'चाहे हमें काट के फेंक दो...', I Love Muhammad मामले में बवाल की असली वजह हिंदुओं के धार्मिक पोस्टर फाड़ना तो नहीं? FIR में खुले राज
कानपुर में ‘I Love Muhammad’ बैनर विवाद अब पूरे देश में बवाल का कारण बन गया है. लेकिन FIR की जांच से असली कहानी सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, विवाद सिर्फ बैनर लगाने तक सीमित नहीं था, बल्कि बारावफात के जुलूस में कुछ मुस्लिम युवकों ने हिंदू धार्मिक पोस्टर फाड़ दिए थे.

I Love Muhammad Latest Update: उत्तर प्रदेश के कानपुर में ईद मिलादुन्नबी के जुलूस के दौरान 'I Love Muhammad' लिखे बैनर को लेकर शुरू हुआ विवाद अब धीरे-धीरे जंगल में लगी आग की तरह देशभर में फैलती जा रही है. बिहार से लेकर हैदराबाद तक मुस्लिम समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए हैं. सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा ट्रेंड कर रहा है और बड़ी संख्या में मुस्लिम युवा '#ILoveMuhammad' हैशटैग के साथ पोस्ट और वीडियो साझा कर रहे हैं.
हालात इस कदर बिगड़ गए कि गुजरात के गोधरा में हिंसा तक हो गई. यहां कट्टरपंथियों ने पुलिस थाने पर हमला कर तोड़फोड़ की. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 'पैगंबर साहब की शान में गुस्ताखी की जा रही है' और यह उनके धार्मिक अधिकारों पर हमला है. लेकिन पुलिस की FIR और जांच के बाद अब असली कहानी सामने आई है, जो इस पूरे विवाद को नया मोड़ देती है.
महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आज़मी ने कानपुर में 'आई लव मोहम्मद' लिखने पर दर्ज हुई FIR पर कहा "I Love मोहम्मद तो मैं चिल्ला चिल्ला कर कह रहा हूं. मेरे ऊपर भी FIR कर दो. पैगम्बर मुहम्मद दुनिया में सिर्फ मुसलमानों के लिए ही नहीं आए थे, वह पूरे आलम के लिए रहमत लेकर आए थे...हम पैगम्बर मुहम्मद साहब के लिए कोई गलत बात सुनने के लिए तैयार नहीं हैं चाहे हमें जेल हो जाए, या हमें काट कर फेंक दें..."
FIR ने खोली पूरी कहानी
ऑपइंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, विवाद की शुरुआत तब हुई जब मुस्लिम समुदाय ने बारावफात की सजावट के लिए गली में 'I Love Muhammad' का लाइट बोर्ड लगाया. FIR में दर्ज है, “ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था और आयोजकों द्वारा नई परंपरा की शुरुआत की जा रही थी.” स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया. बाद में पुलिस ने बोर्ड को वहां से हटवाकर कुछ दूरी पर लगवाया और उस समय मामला शांत हो गया. यानी FIR से स्पष्ट है कि बैनर को लेकर तत्कालीन विवाद निपटा दिया गया था.
5 सितंबर को कैसे भड़का तनाव?
असल बवाल 5 सितंबर को बारावफात के जुलूस के दौरान हुआ. FIR में कहा गया है कि रावतपुर गांव से गुजरते वक्त जुलूस में शामिल कुछ मुस्लिम युवकों ने रास्ते में लगे हिंदू धार्मिक पोस्टरों को 'जानबूझकर डंडों से फाड़ दिया.'
10 सितंबर को पुलिस को इस घटना की CCTV फुटेज भी मिल गई, जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि युवकों ने सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने के इरादे से ये हरकत की. FIR में दर्ज है, 'मुस्लिम युवकों ने ऐसा कृत्य किया जिससे क्षेत्र में अराजकता फैले और सांप्रदायिक विवाद उत्पन्न हो सके.'
पुलिस का आधिकारिक बयान
रावतपुर थाने के SHO कृष्ण मिश्रा ने ऑपइंडिया से बातचीत में पुष्टि की कि यह FIR केवल 'I Love Muhammad' बैनर लगाने के लिए दर्ज नहीं की गई है. उन्होंने कहा, 'जिन युवकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की थी.'
सोशल मीडिया पर बढ़ रहा हैशटैग कैंपेन
देशभर में मुस्लिम समुदाय इस घटना को धार्मिक स्वतंत्रता से जोड़कर देख रहा है. सोशल मीडिया पर संगठित तरीके से अभियान चल रहा है. ‘I Love Muhammad’ हैशटैग तेजी से ट्रेंड कर रहा है. हालांकि पुलिस रिकॉर्ड्स बताते हैं कि विवाद केवल बैनर तक सीमित नहीं था, बल्कि जुलूस के दौरान हिंदू धार्मिक पोस्टर फाड़े जाने के बाद हालात बिगड़े.