'ऐसे राजनेताओं पर आती है दया', कुंभ के खिलाफ लालू यादव के बयान पर संतों ने खोला मोर्चा | VIDEO
Lalu Prasad Yadav Statement Row: लालू प्रसाद यादव ने दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ पर टिप्पणी करते हुए महाकुंभ को फालतू बताया था, जिसे लेकर संतों ने आपत्ति जताई है. वहीं बीजेपी ने इस टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधा और उन पर सनातन धर्म का अपमान करने और शवों पर राजनीति करने का आरोप लगाया.

Lalu Prasad Yadav Statement Row: पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने आज अपने एक बयान में प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ को फालतू बताया था, जिसके बाद शंकराचार्य और संतों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल लिया है. शंकराचार्य ने तो यहां तक कह दिया कि उन्हें उन पर दया आती है.
लालू प्रसाद यादव के बयान पर गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी श्री अधोक्षजानंद ने कहा, 'मुझे ऐसे राजनेताओं पर दया आती है जो इतने नकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं और अपमानजनक बयान देते हैं. मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान उन्हें सद्बुद्धि दे. क्या कोई और सरकार है जो इतने बड़े आयोजन को सफल बनाने में सफल रही हो?'
उनके विचार महत्वहीन - स्वामी चिदानंद सरस्वती
लालू प्रसाद यादव के बयान पर परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा, 'कोई चीज तभी महत्वहीन लगती है जब हम उसके प्रति व्यक्तिगत विचार नहीं करते. वे (लालू प्रसाद यादव) प्रचार पर करोड़ों खर्च करते हैं, फिर भी उनके आयोजनों में पर्याप्त लोग नहीं आते. लोग महाकुंभ में आकर प्रसन्न होते हैं.'
'सनातन संस्कृति पर हमला'
लालू प्रसाद यादव की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा, 'उन्होंने हमेशा सनातन संस्कृति पर हमला किया है और सनातन धर्म और उसके धार्मिक नेताओं के प्रति उनके रवैये में उनकी मानसिकता दिखाता है. इन लोगों ने तुष्टीकरण के लिए अपने स्वयं के मूल्यों को भी त्याग दिया है.'
कुंभ का क्या मतलब फालतू -लालू यादव
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ को लेकर लालू प्रसाद यादव ने कहा, 'यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. यह रेलवे का कुप्रबंधन है जिसके कारण इतने सारे लोगों की जान चली गई. रेल मंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिए. 'कुंभ का क्या मतलब है, फालतू है कुंभ.'