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पंजाब नहीं, गुजरात है कबूतरबाजों का अड्डा, ऐसे बिछाते हैं ट्रैफिकिंग का जाल

कहा जाता है कि पंजाब अमेरिका में अवैध तरीके से भारतीय लोगों की एंट्री करवाता है, लेकिन एक रिपोर्ट में पता चला है कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग के मामले में पंजाब नहीं बल्कि सबसे ज्यादा एजेंट गुजरात में है.

पंजाब नहीं, गुजरात है कबूतरबाजों का अड्डा, ऐसे बिछाते हैं ट्रैफिकिंग का जाल
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हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 4 March 2025 3:11 PM IST

हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में अवैध तौर से रह रहे भारतीय लोगों को वापस भेजने का अभियान शुरू किया है. करीब 70-80 लोगों को मिलिट्री एयरक्राफ्ट से भारत भेजा गया था. अब टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत से ह्यूमन ट्रैफिकिंग नेटवर्क का बड़ा अड्डा पंजाब नहीं बल्कि गुजरात है.

टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार भारत से ह्यूमन ट्रैफिकिंग नेटवर्क की जांच की गई. जांच में हजारों लोकल एजेंट और कम से कम 150 कनाडाई कॉलेजों की भागीदारी का पता चला. ये लोग अमेरिका में अवैध एंट्री करवाते हैं. ईडी ऑफिसर ने बताया कि देश भर में करीब 4,000 से 4,500 ट्रैफिकिंग एजेंट एक्टिव हैं, जिनमें से 2,000 गुजरात में हैं. इस मामले में ऑफिसर ने कहा कि सेंट्रल एजेंसी ने कुछ एजेंट की पहचान कर ली है. साथ ही, उन्हें गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी जारी है.

कैसे करते हैं ट्रैफिकिंग?

ऑफिसर ने बताया कि यह घोटाला कैसे काम करता है. भारतीय एजेंट अपने कस्टमर्स का कनाडा के कॉलेज में स्टूडेंट वीजा पर एडमिशन कराते हैं. इनमें से कई कॉलेज अमेरिका के बॉर्डर के पास होते हैं. ऐसे में जब ये इमिग्रेंट्स कनाडा पहुंच जाते हैं, तो वे अवैध रूप से अमेरिका-कनाडा बॉर्डर पार कर जाते हैं. जांच में नवंबर 2021 से जुलाई 2024 के बीच गुजरात के स्टूडेंट्स ने कनाडा के कॉलेज में कई ट्रांजेक्शन किए.

इतने लाख मिलता है कमीशन

यह ट्रांजेक्शन 12,000 से ज्यादा का है. यह पेमेंट तीन या चार (भारतीय) फाइनेंशियल सरविस कंपनियों के जरिए किए गए थे. अब इन पर जांच जारी है. कमीशन मिलने के बाद इन फीस को कनाडा कॉलेज वापस अकाउंट में भेज देता है. यह कमीशन प्रति व्यक्ति 55 लाख से 60 लाख के बीच था. केंद्रीय एजेंसी ने तस्करी रैकेट के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है.

कैसे शुरू हुई जांच?

दरअसल इस बात का पता तब चला, जब साल 2022 में अमेरिका-कनाडा सीमा पार करने की कोशिश करते समय एक परिवार के चार लोगों की ठंड के कारण मौत हो गई थी. इनमें दो बच्चे भी शामिल थे. यह परिवार गांधीनगर के डिंगुचा गांव का रहने वाला है.जगदीश पटेल, उनकी पत्नी वैशालीबेन, बेटी विहांगी, और बेटा धार्मिक कनाडा के मैनिटोबा प्रांत के इमर्सन शहर के पास मृत पाए गए.

इन तीन जगहों पर की छापेमारी

ईडी ने पिछले दिसंबर में ह्यूमन ट्रैफिकिंग रैकेट के सिलसिले में मुंबई, नागपुर, गांधीनगर और वडोदरा में आठ जगहों पर छापेमारी की थी. ईडी ऑफिसर ने कहा कि इस जांच से पता चला है कि मुंबई, नागपुर और वडोदरा में मौजूद तीन इंस्टीट्यूट ने कमीशन के खिलाफ भारतीयों के एंट्री के लिए कुछ फॉरन यूनिवर्सिटीज के साथ समझौता किया था.

कॉलेज के जरिए सामने आई कहानी

ईडी ऑफिसर ने बताया कि 150 से ज्यादा कनाडाई कॉलेजों ने महाराष्ट्र में मौजूद इंस्टीट्यूट्स में से एक के साथ इस तरह का समझौता किया है. वहीं, 112 कनाडाई कॉलेजों ने दूसरे के साथ एग्रीमेंट किया. वहीं, सोर्स ने कहा कि कनाडा के जरिए भारत से अमेरिका में इलीगल इमीग्रेश बढ़ा है. पिछले साल सीमा पर 14,000 से अधिक भारतीय प्रवासियों को गिरफ्तार किया गया था.

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