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केरल में रैगिंग का खौफनाक वीडियो आया सामने, जानें प्रताड़ना के बाद क्या होती है मानसिक स्थिति

केरल के कक्कोयम में एक नर्सिंग कॉलेज में छात्रों द्वारा जूनियर से रैगिंग की घटना का वीडियो सामने आया है. इसमें एक छात्र को दर्दनाक तरीके से प्रताड़ित किया जाता है. यह वीडियो रैगिंग के जघन्य रूप को दर्शाता है और इस पर सवाल उठाता है कि कानून के बावजूद ऐसे कृत्य क्यों जारी हैं.

केरल में रैगिंग का खौफनाक वीडियो आया सामने, जानें प्रताड़ना के बाद क्या होती है मानसिक स्थिति
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 13 Feb 2025 9:05 PM IST

यह कहानी उस दर्दनाक अनुभव की है, जो कोट्टायम के एक सरकारी नर्सिंग कॉलेज के पहले वर्ष के छात्र ने सहा. एक ऐसी घटना जो उसके शरीर और आत्मा पर एक गहरी छाप छोड़ गई. वह एक साधारण लड़का था, जो अपनी पढ़ाई और भविष्य के बारे में सपने देखता था. जैसे ही उसने कॉलेज में कदम रखा, उसने सोचा था कि यह उसका एक नया और रोमांचक अध्याय होगा. लेकिन उसे क्या पता था कि यह यात्रा उसकी जिंदगी का सबसे दर्दनाक और त्रासदीपूर्ण अध्याय बन जाएगी.

पहली बार जब उसने जूनियर के रूप में दाखिला लिया, तो उसे उत्साहित होना चाहिए था, लेकिन कुछ वरिष्ठ छात्रों की क्रूरता ने उसकी उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया. रैगिंग की शुरुआत ऐसे हुई, जैसे एक सामान्य मजाक हो, लेकिन बहुत जल्दी यह बर्बरता में बदल गई. वह मासूम छात्र किसी को भी बताने की हिम्मत नहीं जुटा पाया. उसकी चुप्पी उसकी बेबसी का प्रतीक बन गई. अब इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें पूरी बर्बरता की तस्वीर दिख रही है.

दर्द से चीखता रहा

उसके हाथ बांध दिए गए, उसके शरीर पर लोशन लगा दिया गया और प्राइवेट पार्ट पर डंबल लटका दिया. लेकिन यह सब यहीं नहीं रुका. उसके शरीर में बार-बार कंपास चुभोए गए, जैसे उसकी आत्मा को भी चीरने की कोशिश हो रही हो. जब वह दर्द से चीखता, तो उसपर ताने कसे जाते, 'सेक्सी बॉडी' यह शब्द उसे और भी गहरे गहरे अपमान की खाई में धकेलते गए. उसकी हालत यह थी कि वह किसी से मदद नहीं ले सकता था, क्योंकि उसके शरीर और आत्मा दोनों ही टूट चुके थे.

यह सिर्फ उसकी शारीरिक यातना नहीं थी, बल्कि उसपर मानसिक दबाव भी डाला गया. एक ओर जहां वह दर्द से चीख रहा था, वहीं दूसरी ओर आरोपियों ने उसे और तंग किया. उस छात्र को पूरी तरह से तोड़ दिया गया था, और वह कभी भी उस घटना से उबरने की स्थिति में नहीं था. उसके साथ जो हुआ, वह केवल उसके शरीर के साथ ही नहीं हुआ, बल्कि उसकी आत्मा के साथ भी हुआ.

रैगिंग बना अभिशाप

जब यह सब असहनीय हो गया तो उसने साहस जुटाया और इस कुकृत्य के खिलाफ आवाज उठाई. वह डरता था, लेकिन उसे यह समझ आ गया था कि चुप रहना अब उसके लिए संभव नहीं था. उसकी आवाज ने कॉलेज प्रशासन और पुलिस तक मामला पहुंचाया, और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. लेकिन यह कहानी केवल न्याय की नहीं थी, यह उस लड़के की आत्मा की लहरों में बहने की भी थी, जो कभी भी अपनी पीड़ा से उबर नहीं सका. समाज में रैगिंग की इस तरह की घटनाओं को नज़रअंदाज़ करना, केवल उन्हें और घातक बना सकता है. हमें यह समझना चाहिए कि छात्रों को केवल शिक्षा नहीं, बल्कि सुरक्षा और सम्मान भी चाहिए. हर छात्र को यह अधिकार होना चाहिए कि वह अपनी कॉलेज यात्रा को सुरक्षित, प्यार और सम्मान से भरे माहौल में जी सके, न कि घृणा और दर्द से.

शराब के लिए मांगते थे पैसा

शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि वरिष्ठ छात्र कनिष्ठ छात्रों से रविवार को शराब खरीदने के लिए पैसे वसूलते थे और उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते थे. आरोपियों ने 16 नवंबर को एक प्रथम वर्ष के छात्र को धमकी देकर गूगल पे के जरिए 300 रुपये ऑनलाइन भेजने और 500 रुपये नकद देने के लिए मजबूर किया. पुलिस ने खुलासा किया कि यह पैसा शराब खरीदने में इस्तेमाल किया गया था.

रैगिंग के बाद छात्रों पर क्या पड़ता है प्रभाव?

रैगिंग के ये कृत्य छात्रों की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डालते हैं. वे अवसाद, चिंता और आत्महत्या जैसे गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करते हैं. इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि रैगिंग केवल एक शरारत नहीं, बल्कि एक गंभीर अपराध है, जो छात्रों की जिंदगी को प्रभावित करता है.

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