कैसे भारत ने सिर्फ 90 दिनों में 1800 करोड़ रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोका?
10 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लॉन्च की गई यह ऑनलाइन सस्पेक्ट रजिस्ट्री भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) द्वारा डेवलप किया गया है. इसे राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय जांच व खुफिया एजेंसियों द्वारा एक्सेस किया जा सकता है.

होम मिनिस्ट्री ने बताया कि ऑनलाइन 'सस्पेक्ट रजिस्ट्री' के लॉन्च के तीन महीनों के भीतर केंद्र सरकार ने लगभग 6 लाख धोखाधड़ी वाले लेनदेन को रोककर 1800 करोड़ रुपये की बचत की है. यह रजिस्ट्री राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के आधार पर तैयार की गई है. इसमें 1.4 मिलियन साइबर अपराधियों का डेटा शामिल है, जो वित्तीय धोखाधड़ी और विभिन्न साइबर अपराधों से जुड़े हैं.
10 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लॉन्च की गई यह ऑनलाइन सस्पेक्ट रजिस्ट्री भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) द्वारा डेवलप किया गया है. इसे राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय जांच व खुफिया एजेंसियों द्वारा एक्सेस किया जा सकता है.
आरबीआई ने दिया साथ
बैंकों और वित्तीय संस्थानों के सहयोग से विकसित इस रजिस्ट्री का उद्देश्य साइबर अपराध से जुड़े संदिग्धों का एक डेटाबेस तैयार करना है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि यह रजिस्ट्री राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के डेटा का उपयोग करके संभावित खतरों की पहचान करने और वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में मदद करती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, 1 दिसंबर तक संदिग्ध रजिस्ट्री के माध्यम से लगभग 6.10 लाख धोखाधड़ी वाले लेनदेन को रोका गया, जिससे 1,800 करोड़ रुपये की बचत हुई. इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को इस पहल का हिस्सा बनने और संदिग्ध रजिस्ट्री का उपयोग अपने सिस्टम में करने की सलाह दी है.
बैंक और टेलीकॉम कंपनी मिलकर कर रही काम
साथ ही 10 सितंबर को साइबर धोखाधड़ी शमन केंद्र (CFMC) की शुरुआत भी की गई. जहां प्रमुख बैंक, वित्तीय संस्थान, सभी चार प्रमुख टेलीकॉम सेवा प्रदाता और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियां ऑनलाइन वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए मिलकर काम कर रही हैं. रिपोर्ट ने कहा गया कि सीएफएमसी कानून प्रवर्तन में 'सहकारी संघवाद' का एक उदाहरण है.
7 लाख सिम कार्ड को किया ब्लॉक
अब तक विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 8.67 लाख खच्चर खाते फ्रीज किए हैं, जबकि 7 लाख सिम कार्ड और 1.4 लाख मोबाइल ब्लॉक किए गए हैं. 2021 में शुरू की गई सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम पर 11.51 लाख शिकायतें प्राप्त हुईं. इसके जरिए केंद्र ने 3,850 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी वाले लेनदेन को रोका है. आईटी एक्ट 2000 की धारा 79 (3)(बी) के तहत केंद्र ने अब तक 1,03,151 संदिग्ध ऑनलाइन सामग्री को ब्लॉक किया है.