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अवध ओझा को लेकर फंस रहा पेंच? क्या कहता है फॉर्म 6-8 का नियम, जिसे लेकर केजरीवाल जाएंगे EC ऑफिस

Delhi Assembly Election 2025: आप सुप्रीमों अरविंद केजरीवाल ने आज 3 बजे EC के ऑफिस जाने की बात कही है. वो नोएडा से अवध ओझा का नाम वोटर लिस्ट दिल्ली नहीं ट्रांसफर करने का आरोप लगाया और कहा कि समय पर फॉर्म भरने के बाद भी इसमें गड़बड़ी की जा गई है.

अवध ओझा को लेकर फंस रहा पेंच? क्या कहता है फॉर्म 6-8 का नियम, जिसे लेकर केजरीवाल जाएंगे EC ऑफिस
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Delhi Assembly Election 2025
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 13 Jan 2025 2:26 PM IST

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर बज बना हुआ है. पार्टियों के बीच घमासान भी जारी है. वहीं आप सुप्रीमों अरविंद केजरीवाल ने प्रेंस कॉन्फ्रेंस के जरिए इलेक्शन कमीशन और बीजेपी पर आरोप लगाया और 3 बजे EC के ऑफिस जाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि अवध ओझा को नियम बदलकर जानबूझकर परेशान किया जा रहा है और नोएडा से उनका नाम वोटर लिस्ट दिल्ली नहीं ट्रांसफर करने दिया जा रहा.

अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'आज हमलोग 3 बजे सभी इलेक्शन कमीशन जा रहे हैं. जहां हमारे दो मुद्दे हैं. अवध कुमार ओझा पटपड़गंज से विधायक उम्मीदवार हैं. उन्होंने फॉर्म 6 भरकर ग्रेटर नोएडा से दिल्ली वोटर लिस्ट में नाम ट्रांसफर के लिए आवेदन दे दिया. उन्हें वहां से कोई जवाब नहीं फिर सामने आया कि इसके लिए फॉर्म 6 नहीं बल्कि फॉर्म 8 भरना होगा, तो उन्होंने 7 जनवरी को भरकर ये EC को दे दिया.'

'आप उम्मीदवार के खिलाफ की जा रही साजिश'

उन्होंने आगे कहा, 'दिल्ली चुनाव आयोग ने क़ानून के ख़िलाफ़ जाकर आदेश निकाला. पटपड़गंज विधानसभा से हमारे उम्मीदवार अवध ओझा ने अपना वोट दिल्ली में ट्रांसफर करने का आवेदन 7 जनवरी को किया. कानून के मुताबिक़ 7 जनवरी तक वोट ट्रांसफर कराया जा सकता था और दिल्ली CEO ने इस बाबत आदेश में जारी किया. लेकिन दिल्ली CEO ने चुपचाप फिर एक आदेश जारी किया और कहा कि अब 6 जनवरी तक ही वोट ट्रांसफर कराया जा सकता है. क्या यह हमारे उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोकने की साजिश है.'

क्या कहता है चुनाव आयोग का फॉर्म 6-8 का नियम?

चुनाव आयोग के फॉर्म 6 को भरने का मतलब है कि आप किसी निरर्वाचन क्षेत्र में अपना नया वोटर कार्ड बनवा रहे हैं. जबकि फॉर्म 8 तब काम आता है, जब किसी व्यक्ति का देश के किसी हिस्से में वोटर लिस्ट में नाम है और वह अपना नाम किसी और क्षेत्र में इसे ट्रांसफर करना चाहता है. ऐसा चुनाव से चुनाव आयोग के निर्धारित डेडलाइन से पहले करना पड़ता है.

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