EXCLUSIVE: 'अड़ियल ईरान US के खौफ से झुकने की बजाय मरना पसंद करेगा', 4 देशों द्वारा बनाए चौराहे पर खड़ा भारत चौकन्ना!
भारतीय सेना के रिटायर्ड मेजर जनरल सुधाकर जी ने बताया कि 21-22 जून 2025 की रात अमेरिका द्वारा ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर किए गए हमले से हालात विश्व युद्ध की ओर बढ़ सकते हैं. उन्होंने दावा किया कि अमेरिका ने रूस से गुप्त समझौते के तहत यह हमला किया, जिसमें रूस चुप रहेगा. अयातुल्ला खामेनेई के देश छोड़ने की आशंका भी जताई गई. भारत इस वक्त अमेरिका, रूस, ईरान और इजराइल के बीच एक कूटनीतिक चौराहे पर खड़ा है. सुधाकर ने कहा, ईरान लड़ते-लड़ते खत्म हो जाएगा लेकिन पीछे नहीं हटेगा.

Israel Iran conflict: ईरान (Iran) के परमाणु जखीरे के ऊपर अमेरिकन बमबारी (America) के बाद दुनिया के हालात रात-ओ-रात एकदम बहुत बदल गए हैं. 21-22 जून 2025 की रात अमेरिका द्वारा ईरान के ऊपर बरपाया गया कहर दुनिया को अगर तीसरे विश्व युद्ध (World War 3) की ओर धकेल दे तो भी कोई बड़ी या आश्चर्य की बात नहीं होगी. ईरानी परमाणु जखीरे (Iran's nuclear materials base) के ऊपर अमेरिका, भारत और ईरान के पक्के दोस्त रूस (Russia) की दबी-जुबान सहमति के बिना इतना संहारक कदम उठाने की औकात नहीं रखता है.
संभव यह भी है अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु सामग्री संबंधी अड्डों पर किए गए जबरदस्त हमलों को लेकर भारत तटस्थ ही रहा हो. क्योंकि भारत (India Iran) से बड़ा शुभचिंतक-सहयोगी और दोस्त तो ईरान का रूस है. तो पहले रूस को सोचना होगा कि अमेरिका ने जो कुछ कहर बीती रात ईरान के ऊपर बरपाया है. उसकी खिलाफत करनी है या फिर इस दुनिया भर के आतंकवादी संगठनों के मददगार ईरान को काबू में रखने के लिए, अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु-बम सामग्री स्थलों पर किए गए संहारक हमलों का समर्थन करना है? भले ही दबी जुबान क्यों न सही.
अयातुल्ला अली ईरान से गायब हुए!
जहां तक अमेरिका से डरकर इजराइल के सामने न झुकने की जिद पर अड़े ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई (Iran's Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei) की बात है, तो इन बदतर हालातों में न तो अब वह ईरान में मौजूद होंगे. न ही उन्हें ईरान के हित में वहां अब मौजूद रहना चाहिए.” यह तमाम सनसनीखेज खुलासे किए हैं भारतीय थलसेना (Indian Army) के रिटायर्ड मेजर जनरल सुधाकर जी (Retired Major General Sudhakar Jee) ने. 22 जून 2025 को राजस्थान की राजधानी जयपुर में मौजूद और, जीओपॉलिटिक्स के विशेषज्ञ मेजर जनरल सुधाकर जी ने स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर क्राइम इनवेस्टीगेशन के साथ हुए लंबे एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में, ईरान-इजराइल युद्ध के भविष्य और वर्तमान को लेकर और भी कई सनसनीखेज खुलासे किए.
रूस-अमेरिका के बीच गुप्त-समझौता!
एक सवाल के जवाब में मेजर जनरल सुधाकर जी बोले, “संभव है कि ईरान के परमाणु जखीरे वाले स्थानों पर हमला बोलने से ऐन पहले अमेरिका ने, रूस के साथ बेहद अहम और गुप्त-समझौता किया हो. कथित समझौते के मुताबिक यूक्रेन में रूस चाहे जितनी भी तबाही मचाए मगर, दुनिया को आतंक से पूरी तरह मुक्त कराने की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए जब अमेरिका, ईरान के परमाणु जखीरों पर दुनिया को हिला डालने वाला हमला बोले, तब ईरान की तरफ से जवाब में रूस खामोश रहेगा.
ऐसा नहीं तो फिर अयातुल्ला खामेनेई...
ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि हर लम्हा देश के बदतर होते हालातों को ध्यान में रखते हुए, ईरान के सर्वोच्च नेता को ही देश से बाहर किसी सुरक्षित जगह में पहुंचा दिया हो. अगर ईरान के सुप्रीम लीडर को अपनी जान का खतरा नहीं होता और वह देश से बाहर दबे-पांव न निकल चुके होते तो फिर सवाल यह है कि आखिर, उन्होंने (ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई) अपने जीते-जी ही तीन उत्तराधिकारी क्यों नियुक्त कर डाले?”
4 देश के बीच भारत “चौराहे” पर
अयातुल्ला अली खामेनेई जिन्हें ईरान का सिरमौर यानी सुप्रीम कमांडर कहा जाता है क्या देश को ऐसी मुसीबत में छोड़कर, दुनिया की छोड़िए अपनी ही नजरों में नहीं गिर जाएंगे? ईरान-इजराइल युद्ध के वर्तमान और बेहद संघर्षपूर्ण दौर पर बेबाक बातचीत के दौरान, भारतीय थलसेना के पूर्व मेजर जनरल सुधाकर जी खुद से सवाल करते हैं. अब अचानक एक रात में ही अमेरिका के ईरान के ऊपर कूद पड़ने से भारत की स्थिति क्या होगी? मेजर जनरल सुधाकर जी बोले, “भारत इस वक्त इजराइल, ईरान, रूस और अमेरिका द्वारा तैयार किए गए चौराहे पर आकर खड़ा हो गया है. इस वक्त भारत विदेश नीति, कूटनीति और सामरिक नीति के नजरिये से बेहद असमंजस की हालत में है. मुझे उम्मीद है कि भारत इस वक्त कोई भी कदम बेहद सोचकर उठाएगा. क्योंकि भारत को ईरान, इजराइल, अमेरिका और रूस सबकी जरूरत हैं.”
पीछे हटने के बजाए ईरान खतम होना चाहेगा
अब जब अमेरिका ने ईरान-इजराइल की लड़ाई में इंट्री मार ही दी है तब क्या ईरान पीछे हट जाएगा? स्टेट मिरर के सवाल के जवाब में रिटायर्ड मेजर जनरल सुधाकर जी बोले, “नहीं बिलकुल पीछे नहीं हटेगा. दरअसल दुनिया के तमाम मुसलिम देशों में ईरान का जिद्दी और अड़ियल होना ही तो उसकी पहचान है. अमेरिका से डरकर अगर ईरान पीछे हटता है तब भी मरा हुआ ही माना जाएगा. ऐसे में अपनी जिद पर हमेशा अड़ा रहने वाला ईरान, अमेरिका और इजराइल से जूझते हुए मर-खप कर खतम होना तो कुबूल करेगा, मगर यह गलतफहमी दुनिया दूर कर दे कि, ईरान डरपोक है और वह इजराइल के साथ लड़ाई में अमेरिका की इंट्री से डरकर अपने कदम पीछे हटा लेगा. हां, जंग में भारत को बेहद चौकन्ना रहना होगा. जो वह है भी.”