दुनिया में बज रहा भारत का डंका, कतर के अमीर के दौरे से क्या हासिल हुआ?
कतर के अमीर 17 फरवरी को अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत दौरे पर आए हुए थे. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक की, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, टेक्नोलॉजी, व्यापार, निवेश, सुरक्षा और ऊर्जा आदि विषयों पर चर्चा की गई. इस दौरान कतर ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि वह भारत में भारत में एक बिलियन डॉलर का निवेश करेगा.

India Qatar Relations Agreements: कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी 17 फरवरी को दो दिवसीय दौरे पर भारत आए. यह उनकी दूसरी राजकीय यात्रा है. इस यात्रा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की. भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय बैठक भी हुई, जिसमें अगले 5 साल में निवेश को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके साथ ही, कतर ने भारत में एक बिलियन डॉलर का निवेश करने की भी घोषणा की.
पीएम मोदी के निमंत्रण पर कतर के अमीर शेख तमीम भारत दौरे पर आए थे. उनके साथ मंत्रियों, अधिकारियों और व्यापार जगत के प्रतिनिधियों का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया था. प्रधानमंत्री ने 18 फरवरी को हैदराबाद हाउस में कतर के अमीर के साथ द्विपक्षीय बैठक की. इस दौरान दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों को और बढ़ाने और इसे गहरा करने पर सहमति बनी. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी स्थापना समझौते पर हस्ताक्षर होने पर खुशी जताई.
भारत और कतर ने राजनीतिक, व्यापार, निवेश, सुरक्षा, ऊर्जा, संस्कृति , शिक्षा, टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और लोगों के आपसी संबंधों समेत सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई. दोनों पक्षों ने दोहरे कराधान से बचने के लिए संशोधित समझौते पर हस्ताक्षर होने पर खुशी जताई. इसके साथ ही, वे भारत-कतर द्विपक्षीय निवेश संधि पर बातचीत में तेजी लाने पर भी सहमति व्यक्त की.
2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 28 अरब डॉलर करने का लक्ष्य
भारत और कतर ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 14.08 अरब डॉलर से बढ़ाकर दोगुना यानी 28 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है. कतर ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी संस्थागत निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की. इसी के साथ उसने भारत में 10 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की भी घोषणा की.
दोनों पक्षों ने कतर में क्यूएनबी के बिक्री केन्द्रों में भारत के एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) के संचालन का स्वागत किया और कतर में यूपीआई को लागू करने की आशा व्यक्त की. इसके साथ ही, वे अपनी-अपनी मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार के निपटान की संभावना तलाशने पर भी सहमत हुए. इस दौरान कतर के द्वारा गिफ्ट सिटी में कार्यालय स्थापित करके भारत में क्यूएनबी का विस्तार करने का स्वागत किया गया.
दोनों पक्ष द्विपक्षीय ऊर्जा सहयोग को और बढ़ाने के लिए काम करेंगे. इसमें ऊर्जा अवसंरचना में व्यापार और आपसी निवेश को बढ़ावा देना और ऊर्जा पर संयुक्त कार्य बल सहित दोनों पक्षों के संबंधित हितधारकों की नियमित बैठकें बुलाना शामिल हैं. दोनों पक्ष सीमा पार आतंकवाद सहित आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की और इसका मुकाबला करने में सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की. वे सूचना और खुफिया जानकारी साझा करने, अनुभवों, प्रौद्योगिकियों के विकास और आदान-प्रदान, मादक पदार्थों की तस्करी, साइबर अपराध और अन्य अंतरराष्ट्रीय अपराधों में सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए.
टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में गहन सहयोग हासिल करने में रुचि
भारत और कतर ने तेजी से बढ़ रही टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप और AI सहित टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में गहन सहयोग हासिल करने में रुचि दिखाई. दोनों पक्षों ने ई-शासन को आगे बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की. इसके साथ ही, उन्होंने 2024-25 में कतर के दोहा में वेब शिखर सम्मेलन में भारतीय स्टार्टअप की भागीदारी का स्वागत किया.
दोनों पक्षों ने मिडिल ईस्ट में सुरक्षा स्थिति सहित आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. उन्होंने इन विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति के महत्व पर जोर दिया. यही नहीं, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुपक्षीय मंचों पर दोनों पक्षों के बीच उत्कृष्ट समन्वय की भी सराहना की.
एफटीए के लिए बातचीत कर रहा भारत
बता दें कि भारत कतर के साथ एफटीए (मुक्त व्यापार समझौता) की संभावना भी तलाश रहा है. वह अलग से गल्फ सहयोग परिषद के साथ एफटीए के लिए बातचीत कर रहा है. गल्फ सहयोग परिषद में कतर के साथ ही, बहरीन, कुवैत, ओमान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं. ये दुनिया की तेल संसाधनों से समृद्ध छह प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं हैं.
कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (QIA) ने मौजूदा समय में भारत में 1.5 अरब डॉलर का निवेश किया हुआ है. ये निवेश ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, रिटेल और आईटी जैसे क्षेत्रों में किया गया है. भारत सबसे ज्यादा एलएनजी (तरलीकृत प्राकृतिक गैस) और एलपीजी (तरलीकृत पेट्रोलियम गैस) कतर से ही मंगाता है. अब कतर भी यूएई, ओमान, कुवैत और सऊदी अरब के बराबर खड़ा हो गया है. इन देशों को भारत से रणनीतिक साझेदारी का स्तर हासिल है.