'ना-पाक का Game Over'! भारत ने एक और पाकिस्तानी अफसर को दिखाया बाहर का रास्ता
भारत सरकार ने एक और पाकिस्तानी अधिकारी को देश से निकाल दिया है. यह अधिकारी दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात था और उस पर "अपने आधिकारिक दर्जे के खिलाफ गतिविधियों" में शामिल होने का आरोप है। विदेश मंत्रालय ने उसे "persona non grata" घोषित कर 24 घंटे के अंदर भारत छोड़ने का आदेश दिया.

भारत सरकार ने एक और पाकिस्तानी अधिकारी को देश से निकाल दिया है. यह अधिकारी दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात था और उस पर "अपने आधिकारिक दर्जे के खिलाफ गतिविधियों" में शामिल होने का आरोप है। विदेश मंत्रालय ने उसे "persona non grata" घोषित कर 24 घंटे के अंदर भारत छोड़ने का आदेश दिया.भारत ने बुधवार को पाकिस्तान हाई कमीशन, नई दिल्ली में तैनात एक और पाकिस्तानी अधिकारी को 'Persona non grata' घोषित कर देश से बाहर जाने का आदेश दिया. यह इस महीने दूसरी बार है जब किसी पाकिस्तानी अधिकारी को भारत से निकाला गया है. इस फैसले को लेकर विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि अधिकारी “अपने आधिकारिक दर्जे के विपरीत गतिविधियों” में शामिल था.
8 दिनों के अंदर यह दूसरा मामला
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया 'भारत सरकार ने पाकिस्तान उच्चायोग के एक अधिकारी को Persona non grata घोषित किया है. यह अधिकारी अपने राजनयिक दर्जे के अनुरूप आचरण नहीं कर रहा था. उसे 24 घंटे के भीतर भारत छोड़ने को कहा गया है. MEA ने पाकिस्तान उच्चायोग के Charge d’Affaires को तलब कर इस फैसले पर आधिकारिक आपत्ति (demarche) दर्ज करवाई और स्पष्ट निर्देश दिए कि पाकिस्तानी अधिकारी भारत में अपने विशेषाधिकारों का दुरुपयोग न करें.
यह कदम ऐसे वक्त में आया है जब 13 मई को भी एक अन्य पाक अधिकारी को देश छोड़ने का आदेश दिया गया था, हालांकि तब उसका नाम या कार्रवाई की प्रकृति उजागर नहीं की गई थी. इस बढ़ती सख्ती की पृष्ठभूमि में भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ है . जो अप्रैल 22 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और POK में चलाए गए नौ आतंकी कैंपों पर एक सैन्य कार्रवाई थी। हमले में 26 लोगों की जान गई थी.
इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए दिल्ली स्थित पाक हाई कमीशन के स्टाफ को 55 से घटाकर 30 किया. इंडस वॉटर ट्रीटी को निलंबित किया. अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद किया. इस्लामाबाद में तैनात अपने सभी भारतीय राजनयिकों को वापस बुला लिया. हालांकि 10 मई को दोनों देशों ने जमीन, हवा और समुद्र पर सभी सैन्य कार्रवाइयां रोकने पर सहमति जताई थी, जिससे तनाव थोड़ा कम होता दिखा. लेकिन अब दोबारा हुई यह कार्रवाई बताती है कि कूटनीतिक समीकरण अब भी बेहद नाजुक बने हुए हैं.