आतंकवादी हमले के बदले में भारत द्वारा, 7 से 10 मई 2025 के मध्य पाकिस्तान के ऊपर किया गया ऑपरेशन-सिंदूर जैसे सैन्य संघर्ष का अवसर संभवत: पहली बार था जब दो परमाणु हथियार संपन्न देश (भारत-पाकिस्तान) प्रत्यक्ष रूप से आमने-सामने किसी सैन्य कार्यवाही में मैदान में जा खड़े हुए हों.” इसी बयान के परिप्रेक्ष्य में स्टेट मिरर हिंदी से नई दिल्ली में खास बात करते हुए भारतीय वायुसेना के रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल अनिल तिवारी कहते हैं, “ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हालात काफी बदल चुके हैं. भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए वो कर दिखाया है जिसकी पाकिस्तान, चीन, अमेरिका, बांग्लादेश ने सपने में भी कल्पना नहीं की होगी. अब उसके बाद पाकिस्तान-चीन का बौखलाना सामान्य सी बात है.”
दुश्मनों की चौकड़ी में भारत के लिए ‘म्यांमार’
अपनी बात जारी रखते हुए भारतीय वायु सेना के पूर्व एयर वाइस मार्शल अनिल तिवारी कहते हैं, “आज नहीं तो कल सही. चीन-अमेरिका से ठोकर खाकर बांग्लादेश को लौटकर भारत के ही पांवों में आना होगा. पाकिस्तान कभी बांग्लादेश का शुभचिंतक नहीं हो सकता है. अमेरिका और चीन जैसे पाकिस्तान को दूह रहे हैं अपना काम निकालने के लिए. वैसे ही यह दोनों मक्कार-मतलबपरस्त देश (चीन अमेरिका) बांग्लादेश को भी दूहने में लगे हैं. पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों ही आर्थिक रूप से पस्त हुए पड़े देशों की पहली जरूरत दौलत है. ताकि इनके चूल्हे जलते रहे हैं और दो वक्त की रोटी का जुगाड़ होता रहे.
बेशक चीन-बांग्लादेश के साथ मिलकर पाकिस्तान, भारत को नीचा दिखाने का षडयंत्र रचता रहे. मगर इस तिकड़ी का काम अमेरिका बीच में टांग अड़ाकर बिगाड़ देगा. क्योंकि जिस बांग्लादेश पर चीन की गिद्ध नजरें लगी हैं. उसी बांग्लादेश के ऊपर अमेरिका की भी नजर लगी है. लिहाजा ऐसे में कि जब बांग्लादेश चीन-पाकिस्तान-अमेरिका के बीच हवा में तैर रहा है, तब भारत को बेहद चौकन्ना होकर चलना है. ऐसे में भारत के लिए श्रीलंका, नेपाल, भूटान और म्यांमार बेहद अहम हो जाते हैं. भारत को फिलहाल सतर्कता के साथ म्यांमार को साधकर चलना होगा. क्योंकि चीन-पाकिस्तान-बांग्लादेश के एक साथ हो जाने पर, आपात स्थिति में भौगोलिक दृष्टिकोण से भारत के लिए म्यामांर की अहमियत कहीं ज्यादा बढ़ जाती है.”