Fake Currency से लेकर Jihad तक, AQIS मॉड्यूल का पर्दाफाश! गुजरात ATS ने अल-कायदा के 4 आतंकियों को किया गिरफ्तार
गुजरात ATS ने अल-कायदा से जुड़े चार आतंकियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें अहमदाबाद, दिल्ली, नोएडा और मोडासा के निवासी शामिल हैं. ये आरोपी सोशल मीडिया के ज़रिए आतंकी संगठन की विचारधारा फैला रहे थे और भारत विरोधी कंटेंट पोस्ट कर रहे थे. ATS ने इनके खिलाफ UAPA और BNS की धाराओं में FIR दर्ज की है. तलाशी के दौरान तलवार, आतंकी दस्तावेज़ और "ऑपरेशन सिंदूर" से जुड़े सबूत भी बरामद हुए हैं.

गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने अल-कायदा से जुड़े चार संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी करंसी के धंधे और आतंकी संगठन की विचारधारा फैलाने में लिप्त थे. इनमें से एक आरोपी को किसी अन्य राज्य से पकड़ा गया है. गिरफ्तार आरोपियों में मोहम्मद फैक, मोहम्मद फरीदीन, सैफुल्लाह कुरैशी और जीशान अली शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार, सभी आतंकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और संदिग्ध मोबाइल ऐप्स के जरिए अल-कायदा की विचारधारा का प्रचार-प्रसार कर रहे थे. ये लोग ऑटो-डिलीट फीचर वाले ऐप्स का इस्तेमाल करते थे ताकि उनके संचार का कोई सबूत न बचे.
ATS अधिकारियों ने बताया कि ये आरोपी काफी लंबे समय से आतंकी संगठन से जुड़े हुए थे और सोशल मीडिया के जरिए अल-कायदा के संपर्क में आए थे. इनकी गतिविधियों पर नजर तब पड़ी जब इन्होंने गुजरात में आतंकी गतिविधियों को लेकर चर्चा की. फिलहाल चारों आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है और उनके मोबाइल चैट व सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच जारी है. इनके खिलाफ UAPA की धारा 13, 18, 38, 39 और BNS की धाराएं 113, 152, 196 व 68 के तहत FIR दर्ज की गई है. फरीदीन और सैफुल्लाह को कोर्ट में पेश कर 14 दिन की रिमांड पर भेजा गया है, जबकि दो अन्य को अगली सुनवाई में कोर्ट में पेश किया जाएगा.
'अलकायदा की विचारधारा को भारत में फैला रहे थे आतंकी'
ATS DIG सुनील जोशी के मुताबिक, 10 जून को डिप्टी SP हर्ष उपाध्याय को जानकारी मिली थी कि Instagram पर पांच ऐसे अकाउंट सक्रिय हैं जो अल-कायदा की विचारधारा को भारत में फैला रहे हैं. ये अकाउंट लोकतंत्र और भारत विरोधी धार्मिक सामग्री साझा कर रहे थे. जांच में पाया गया कि चार आरोपी सोशल मीडिया पर आतंकी कंटेंट फैला रहे थे और उनका फिजिकल मूवमेंट भी संदिग्ध था.
ATS को जांच में मिले अहम सुराग
जांच में ATS को अहम सुराग हाथ लगे. फरीदीन के पास से एक तलवार और AQIS से जुड़ा आपत्तिजनक साहित्य जब्त किया गया. आरोपियों ने Instagram पर विभिन्न ग्रुप बनाकर शरिया कानून के समर्थन में और भारत सरकार के खिलाफ भड़काऊ पोस्ट शेयर किए. मोहम्मद फैक पाकिस्तानी इंस्टाग्राम अकाउंट्स से संपर्क में था, जो उसे जिहादी सामग्री मुहैया कराते थे.
'ऑपरेशन सिंदूर' से जुड़े दस्तावेज बरामद
ATS को 'ऑपरेशन सिंदूर' से जुड़े दस्तावेज भी फरीदीन के पास से बरामद हुए हैं, जिनमें भारत सरकार के खिलाफ, पाकिस्तान समर्थक और सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाली सामग्री शामिल थी. इस बीच मोडासा में सैफुल्लाह के भाई अमीन ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि सैफुल्लाह फोन पर क्या करता था. वह रोज सुबह 9 बजे काम पर जाता था और रात 8 बजे लौटता था. उसने 9वीं कक्षा भी पूरी नहीं की है और एक फर्नीचर कंपनी में काम करता था.
मख़तब अल-खिदमत से हुई थी अल-कायदा की स्थापना
गौरतलब है कि अल-कायदा की स्थापना मख़तब अल-खिदमत से हुई थी, जिसे ओसामा बिन लादेन के गुरु शेख अब्दुल्ला अज़्ज़ाम ने अफगानिस्तान में आतंकियों की फंडिंग के लिए बनाया था. 1991 तक अल-कायदा अफगानिस्तान और पाकिस्तान के पेशावर में सक्रिय था. यह 1996 से 2001 तक तालिबान की शरण में अफगानिस्तान से संचालित होता रहा.