IAF ने ऑपरेशन सिंदूर में मार गिराए थे पाकिस्तान के 4-5 F-16 और JF-17 फाइटर जेट्स, एयर चीफ एपी सिंह ने खोली पाक की पोल
भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर का खुलासा किया. इस ऑपरेशन में भारतीय एयरफोर्स ने पाकिस्तान के तीन हैंगरों को निशाना बनाते हुए 5 F-16 और JF-17 फाइटर जेट्स को मार गिराया. 300 किलोमीटर की दूरी तक ऑपरेशन कर इतिहास में दर्ज किए गए यह अभियान भारत की सटीक और आत्मनिर्भर वायुसेना की ताकत को दर्शाता है. वायुसेना दिवस पर इस अभियान की झलकियों के साथ राफेल, Su-30MKI, हेलीकॉप्टर और मिसाइल सिस्टम का स्टेटिक डिस्प्ले होगा. ऑपरेशन सिंदूर ने दिखा दिया कि भारतीय सेनाएँ रणनीतिक और निर्णायक कार्रवाई में सक्षम हैं.

भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के एयरबेस पर अचूक हमले किए. उनके अनुसार इस अभियान में पाकिस्तान के तीन हैंगरों को निशाना बनाया गया, जिसमें कई लड़ाकू विमान और सर्विलांस प्लेटफॉर्म क्षतिग्रस्त हुए. यह कार्रवाई पूरी तरह रणनीतिक और सटीक थी, जिससे पाकिस्तान के सैन्य ढांचे को गंभीर झटका लगा है.
वायुसेना प्रमुख ने बताया कि एक हैंगर विशेष रूप से F-16 विमान का था, जबकि अन्य हैंगरों में JF-17 और कुछ सर्विलांस विमान तैनात थे. इस दौरान करीब 4-5 एयर क्राफ्ट को नुकसान पहुंचाया गया है. एयर चीफ ने कहा कि अभियान की योजना इतनी छोटी थी कि केवल चयनित लक्ष्यों को निशाना बनाया गया और न्यूनतम collateral damage सुनिश्चित किया गया.
300 किलोमीटर की मारक क्षमता
ऑपरेशन के दौरान भारतीय एयरक्राफ्ट लगभग 300 किलोमीटर तक पाकिस्तानी सीमाओं के भीतर प्रवेश कर गए और अत्यंत सटीक तरीके से लक्ष्यों को नष्ट किया. एयर चीफ ने बताया कि तीनों सेनाओं थल, नौ और वायु के बीच अभूतपूर्व तालमेल इस ऑपरेशन की सफलता की प्रमुख वजह रही. इस अभियान ने दिखा दिया कि भारतीय वायुसेना लंबी दूरी पर भी सटीक और निर्णायक हमले करने में सक्षम है.
इतिहास में दर्ज होगा यह अभियान
एयर चीफ ने ऑपरेशन सिंदूर को “इतिहास में दर्ज होने वाला युद्ध अभियान” करार दिया. उन्होंने कहा कि यह अभियान स्पष्ट उद्देश्य और सीमित समय में सम्पन्न हुआ, जिससे यह साबित होता है कि भारतीय सेनाओं ने अनावश्यक हिंसा या विस्तार की आवश्यकता नहीं मानी. उनके अनुसार यह कदम राष्ट्र की सुरक्षा और रणनीतिक स्वायत्तता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया.
लंबी दूरी की SAM प्रणालियों की अहम भूमिका
वायुसेना प्रमुख ने हाल ही में प्राप्त लंबी दूरी की सतह-से-वायु मिसाइल (SAM) प्रणालियों की प्रभावशीलता पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि इन प्रणालियों ने दुश्मन के संचालन को उनके क्षेत्र में सीमित किया और भारतीय हवाई क्षेत्र की सुरक्षा को मजबूत किया. इस तकनीकी श्रेष्ठता ने ऑपरेशन की सफलता को और भी सुनिश्चित किया.
आत्मनिर्भर भारत
एयर चीफ ने कहा कि भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने तेजस, LCA Mark 1A, प्रचंड और IMRH जैसे परियोजनाओं का हवाला देते हुए बताया कि स्वदेशी और संयुक्त उत्पादन से अगली लड़ाइयों के लिए तैयारियां की जा रही हैं. उनका कहना था कि अगली युद्ध परिस्थितियां पिछली जैसी नहीं होंगी, इसलिए भारतीय वायुसेना भविष्य के लिए खुद को पूर्ण रूप से तैयार कर रही है.
वायुसेना दिवस पर तकनीकी का प्रदर्शन
वायुसेना दिवस के अवसर पर हिंदन एयरबेस में 8 अक्टूबर को आयोजित परेड में ऑपरेशन सिंदूर की झलकियां प्रदर्शित की जाएंगी. इसमें ध्वज फ्लाइपास्ट, राफेल, Su‑30MKI, परिवहन विमान और आकाश सतह-से-वायु मिसाइल जैसे प्लेटफॉर्म शामिल होंगे. साथ ही 18 नई तकनीकी इनोवेशन का स्टेटिक प्रदर्शन भी किया जाएगा, जो भारतीय वायुसेना की क्षमताओं और आत्मनिर्भरता को दर्शाएंगे.
ऑपरेशन सिंदूर: राष्ट्र की ताकत का प्रतीक
विंग कमांडर ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर एक निर्णायक और लक्ष्य-उन्मुख अभियान था. भूमि और वायु दोनों स्तरों पर पाकिस्तान को गंभीर क्षति पहुंची, जिसमें F-16 और JF-17 जैसे विमान शामिल थे. एयर चीफ ने कहा कि यह अभियान भारतीय सशस्त्र बलों की अचूक, अभेद्य और सटीक कार्यशैली का प्रतीक है, और भविष्य में भी भारतीय वायुसेना किसी चुनौती का सामना पूरी तत्परता से करने में सक्षम है.