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77 साल पुराना हिन्दुस्तान नहीं… पुतिन का दहाड़ता बयान- India got lucky… मोदी भारत की सांस हैं

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भारत पहुंच चुके हैं और जैसे ही उनका विमान दिल्ली में उतरा, भारतीय राजनीति से लेकर वैश्विक कूटनीति तक हर जगह हलचल मच गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरपोर्ट पर खुद जाकर पुतिन का स्वागत किया. वही पुतिन, जो दुनियाभर के नेताओं में से चुनकर मोदी को “India got lucky” कह रहे हैं.

77 साल पुराना हिन्दुस्तान नहीं… पुतिन का दहाड़ता बयान- India got lucky… मोदी भारत की सांस हैं
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( Image Source:  narendra modi- X )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 5 Dec 2025 12:23 AM IST

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत-अमेरिका के बीच रिश्तों में चल रहे तनाव के बीच दो टूक कहा कि दुनिया का कोई भी देश भारत को आज से 77 साल पहले का हिन्दुस्तान समझने की भूल नहीं करे. उन्होंने कहा कि 150 करोड़ आबादी वाले इस देश ने अतीत से सीख लेकर हर क्षेत्र में बड़ी प्रगति की है और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कोई भी देश दबाव बनाकर अपनी बात नहीं मनवा सकता. राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिका का नाम लिए बिना कहा कि भारत किसी भी देश के आगे झुकने वाला नहीं है और वह अपनी शर्तों पर किसी भी देश के साथ व्यापारिक संबंध बनाता है. PM मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को रूसी भाषा में गीता की कॉपी भेंट की.

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत-अमेरिका संबंधों में चल रही खींचतान के बीच आखिरकार चार साल भारत के दौरे पर पहुंचे है. उनके स्वागत के लिए पीएम मोदी खुद प्रोटोकाल तोड़ते हुए पालम एयरपोर्ट पहुंचे थे और स्वागत किया है. सोशल मीडिया पर पुतिन और मोदी की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. इस बीच पुतिन ने इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए एक ऐसा बयान दिया है जिसने वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है. उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि दुनिया अब भारत को 77 साल पहले वाले कमजोर और विभाजित हिंदुस्तान की नजर से देखने की भूल न करे.

पुतिन ने इशारों में ही सही, लेकिन स्पष्ट कर दिया कि आज का भारत 150 करोड़ की आबादी, मजबूत अर्थव्यवस्था, शक्तिशाली नेतृत्व और आत्मनिर्भरता के दम पर दुनिया के बड़े-बड़ों को चुनौती देने की क्षमता रखता है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ता और निर्णय क्षमता की खुलकर प्रशंसा करते हुए कहा कि कोई भी देश उन पर दबाव बनाकर अपनी मर्जी नहीं थोप सकता.

अमेरिका का नाम लिए बिना पुतिन ने तंज कसते हुए यह भी कहा कि भारत किसी भी देश के आगे झुकने वाला नहीं है और वह अपनी शर्तों पर रिश्ते बनाता है- चाहे वह व्यापार हो, ऊर्जा हो या रक्षा साझेदारी. पुतिन का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका भारत के रूस से कच्चे तेल और ऊर्जा खरीद पर नाराजगी जताता रहा है. लेकिन रूस के राष्ट्रपति के इस ऐलान ने साफ कर दिया कि भारत आज वैश्विक शक्ति समीकरणों का केंद्र है और मोदी के नेतृत्व में वह किसी दबाव की राजनीति में फंसने वाला नहीं है.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भारत पहुंच चुके हैं और जैसे ही उनका विमान दिल्ली में उतरा, भारतीय राजनीति से लेकर वैश्विक कूटनीति तक हर जगह हलचल मच गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरपोर्ट पर खुद जाकर पुतिन का स्वागत किया- वही पुतिन, जो दुनियाभर के नेताओं में से चुनकर मोदी को 'India got lucky' कह रहे हैं. इंटरव्यू में भी, बयानबाजी में भी, और मुलाकातों में भी-पुतिन ने साफ कर दिया कि मोदी उनके लिए सिर्फ एक राजनीतिक साझेदार नहीं, बल्कि भरोसे और विश्वास के प्रतीक हैं.

इंडिया टुडे को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ़ की और कहा कि वे भारत के लिए जीते हैं, भारत के लिए सांस लेते हैं. इस मुलाकात में दोनों देशों के रिश्तों, ऊर्जा साझेदारी, रूस-अमेरिका के पाखंड, और पश्चिमी दबाव के बावजूद भारत के स्टैंड जैसे बड़े मुद्दों पर खुलकर बात हुई. पुतिन का हर बयान अमेरिका, यूरोप और चीन तक को साफ संदेश देता नजर आया-भारत और रूस की दोस्ती न कल किसी दबाव में आई थी, न आज टूटने वाली है.

“India got lucky… Modi lives and breathes India” – पुतिन की खुली प्रशंसा

इंटरव्यू के दौरान पुतिन ने मोदी पर भरोसा जताते हुए कहा कि हमारे बीच बेहद भरोसेमंद और मित्रतापूर्ण संबंध हैं. वह एक बहुत विश्वसनीय व्यक्ति हैं… भारत भाग्यशाली है. वह भारत के लिए जीते हैं, भारत के लिए सांस लेते हैं. 'रूसी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि मोदी से बात करना हमेशा “great pleasure” होता है, क्योंकि वे “a person of integrity” हैं.

मॉस्को में हुई पिछली मुलाकात की याद-‘मानविय स्तर पर बातचीत’

पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी पिछली मॉस्को यात्रा को याद करते हुए कहा कि दोनों ने घंटों चाय पी और “मानवीय स्तर पर बातचीत” की. उनके शब्दों में 'वह यहाँ आए थे, और हम मेरे निवास पर साथ बैठे. हमने पूरी शाम चाय पी और कई मुद्दों पर बातचीत की… बिल्कुल इंसानों की तरह.” इस बार जब पुतिन दिल्ली पहुंचे, मोदी खुद एयरपोर्ट पहुंचे-यह अपने-आप में एक बड़ा राजनीतिक संकेत है. दोनों नेताओं ने गले मिलकर स्वागत किया और प्रधानमंत्री मोदी खुद उनकी गाड़ी चलाते हुए उन्हें अपने आधिकारिक आवास लेकर गए. वहां उन्हें निजी डिनर पर होस्ट किया गया-यह वो इशारे हैं जो संदेश भेजते हैं कि भारत-रूस रिश्ता सिर्फ औपचारिक नहीं, बेहद निजी और भरोसे से भरा है.

SCO समिट की याद: जब पुतिन ने खुद अपनी कार में मोदी को बिठाया था

तीन महीने पहले तियानजिन में हुए SCO समिट में पुतिन ने अपनी निजी कार चलाकर मोदी को घुमाया था. यह इशारा दुनिया ने नोट किया था-खासतौर पर तब, जब अमेरिका भारत पर रूस से तेल खरीदने का दबाव बढ़ा रहा था. इंटरव्यू में जब एंकर ने पूछा-क्या इंसान अमर हो सकता है? पुतिन ने जवाब दिया-'Everything has an end; only God is eternal.”

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि विज्ञान जीवन को बेहद बढ़ा सकता है. उन्होंने भारत का उदाहरण देते हुए बताया कि 77 साल पहले यहां औसत जीवन प्रत्याशा 31 वर्ष थी, जो आज 70 के आसपास है. उन्होंने कहा कि भारत में infant mortality भी चार गुना कम हुई है—-यह वैज्ञानिक प्रगति का सबूत है.

अमेरिका पर तंज-‘खुद रूस से यूरेनियम खरीदते हैं, और भारत को रोकते हैं’

पुतिन ने ट्रम्प की दोहरी नीति पर सीधे सवाल उठाते हुए कहा कि “The US continues to buy nuclear fuel from us… If the US has the right to purchase fuel from us, why should India be deprived of such a right?” उन्होंने बताया कि अमेरिका रूस से करीब 25% enriched uranium खरीदता है, और इस साल रूस इससे लगभग 1.2 बिलियन डॉलर कमाएगा.

ऊर्जा सहयोग पर साफ संदेश- 'Sanctions से कुछ नहीं बदला'

पुतिन ने कहा कि भारत-रूस का ऊर्जा सहयोग “किसी राजनीतिक उतार-चढ़ाव या पश्चिमी दबाव” से प्रभावित नहीं हुआ है. रूस आज भी भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर है- युद्ध से पहले 1-2%, और आज 35% तक. पुतिन ने मोदी के ‘Make in India’ को “प्रैक्टिकल और प्रभावशाली” करार दिया. उन्होंने कहा कि यह पहल भारत-रूस संबंधों को नई दिशा दे रही है. पुतिन ने कहा कि यह युद्ध “पश्चिम के प्रभाव में आकर कीव द्वारा शुरू किया गया था” और रूस इसे “अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के बाद” ही समाप्त करेगा. पुतिन की इस यात्रा ने दुनिया को एक बार फिर याद दिलाया कि भारत और रूस के संबंध न समय से टूटे, न प्रतिबंधों से. और प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश साफ है-भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता पर किसी का दबाव नहीं स्वीकार करता.

नरेंद्र मोदीव्लादिमीर पुतिन
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