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मैं दलाल नहीं, मेरा दिमाग ही 200 करोड़ का... एथेनॉल विवाद पर गडकरी का पलटवार, जानें इवेंट में क्या-क्या बोले मिनीस्टर

एथेनॉल विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया. नागपुर में एग्रीकोस वेलफेयर सोसाइटी के एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि मेरा दिमाग महीने का 200 करोड़ का है और मैं कोई दलाल नहीं हूं. मैं लोगों के भले के लिए काम करता हूं.

मैं दलाल नहीं, मेरा दिमाग ही 200 करोड़ का... एथेनॉल विवाद पर गडकरी का पलटवार, जानें इवेंट में क्या-क्या बोले मिनीस्टर
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( Image Source:  x-@OfficeOfNG )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 14 Sept 2025 1:12 PM IST

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एथेनॉल विवाद पर तीखा पलटवार करते हुए साफ कहा कि वह किसी के दलाल नहीं हैं, बल्कि उनका दिमाग ही 200 करोड़ का है. गडकरी ने यह बयान उन आरोपों के जवाब में दिया, जिनमें उन पर एथेनॉल प्रोजेक्ट से जुड़े हित साधने का आरोप लगाया गया था.

अपने अंदाज में जवाब देते हुए उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि उनकी पहचान काम और विज़न से है, न कि दलाली से. यह बयान न सिर्फ विवाद को नया मोड़ देता है बल्कि राजनीतिक हलचल भी तेज कर देता है.

मेरा दिमाग 200 करोड़ का है

एथेनॉल विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने आलोचकों को करारा जवाब देते हुए कहा 'मेरा दिमाग महीने का 200 करोड़ का है. मैं पैसों की कमी से नहीं जूझ रहा और न ही इतनी नीचता तक गिर सकता हूं.' उनके इस बयान ने माहौल में हलचल मचा दी, लेकिन गडकरी ने साफ किया कि उनकी राजनीति और प्रयोग पैसे कमाने के लिए नहीं, बल्कि किसानों के भले के लिए हैं.

मैं दलाल नहीं हूं

नितिन गडकरी ने अपने भाषण में तंज भरे अंदाज में कहा 'उन्हें पैसों की चाह नहीं है. आप सोचते हैं मैं ये सब पैसों के लिए करता हूं? मैं ईमानदारी से कमाना जानता हूं. मैं कोई व्हील-डीलर नहीं हूं.' साथ ही चेतावनी भी दी कि राजनीति का सबसे खतरनाक पहलू यह है कि नेता लोगों को आपस में लड़ाकर अपना फायदा उठाते हैं.

विदर्भ की पीड़ा और किसानों का दर्द

गडकरी ने किसान आत्महत्याओं पर गहरी संवेदना जताई. उन्होंने कहा कि 'मैं भी परिवार वाला हूं, घर है और राजनीति करता हूं, लेकिन जब विदर्भ के 10,000 किसानों की आत्महत्या के बारे में सुनता हूं तो बहुत शर्म आती है. जब तक हमारे किसान खुशहाल नहीं होंगे, हम चैन से नहीं बैठ सकते है.' उनका यह बयान साफ दिखाता है कि वे किसानों की चिंता को सबसे ज़्यादा महत्व देते हैं.

आइडिया से बन सकता है बदलाव

गडकरी ने यह उदाहरण देकर साबित करने की कोशिश की कि बिजनेस और राजनीति दोनों में आइडिया और ईमानदारी की अहमियत सबसे ज्यादा है. उनका कहना था कि जब सही सोच के साथ काम किया जाए, तो किसानों और देश की अर्थव्यवस्था दोनों के लिए नए अवसर बनते हैं.

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