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Henley Passport Index 2025: कैसे तैयार होती है दुनियाभर के पासपोर्ट की रैंकिंग?

Henley Passport Index ने रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार किस देश का पासपोर्ट कितना शक्तिशाली है, इसका खुलासा किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार इस लिस्ट में नंबर 1 पर सिंगापुर है. भारत की अगर बात की जाए तो भारत 85 वें स्थान पर है.

Henley Passport Index 2025: कैसे तैयार होती है दुनियाभर के पासपोर्ट की रैंकिंग?
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( Image Source:  Freepik )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 11 Jan 2025 2:48 PM IST

Henley Passport Index 2025 ने पासपोर्ट रैंकिग जारी कर दी है. जारी हुई रैंकिंग के मुताबिक सिंगापुर का पासपोर्ट दुनिया के सबसे स्ट्रांग पासपोर्ट में दर्ज है. ऐसे में जिन लोगों के पास सिंगापुर का पासपोर्ट है वो लोग 195 देशों में वीजा के बिना ही सफर कर सकते हैं. वहीं इस रैंकिंग में भारत ने 85वें नंबर की जगह हासिल की है. साल 2024 में भारत की जगह 80वें पर थी, लेकिन अब 85 पर पहुंच चुका है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि किस देश का पासपोर्ट कितना शक्तिशाली है, ये कैसे तय किया जाता है? आज हम आपको इसी से संबंधित जानकारी साझा करने आए हैं.

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक सिंगापुर शक्तिशाली पासपोर्ट वाला देश है. इसके कारण 227 में से 195 देशों में वीजाफ्री ट्रैवल कर सकते हैं. इस तरह जापान को भी पछाड़ दिया है. जापान ने इस साल दूसरे नंबर पर जगह हासिल की है. इस स्कोर के तहत 193 देशों में वीजाफ्री सफर कर पाएंगे.

कैसे तय की जाती है रैंकिंग?

रैंकिंग तय करने का काम हेनले ग्लोबल कंपनी द्वारा किया जाता है. किस देश का पासपोर्ट सबसे शक्तिशाली है इसे तय करने के लिए एक खास डेटा को तैयार किया जाता है. उसी के आधार पर रैंकिंग की जाती है. इसके आधार पर तैयार होने वाले हेनले ग्लोबल पासपोर्ट डेटाबेस में सभी 199 देशों को शामिल किया जाता है. वीजा फ्री कंट्री उस देश को माना जाता है जहां पासपोर्ट धारक को जाने के लिए पहले से अनुमति नहीं लेनी पड़ती. हालांकि और भी कई चीजों को देखा जाता है.

अर्थव्यवस्था का अहम रोल

किसी देश की अर्थव्यवस्था कैसी है. उसकी जीडीपी कितनी बेहतर है. ये बात भी पासपोर्ट रैंकिंग के लिए काफी अहम होती है. अगर किसी देश की अर्थव्यवस्था शानदार और जीडीपी भी बेहतर है उस देश के पासपोर्ट को ज्यादा से ज्यादा वीजाफ्री डेस्टीनेशन पर ट्रैवल करने का मौका मिलता है. इसी के साथ वहां के पॉलिटिकल सिस्टम का भी इसमें रोल होता है. जितना मजबूत और स्टेबल पॉलिटिकल सिस्टम होगा, देश में शांति होगी तो रैंकिंग और भी मजबूत होगी.

दूसरे देशों से कैसे संबंध?

अगर किसी देश के दूसरे देशों के साथ संबंध अच्छे नहीं है, तो इसका असर भी पासपोर्ट रैंकिंग पर पड़ता है. लेकिन अगर दूसरे देशों के साथ अच्छे संबंध है, पासपोर्ट के शक्तिशाली होने की उम्मीद उतनी ही बढ़ती जाती है. ये किसी भी देश के टूरिस्ट के लिए खास है. अब अगर बात की जाए कि आखिर रैंकिंग गिरती कैसे है? तो ये पूरी तरह से देश में होने वाली आतंकी घटना, हिंसा, अशांति पर निर्भर करता है. क्योंकि ये सब एक देश की छवि पर नकारात्मक असर डालती है. उस देश के अंदर का माहौल कैसा है इसकी जानकारी मिलती है. इस कारण देश में दूसरे देशों से आने वाले पर्यटकों के लिहाज से अच्छा नहीं होता. इस कारण जिस समय इंडैक्स रिपोर्ट बनाई जाती है उस दौरान इन सभी बातों का ख्याल किया जाता है. उसी के आधार पर देश के पासपोर्ट की रैंकिंग की जाती है.

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